रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए मांग की है कि गढ़वा विधानसभा सीट से भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार सत्येंद्रनाथ तिवारी की उम्मीदवारी 24 घंटे के अंदर रद्द की जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कानून का सहारा लेगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने प्रेस वार्ता में कहा कि चुनाव आयोग बराबरी का मौका देने की बात जरूर करता है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है, ऐसे में यह शब्द अब मजाक का विषय बन गया है.
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गढ़वा विधानसभा क्षेत्र (80) से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी द्वारा जो पर्चा दाखिल किया गया है उसका एक महत्वपूर्ण अंग होता है शपथ पत्र यानी फॉर्म 26. इसमें एक भी कॉलम छोड़ना नहीं होता है, इसका एक अहम पार्ट होता है नो ड्यूज सर्टिफिकेट. लेकिन पिछले 10 वर्षों से रांची के एचईसी धुर्वा स्थित जिस सरकारी आवास में सत्येंद्रनाथ तिवारी 2019 तक रहे उन्होंने अपने नामांकन हलफनामे में उस सरकारी आवास के लिए कोई नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के अधिकृत प्रत्याशी और उनके एजेंट ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की और सत्येंद्र नाथ तिवारी का नामांकन रद्द करने की मांग की, लेकिन लिखित शिकायत के बाद भी रिटर्निंग ऑफिसर ने कोई संज्ञान नहीं लिया. झामुमो नेता ने कहा कि हमारे सोर्स बताते हैं कि भारत निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि नामांकन भाजपा प्रत्याशी का है तो उसे खारिज नहीं करना है और यदि विपक्षी दलों का है तो दूरबीन लगाकर उनके नामांकन पत्रों में खामियां ढूंढी जाए.
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि परिस्थितियां बताती हैं कि भाजपा हताश और मुद्दाविहीन हो गई है और अब उनके पास साजिश का ही सहारा है.
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