रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि परिवारवाद के खिलाफ बात करने वाले देश के प्रधानमंत्री ने अपना नया परिवार शुरु किया है. उनके परिवार में उपेंद्र सिंह रावत, पवन सिंह, मेहुल चौकसी, कुलदीप सेंगर, चिन्मयानंद, नीरव मोदी, ललीत मोदी, विजय माल्या, बृजभूषण सिंह, बिल्किस बानो के दोषी उनके परिवार, कठुआ के लोग शामिल हैं. उनका परिवार बहुत बड़ा हो गया है. इसमें अजीत पवार, शिंदे, हेमंता विश्वशर्मा, नारायण राणे, प्रफुल्ल पटेल, छग्गन भुजबल जैसे भी शामिल हैं. अब उनको समझ में आ गया है कि परिवार क्या होता है. सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम की अपनी बातें किस तरह उनपर लागू होती हैं, यह हम सबने कई बार देखा.
मोदी परिवार डरने वाला, सोरेन परिवार लड़ने वाला- सुप्रीयो
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम मोदी को सोरेन परिवार, लालू परिवार क्यों बोलना पड़ रहा है. मोदी जी का परिवार डरने वाला परिवार है. सोरेन परिवार लड़ने वाला परिवार है. अब परिवार की लड़ाई होगी. यकीनन, जनता का परिवार विजयी होगा. पीएम मोदी के परिवार में मणिपुर क्यों नहीं है.
क्यों अच्छे लगने लगे मधु कोड़ा- सुप्रीयो
उन्होंने कहा कि क्यों अब मधु कोड़ा अच्छा लगने लगा. जिसको आप पानी पी-पीकर गाली देते थे. आप मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार का पर्याय मानते थे. आज कैसे अपने परिवार में ले लिए. कहां गया आपका जीरो टॉलरेंस. आपको भाड़े में लोग लाने पड़ रहे हैं. अब ईडी से देश का कोई व्यक्ति डरने वाला नहीं है. सीबीआई से भी कोई डरने वाला नहीं है. कहां गया आपका डीआरआई. पोर्ट से अडाणी के जो मादक पदार्थ मिले, उसका क्या हुआ.
सीबीआई जांच से नहीं डरते- सुप्रीयो
लोकपाल द्वारा सोरेन परिवार की संपत्ति का सीबीआई से जांच के सवाल पर सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि एजेंसी को छह माह का समय दिया गया है. जांच करा लें. हम जांच के लिए तैयार हैं. मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए.
मायावी हैं पीएम मोदी- सुप्रीयो
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम मोदी मायावी हैं. उनका अवतरण अंतरिक्ष से हुआ था. कभी ओबीसी बन जाते हैं. कभी वनवासी बन जाते हैं. कभी आदिवासी बन जाते हैं. उम्मीद है कि उनपर भी जरुर शोध होगा.
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड मामले को क्यों टाला- सुप्रीयो
अब उनमें इतना डर आ गया है कि अब भारतीय स्टेट बैंक को भी अपने कब्जे में कर लिया है. एक ऐतिहासिक फैसला आया था. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया. एसबीआई को भी निर्देश दिया कि मार्च के पहले हफ्ते तक पॉलिटिकल बॉन्ड खरीदने वाले और पाने वाले का नाम चुनाव आयोग को उपलब्ध कराएं. चुनाव आयोग को आदेश दिया था 13 मार्च तक संपूर्ण जानकारी देश को उपलब्ध कराएं. लेकिन मोदी सरकार के चोर रास्ते बंद नहीं हुए.
एसबीआई ने अर्जी दाखिल कर 30 जून तक का वक्त मांग लिया. यह बात पब्लिक डोमेन में है कि करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपए बीजेपी, 11 सौ करोड़ रुपए कांग्रेस और कुछ हजार करोड़ टीएमसी को मिले हैं. हमलोगों को तो दहाईं में भी नहीं मिला. लोकसभा का चुनाव समाप्त होने तक इसको क्यों टाला गया. आखिर मोदी जी को ऐसा क्यों डर लग रहा है?
राज्यसभा चुनाव में किसका होगा प्रत्याशी ?
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि गठबंधन का स्वरूप पूरी तरह से साफ हो गया है. अधिसूचना जारी होते ही इसकी अधिकारिक घोषणा होगी. राज्यसभा का भी चुनाव होना है. हम एकसाथ मिलकर राज्यसभा भी लड़ेंगे. उपयुक्त समय पर नाम का भी औपचारिक घोषणा कर दिया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि राज्यसभा में प्रत्याशी झामुमो का होगा या कांग्रेस का. जवाब में उन्होंने कहा कि प्रत्याशी झारखंड का होगा.
ये भी पढ़ें-
कल्पना सोरेन की राजनीति में धमाकेदार एंट्री, मंच पर हुईं भावुक, कहा- झारखंड झुकेगा नहीं