जोधपुर. देश की हॉट सीटों में शुमार जोधपुर संसदीय सीट इस बार भी खासा चर्चा के केंद्र में रही. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने इस क्षेत्र में जमकर प्रचार किया. दलगत आरोप-प्रत्यारोपों के साथ ही दोनों ही दलों की ओर से जीत के बड़े-बड़े दावे किए गए. खैर, आज फैसले का दिन है. ऐसे में आज यह साफ हो जाएगा कि क्षेत्र की जनता ने किसे चुना है और किसे नकार दिया है.
शेखावत जीते तो कर लेंगे गहलोत की बराबरी : भाजपा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लगातार तीसरी बार यहां से मैदान में उतारा तो कांग्रेस नए चेहरे के रूप में करण सिंह उचियारड़ा पर भरोसा जताया. दोनों राजपूत उम्मीदवार होने से यहां सख्त मुकाबला देखने को मिला. यही वजह है कि इस बार यहां भाजपा भी एकतरफा जीत को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आई. इन सब के बावजूद अगर गजेंद्र सिंह शेखावत यहां जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रहते हैं तो वो यहां गहलोत के बाद दूसरे ऐसे सांसद होंगे, जो लगातार तीन बार चुनाव जीतने में कामयाब होंगे.
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करण सिंह जीते तो कांग्रेस की होगी वापसी : जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के गत छह चुनाव परिणामों पर नजर डाले तो पाएंगे कि कांग्रेस ने हर दो चुनाव के बाद कम बैक किया है. साल 1998 में गहलोत ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. उसके बाद लगातार दो बार भाजपा के जसवंत सिंह बिश्नोई ने यहां से जीत दर्ज की. फिर 2009 में जसवंत सिंह के सामने कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में चंद्रेश कुमारी को उतारा तो बिश्नोई हैट्रिक बनाने से चूक गए, लेकिन 2014 में चंद्रेश कुमारी को गजेंद्र सिंह शेखावत ने चुनाव हरा दिया.
2019 में शेखावत दूसरी बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. पिछले लोकसभा चुनाव में शेखावत ने वैभव गहलोत को हराया था. अब 2024 में कांग्रेस ने फिर नए चेहरे के रूप में करण सिंह उचियारड़ा को उतारा. ऐसे में उचियारड़ा के मैदान में उतरने से मुकाबला सख्त हो गया, लेकिन क्या वे दस साल बाद कांग्रेस का कम बैक करवा पाएंगे. इसका भी फैसला आज हो जाएगा.
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पिछले छह लोकसभा चुनाव के परिणाम : साल 1998 में कांग्रेस के अशोक गहलोत ने भाजपा के जसवंत सिंह बिश्नोई को 5444 वोटों से पराजित किया था. इसके बाद 1999 में भाजपा के जसवंत सिंह बिश्नोई ने कांग्रेस के पूनम चंद बिश्नोई को 113297 वोटों से चुनाव हरा दिया. इसके बाद 2004 में फिर से भाजपा के जसवंत सिंह बिश्नोई ने यहां जीत दर्ज की और उन्होंने कांग्रेस के बद्रीराम जाखड़ को 42495 मतों से मात दी.
हालांकि, 2009 के चुनाव में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी ने भाजपा के जसवंत सिंह बिश्नोई को 98329 वोटों से हरा दिया. वहीं, 2014 की मोदी लहर में भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी को 410051 वोटों पराजित कर सीट पर कब्जा कर लिया. इसके बाद 2019 में भी शेखावत जीत दर्ज करने में कामयाब रहे और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी व राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 274440 मतों से पराजित किया.
साल 2019 के चुनाव में भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत को 788888 वोट पड़े थे, जो कुल मतदान का 58.53% था. वहीं, कांग्रेस के वैभव गहलोत को 514448 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 38.17% रहा.