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जोधपुर दशहरा महोत्सव निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद, दक्षिण निगम ने पहली बार अतिथियों के नाम छपाए

जोधपुर में दोनों​ निगमों की ओर से आयोजित दशहरा महोत्सव के निमंत्रण पत्र में नाम छापने को लेकर विवाद हो गया है.

Jodhpur Dussehra Festival 2024
जोधपुर दशहरा महोत्सव निमंत्रण पत्र (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 3:20 PM IST

जोधपुर: जोधपुर के दोनों नगर निगम उत्तर व दक्षिण संयुक्त रूप से दशहरा महोत्सव मना रहे हैं. निमंत्रण भी संयुक्त रूप से भेजे गए हैं. लेकिन निमंत्रण में पहली बार अतिथियों के नाम छापने से विवाद खड़ा हो गया है. हाल ही में जब पूर्व सीएम अशोक गहलोत जोधपुर आए थे, तो दक्षिण की महापौर वनीता सेठ और कुंति देवड़ा ने जो निमंत्रण गहलोत को दिया उसमें किसी का नाम नहीं था. लेकिन बाद में जब निमंत्रण सामने आए, तो उनमें केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्य अतिथि, पूर्व महाराज गजसिंह कार्यक्रम के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने नाम विशिष्ठ अतिथि के रूप में छापे गए. दोनों तरह के कार्ड सार्वजनिक हो गए, जो अब चर्चा में बने हुए हैं.

इसको लेकर उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा का कहना है कि निगम में पहली बार ऐसा हुआ है कि दशहरा उत्सव के निमंत्रण में अतिथियों के नाम छापे गए. देवड़ा ने कहा कि जब पूर्व सीएम को निमंत्रण पत्र दिया गया, तब किसी के नाम नहीं थे. अब दो दिन पहले जो निमंत्रण पत्र आए हैं, उनमें अतिथियों के नाम हैं. उन्होंने इसको लेकर दक्षिण की महापौर वनीता सेठ से आपति भी जताई. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उल्लेखनीय है कि दक्षिण निगम का बोर्ड भाजपा शासित है जबकि उत्तर का कांग्रेस शासित है. पांच साल गहलोत सीएम रहे, तो उत्तर नगर निगम की तूती बोलती थी. लेकिन अब प्रदेश में सत्ता बदली तो हालात बदल गए.

पढ़ें: Jodhpur Dussehra Festival : दशहरा महोत्सव में भाग लेने जोधपुर आएंगे सीएम गहलोत...

पहली बार गहलोत नहीं आएंगे: पूर्व सीएम अशोक गहलोत सीएम रहे या नहीं रहे, लेकिन जोधपुर के दशहरा उत्सव में जरूर शामिल होते हैं. सीएम रहते हुए भी वे हमेशा जोधपुर में ही रावण दहन करने आते रहे हैं. लेकिन इस बार वे जोधपुर नहीं आ रहे हैं. संभवत यह पहला मौका है जब वे रावण दहन में शामिल नहीं हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इसकी वजह निमंत्रण पत्र ही है.

जोधपुर: जोधपुर के दोनों नगर निगम उत्तर व दक्षिण संयुक्त रूप से दशहरा महोत्सव मना रहे हैं. निमंत्रण भी संयुक्त रूप से भेजे गए हैं. लेकिन निमंत्रण में पहली बार अतिथियों के नाम छापने से विवाद खड़ा हो गया है. हाल ही में जब पूर्व सीएम अशोक गहलोत जोधपुर आए थे, तो दक्षिण की महापौर वनीता सेठ और कुंति देवड़ा ने जो निमंत्रण गहलोत को दिया उसमें किसी का नाम नहीं था. लेकिन बाद में जब निमंत्रण सामने आए, तो उनमें केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्य अतिथि, पूर्व महाराज गजसिंह कार्यक्रम के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने नाम विशिष्ठ अतिथि के रूप में छापे गए. दोनों तरह के कार्ड सार्वजनिक हो गए, जो अब चर्चा में बने हुए हैं.

इसको लेकर उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा का कहना है कि निगम में पहली बार ऐसा हुआ है कि दशहरा उत्सव के निमंत्रण में अतिथियों के नाम छापे गए. देवड़ा ने कहा कि जब पूर्व सीएम को निमंत्रण पत्र दिया गया, तब किसी के नाम नहीं थे. अब दो दिन पहले जो निमंत्रण पत्र आए हैं, उनमें अतिथियों के नाम हैं. उन्होंने इसको लेकर दक्षिण की महापौर वनीता सेठ से आपति भी जताई. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उल्लेखनीय है कि दक्षिण निगम का बोर्ड भाजपा शासित है जबकि उत्तर का कांग्रेस शासित है. पांच साल गहलोत सीएम रहे, तो उत्तर नगर निगम की तूती बोलती थी. लेकिन अब प्रदेश में सत्ता बदली तो हालात बदल गए.

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पहली बार गहलोत नहीं आएंगे: पूर्व सीएम अशोक गहलोत सीएम रहे या नहीं रहे, लेकिन जोधपुर के दशहरा उत्सव में जरूर शामिल होते हैं. सीएम रहते हुए भी वे हमेशा जोधपुर में ही रावण दहन करने आते रहे हैं. लेकिन इस बार वे जोधपुर नहीं आ रहे हैं. संभवत यह पहला मौका है जब वे रावण दहन में शामिल नहीं हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इसकी वजह निमंत्रण पत्र ही है.

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