रांची: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को 10वां समन जारी किये जाने और 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच अपना बयान दर्ज कराना अनिवार्य किये जाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता ईडी और केंद्र सरकार पर खासे आक्रोशित हैं.
शनिवार को झामुमो की सभी जिला कमेटियों ने अपने-अपने जिलों में मशाल जुलूस के साथ प्रदर्शन किया और कहा कि जिस तरह से उनके नेता को परेशान किया जा रहा है, उसके बाद झामुमो कार्यकर्ता चुप बैठने वाले नहीं हैं. रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि अब हम पार्टी कार्यकर्ता अपनी केंद्रीय कमेटी की बात भी नहीं सुनेंगे क्योंकि अब पानी सिर से ऊपर बहने लगा है.
निकाला गया मशाल जुलूस: झामुमो के जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम और जिला सचिव डॉ हेमलाल के नेतृत्व में झामुमो कार्यकर्ताओं ने हाथों में मशाल लेकर जयपाल सिंह स्टेडियम से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक आक्रोश मार्च निकाला और केंद्र सरकार, भाजपा और ईडी के खिलाफ नारे लगाये. आक्रोशपूर्ण मशाल जुलूस अलबर्ट एक्का चौक पर नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गया, जिसमें जिलाध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर उनके नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को परेशान किया जा रहा है.
झामुमो जिला अध्यक्ष ने कहा कि 20 जनवरी 2024 को उनके नेता ने ईडी को पूरा सहयोग किया और 7 घंटे से अधिक समय तक ईडी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का बयान दर्ज किया. लेकिन अगले ही दिन ईडी ने दर्ज बयान को अधूरा मानते हुए 9वां समन जारी किया और 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच का समय तय किया. जब उनके नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मार्च महीने तक अपनी व्यस्तता के बारे में बताया तो ईडी अधिकारियों द्वारा 10वां समन देकर मुख्यमंत्री की उपस्थिति को अनिवार्य और बाध्यकारी बना दिया. इसस कार्यकर्ता काफी आक्रोशित हैं.
राजभवन के सामने करेंगे धरना प्रदर्शन: झामुमो जिलाध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि अब झामुमो कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे. रविवार से चरणबद्ध तरीके से राजभवन के समक्ष धरना दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से ईडी केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और एक विकासशील चुनी हुई सरकार को परेशान किया जा रहा है. उसका विरोध करना ही एकमात्र रास्ता बचा है. जेएमएम नेता ने कहा कि बीजेपी, ईडी और केंद्र सरकार को पता होना चाहिए कि यह झारखंड की धरती है और झामुमो का निर्माण ही आंदोलन से हुआ है.
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