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जेएमएम के अधूरे चुनावी वादों पर सियासत तेज, सीपी सिंह ने सदन में उठाया मुद्दा, झामुमो ने किया पलटवार - JMM ELECTION PROMISES

2019 चुनाव में जेएमएम के अधूरे वादों पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी के आरोप के बाद जेएमएम की ओर से जवाब दिया गया.

JMM election promises
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 26, 2025, 5:34 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक सीपी सिंह ने 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा किए गए वादों की याद दिलाई.

उन्होंने कहा कि निश्चय पत्र के रूप में जारी झामुमो के घोषणापत्र में किए गए अधिकांश वादे पूरे नहीं हुए और वे वादे 2024 के चुनाव घोषणापत्र से भी गायब हो गए हैं. उनका आरोप है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों को धोखा देकर 2019 में "बदलो सरकार-पाओ अधिकार" के नारे के साथ लोगों का विश्वास और सत्ता हासिल की और फिर उन वादों को भूल गए और 2024 में नए सपने दिखाने लगे.

भाजपा और झामुमो के प्रवक्ता का बयान (Etv Bharat)

जनता से किए गए अधिकांश चुनावी वादे रह गए अधूरे

  • सरकार बनने के दो साल के अंदर सरकारी पदों को भरना
  • सभी बेरोजगारों को ₹5000 भत्ता देने और पोस्ट ग्रेजुएट्स को नौकरी न मिलने पर ₹7000 देना
  • हर ब्लॉक में नशा मुक्ति केंद्र खोलना
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को 10% अतिरिक्त अंक देकर मेरिट लिस्ट बनाने का वादा
  • पांच साल से उपयोग में नहीं लाई गई अधिग्रहित जमीन किसानों को वापस करना
  • हर अनुमंडल में महिलाओं के लिए कॉलेज खोलना
  • राज्य की आधी आबादी के लिए महिला बैंक बनाने का वादा
  • तीन साल से कम उम्र के बच्चों की माताओं को सरकारी योजनाओं में पुरुषों के मुकाबले 15% अधिक वेतन देने का वादा
  • 03 लाख की आबादी पर महिला थाना बनाना
  • हर गरीब परिवार को ₹72 हजार प्रति वर्ष की गारंटीड आय देने का वादा था बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को 2500 रुपये मासिक पेंशन
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर चायपत्ती, सरसों तेल, साबुन, सब्जियां और दालें उपलब्ध कराने का वादा
  • राज्य में किसान बैंक स्थापित करने का वादा
  • अनाज के साथ सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का वादा
  • लागत मूल्य का 150% MSP तय करने का वादा
  • धान का समर्थन मूल्य 2300 से बढ़ाकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा
  • मनरेगा मजदूरों को 100 दिन की जगह 150 दिन काम देने का वादा
  • पेसा, सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सख्ती से पालन करने का वादा
  • छोटे मामलों में जेल से बंद आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों को बिना दोषी करार दिए रिहा करने की प्रक्रिया शुरू करने का वादा
  • राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में शहर के पास जलाशय बनाने का वादा
  • जलाशय विकास निगम की स्थापना करने का वादा
  • जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा गिरिडीह और साहिबगंज
  • निजी स्कूलों में मनमानी फीस रोकने का वादा
  • हर सरकारी स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा देने का वादा
  • पलामू, गढ़वा, गिरिडीह, चाईबासा, दुमका और देवघर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा
  • पलामू, संथाल परगना और चाईबासा में पर्यटन सर्किट बनाने का वादा
  • राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा
  • मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी और अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड बनाने का वादा
  • पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को उप-राजधानी बनाने का वादा
  • प्रशासनिक सुधार आयोग बनाने का वादा
  • संविदा नियुक्ति समाप्त कर स्थायी नौकरी देने का वादा
  • समान काम के लिए समान वेतन का वादा
  • सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का वादा
  • गरीब व्यक्ति की बेटी की शादी पर सोने के सिक्के देने की योजना को फिर से शुरू करने का वादा

वादे से पीछे हटना हेमंत सरकार की आदत है: भाजपा

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में किए गए झामुमो के अधूरे वादों को उजागर करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने 2019 के चुनावी नारे "बदलो सरकार, पाओ अधिकार" के साथ लोगों का विश्वास जीता था, लेकिन सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन उन वादों को भूल गए. हैरानी की बात यह है कि 2019 के अधिकतर बड़े चुनावी वादे न तो पार्टी ने पूरे किए और न ही 2024 के चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में इन्हें जगह दी.

मंगलवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मंत्री सीपी सिंह द्वारा घोषणापत्र में किए गए वादों को भूल जाने के आरोप को सही बताते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जनता से किए गए वादों से मुकरना हेमंत सरकार की आदत बन गई है. 2019 में हर ग्रेजुएट जो बेरोजगार है या जिसके पास नौकरी नहीं है उसे ₹5000 और पोस्ट ग्रेजुएट को ₹7500 बेरोजगारी भत्ता देने का क्या हुआ, यह अब नए घोषणापत्र से भी गायब है. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि उनके वरिष्ठ नेता सीपी सिंह सिर्फ जनता को उनके (हेमंत सोरेन) द्वारा 2019 में जनता से किए गए अधूरे वादों की याद दिला रहे हैं.

हेमंत सरकार द्वारा 2019 से 2024 द्वारा पूरे किए गए प्रमुख वादे

  • सरकारी कर्मचारियों-पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हेमंत सरकार ज्यादा मेहरबान
  • राज्य सरकार की सेवा में 2004 के बाद नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू
  • पुलिसकर्मियों को साल में 12 की जगह 13 महीने का मिला वेतन
  • महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये मंईयां सम्मान योजना के रूप में चूल्हा चौका देने का वादा
  • स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के वादे को पूरा करने का प्रयास
  • यूनिवर्सल पेंशन लागू
  • किसानों का 200000 रुपये तक का कर्ज माफ
  • किसान स्कूल खुलने लगे
  • मुख्यमंत्री गंभीर बीमा योजना को और प्रभावी बनाया गया
  • मेधावी छात्रों के लिए विदेश में शिक्षा और सीएम एक्सीलेंस स्कूल शुरू किए गए

2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को याद करें सीपी सिंह - जेएमएम

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीपी सिंह द्वारा झामुमो के 2019 विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र के अधूरे वादों को केंद्र में रखकर हेमंत सरकार को घेरने पर झामुमो की ओर से भी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि सीपी सिंह को झामुमो के घोषणा पत्र की जगह भाजपा के 2014 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र की बात करनी चाहिए. सीपी सिंह को बताना चाहिए कि हर साल 02 करोड़ रोजगार, महंगाई पर लगाम, विदेशों से कालाधन वापस लाने का क्या हुआ?

झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा के लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक आंदोलनकारी और आदिवासी का बेटा राज्य का मुख्यमंत्री बना है. उन्हें छत्तीसगढ़ी मुख्यमंत्री पसंद हैं. मनोज पांडेय ने कहा कि जब हमने 2019 में जनता से किए वादे पूरे नहीं किए तो 2024 में हमें प्रचंड बहुमत कैसे मिल गया?

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झामुमो का 'अधिकार पत्र', शिबू सोरेन ने जारी किया पार्टी का घोषणा पत्र

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक सीपी सिंह ने 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा किए गए वादों की याद दिलाई.

उन्होंने कहा कि निश्चय पत्र के रूप में जारी झामुमो के घोषणापत्र में किए गए अधिकांश वादे पूरे नहीं हुए और वे वादे 2024 के चुनाव घोषणापत्र से भी गायब हो गए हैं. उनका आरोप है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों को धोखा देकर 2019 में "बदलो सरकार-पाओ अधिकार" के नारे के साथ लोगों का विश्वास और सत्ता हासिल की और फिर उन वादों को भूल गए और 2024 में नए सपने दिखाने लगे.

भाजपा और झामुमो के प्रवक्ता का बयान (Etv Bharat)

जनता से किए गए अधिकांश चुनावी वादे रह गए अधूरे

  • सरकार बनने के दो साल के अंदर सरकारी पदों को भरना
  • सभी बेरोजगारों को ₹5000 भत्ता देने और पोस्ट ग्रेजुएट्स को नौकरी न मिलने पर ₹7000 देना
  • हर ब्लॉक में नशा मुक्ति केंद्र खोलना
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को 10% अतिरिक्त अंक देकर मेरिट लिस्ट बनाने का वादा
  • पांच साल से उपयोग में नहीं लाई गई अधिग्रहित जमीन किसानों को वापस करना
  • हर अनुमंडल में महिलाओं के लिए कॉलेज खोलना
  • राज्य की आधी आबादी के लिए महिला बैंक बनाने का वादा
  • तीन साल से कम उम्र के बच्चों की माताओं को सरकारी योजनाओं में पुरुषों के मुकाबले 15% अधिक वेतन देने का वादा
  • 03 लाख की आबादी पर महिला थाना बनाना
  • हर गरीब परिवार को ₹72 हजार प्रति वर्ष की गारंटीड आय देने का वादा था बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को 2500 रुपये मासिक पेंशन
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर चायपत्ती, सरसों तेल, साबुन, सब्जियां और दालें उपलब्ध कराने का वादा
  • राज्य में किसान बैंक स्थापित करने का वादा
  • अनाज के साथ सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का वादा
  • लागत मूल्य का 150% MSP तय करने का वादा
  • धान का समर्थन मूल्य 2300 से बढ़ाकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा
  • मनरेगा मजदूरों को 100 दिन की जगह 150 दिन काम देने का वादा
  • पेसा, सीएनटी-एसपीटी एक्ट का सख्ती से पालन करने का वादा
  • छोटे मामलों में जेल से बंद आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों को बिना दोषी करार दिए रिहा करने की प्रक्रिया शुरू करने का वादा
  • राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में शहर के पास जलाशय बनाने का वादा
  • जलाशय विकास निगम की स्थापना करने का वादा
  • जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा गिरिडीह और साहिबगंज
  • निजी स्कूलों में मनमानी फीस रोकने का वादा
  • हर सरकारी स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा देने का वादा
  • पलामू, गढ़वा, गिरिडीह, चाईबासा, दुमका और देवघर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा
  • पलामू, संथाल परगना और चाईबासा में पर्यटन सर्किट बनाने का वादा
  • राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा
  • मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी और अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड बनाने का वादा
  • पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को उप-राजधानी बनाने का वादा
  • प्रशासनिक सुधार आयोग बनाने का वादा
  • संविदा नियुक्ति समाप्त कर स्थायी नौकरी देने का वादा
  • समान काम के लिए समान वेतन का वादा
  • सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का वादा
  • गरीब व्यक्ति की बेटी की शादी पर सोने के सिक्के देने की योजना को फिर से शुरू करने का वादा

वादे से पीछे हटना हेमंत सरकार की आदत है: भाजपा

2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में किए गए झामुमो के अधूरे वादों को उजागर करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने 2019 के चुनावी नारे "बदलो सरकार, पाओ अधिकार" के साथ लोगों का विश्वास जीता था, लेकिन सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन उन वादों को भूल गए. हैरानी की बात यह है कि 2019 के अधिकतर बड़े चुनावी वादे न तो पार्टी ने पूरे किए और न ही 2024 के चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में इन्हें जगह दी.

मंगलवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मंत्री सीपी सिंह द्वारा घोषणापत्र में किए गए वादों को भूल जाने के आरोप को सही बताते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जनता से किए गए वादों से मुकरना हेमंत सरकार की आदत बन गई है. 2019 में हर ग्रेजुएट जो बेरोजगार है या जिसके पास नौकरी नहीं है उसे ₹5000 और पोस्ट ग्रेजुएट को ₹7500 बेरोजगारी भत्ता देने का क्या हुआ, यह अब नए घोषणापत्र से भी गायब है. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि उनके वरिष्ठ नेता सीपी सिंह सिर्फ जनता को उनके (हेमंत सोरेन) द्वारा 2019 में जनता से किए गए अधूरे वादों की याद दिला रहे हैं.

हेमंत सरकार द्वारा 2019 से 2024 द्वारा पूरे किए गए प्रमुख वादे

  • सरकारी कर्मचारियों-पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हेमंत सरकार ज्यादा मेहरबान
  • राज्य सरकार की सेवा में 2004 के बाद नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू
  • पुलिसकर्मियों को साल में 12 की जगह 13 महीने का मिला वेतन
  • महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये मंईयां सम्मान योजना के रूप में चूल्हा चौका देने का वादा
  • स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के वादे को पूरा करने का प्रयास
  • यूनिवर्सल पेंशन लागू
  • किसानों का 200000 रुपये तक का कर्ज माफ
  • किसान स्कूल खुलने लगे
  • मुख्यमंत्री गंभीर बीमा योजना को और प्रभावी बनाया गया
  • मेधावी छात्रों के लिए विदेश में शिक्षा और सीएम एक्सीलेंस स्कूल शुरू किए गए

2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को याद करें सीपी सिंह - जेएमएम

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीपी सिंह द्वारा झामुमो के 2019 विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र के अधूरे वादों को केंद्र में रखकर हेमंत सरकार को घेरने पर झामुमो की ओर से भी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि सीपी सिंह को झामुमो के घोषणा पत्र की जगह भाजपा के 2014 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र की बात करनी चाहिए. सीपी सिंह को बताना चाहिए कि हर साल 02 करोड़ रोजगार, महंगाई पर लगाम, विदेशों से कालाधन वापस लाने का क्या हुआ?

झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा के लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक आंदोलनकारी और आदिवासी का बेटा राज्य का मुख्यमंत्री बना है. उन्हें छत्तीसगढ़ी मुख्यमंत्री पसंद हैं. मनोज पांडेय ने कहा कि जब हमने 2019 में जनता से किए वादे पूरे नहीं किए तो 2024 में हमें प्रचंड बहुमत कैसे मिल गया?

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450 रुपये में एलपीजी और 3200 एमएसपी का वादा भूल गये वित्त मंत्री! बचाव में उतरा झामुमो, भाजपा ने की घेराबंदी

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झामुमो का 'अधिकार पत्र', शिबू सोरेन ने जारी किया पार्टी का घोषणा पत्र

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