जोधपुर: देश-दुनिया में इस्कॉन के सैकड़ों मंदिर हैं, लेकिन पहली बार किसी मंदिर का निर्माण उसी क्षेत्र के पत्थर से हो रहा है. जोधपुर में बनने वाले श्रीश्री राधागोविंदजी के मंदिर के निर्माण में जोधपुर के छित्तर के पत्थर का उपयोग हो रहा है. शुक्रवार को इस मंदिर का शिलान्यास किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
इस्कॉन ब्यूरो के वाइस चेयरमैन देवकीनंदन प्रभु ने बताया कि जोधपुर मंदिर का निर्माण जोधपुरी पत्थर से होगा. यह निर्माण सोमपुरा के वास्तुकारों की देखरेख में होगा. मंदिर की उंचाई सौ फीट होगी, जबकि पूरा निर्माण 15 हजार वर्ग फीट में होगा. मंदिर पर लगने वाले पत्थरों में धार्मिक नक्काशी नजर आएगी. इसमें शंख चक्र, कमल, गदा सहित अन्य प्रतिक नजर आएंगे. दीवारों पर कई जड़ाउ काम भी होंगे.
चार मंजिल के निर्माण पर 51 करोड़ रुपए खर्च होंगे. निर्माण कार्य तीन से चार वर्ष में पूरा होगा. जोधपुर इस्कॉन के पुरूषोतम प्रभु ने बताया कि मंदिर निर्माण में सिर्फ पत्थर का प्रयोग किया जाएगा, इसमें सीमेंट, बजरी और स्टील नहीं लगेगा. हर व्यक्ति यहां आकर सहयोग कर सकता है. उल्लेखनीय है कि इस्कॉन के दुनिया में 1630 से अधिक भव्य मंदिर, 57 फार्म कम्युनिटी, 1000 से ज्यादा कृष्ण प्रसादम आउटलेट्स व 500 से ज्यादा गोशालाएं संचालित हैं.
हुआ भामाशाहों का सम्मान : शिलान्यस समारोह में जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह, कैबिनेट मंत्री जोागराम पटेल, सांसद राजेंद्र गहलोत, विधायक देवेंद्र जोशी सहित अन्य लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले भामाशाहों का सम्मान भी किया गया. मंदिर के लिए भूमि रूकमानारायण गहलोत परिवार ले दी हैं.
बांग्लादेश में अत्याचार : पुरुषोत्तम प्रभु ने बताया कि बांग्लादेश में जब भी कोई विपरीत परिस्थितियों आई है, इस्कॉन हमेशा आगे रहा है. चाहे बाढ़ हो या तूफान हो, हमेशा इस्कॉन के सदस्यों ने वहां लोगों की सहायता की है. उन्होंने बताया कि इस्कॉन को मानने वाले सिर्फ हिंदू ही नहीं हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अभी वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार से बात कर रही है.