रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुमका लोकसभा प्रत्याशी सीता सोरेन को कल्पना सोरेन और हेमंत सोरेन के प्रति अमर्यादित टिप्पणी से बचने की सलाह दी है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने दुमका से भाजपा प्रत्याशी और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू को भाजपा नेताओं के बहकावे में आने की सलाह देते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ही उनका (सीता सोरेन) का वास्तविक घर है और सितंबर-अक्टूबर में उन्हें इसी घर में वापस आना है.
भाजपा नेताओं के बहकावे में न आएं सीता सोरेनः झामुमो
मनोज पांडेय ने कहा कि सीता सोरेन सोरेन परिवार की बड़ी बहू हैं. उनकी घर वापसी पर हम सब उनके मान-सम्मान का ख्याल रखेंगे, लेकिन उन्हें भी अमर्यादित बयानबाजी से परहेज करना चाहिए. उन्हें भाजपा नेताओं के बहकावे में आकर दिग्भ्रमित नहीं होना चाहिए.
क्या था सीता सोरेन का बयान
दुमका लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन ने एक सभा में जो बयान दो दिन पहले दिया था उसमें उन्होंने पहले हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को अपनी छवि सुधारने और तब भाजपा पर आरोप लगाने को सलाह दी थी. दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने कहा था कि गांडेय में कल्पना सोरेन के नामांकन के बाद जिस तरह से बीमार बाबा (शिबू सोरेन) को चिलचिलाती धूप में घंटों मंच पर बैठाया गया, उससे साफ है कि कल्पना सोरेन को सिर्फ सत्ता चाहिए, बाबा की जान की फिक्र उन्हें नहीं है.
हेमंत और कल्पना सोरेन पर सीता ने कसा था तंज
सीता सोरेन ने कहा था कि बाबा को कुछ भी हो जाए, कल्पना सोरेन को सत्ता चाहिए. सीता सोरेन इतने पर नहीं रुकी थीं. उन्होंने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन का आशीर्वाद लेते कल्पना सोरेन की तस्वीर पर भी तंज कसते हुए कहा था कि ये सब वही करते हैं जो झूठे होते हैं.
सलाह देने वाले बताएं सोरेन परिवार में बड़ी बहू को सम्मान क्यों नहीं मिला?
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय द्वारा सीता सोरेन को बयानबाजी में मर्यादा बनाये रखने की सलाह पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सह प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झामुमो के नेता बताएं कि सोरेन परिवार की बड़ी बहू को उनके पति के नहीं रहने पर विरासत का अधिकार क्यों नही मिला. दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों होता रहा. तीन-तीन बार की निर्वाचित विधायक को कोई पद नहीं मिला और दूसरे लोग मंत्री, मुख्यमंत्री और सांसद बन गए. ऐसे में भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन को सलाह देने का हक झामुमो नेताओं को नहीं है.
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