भोपाल। सागर के खुरई में युवती की मौत और गुना में बंजारा जाति के युवक के साथ अमानवीय घटना को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. जीतू पटवारी का कहना "मध्यप्रदेश जंगलराज की पराकाष्टा को पार कर चुका है. प्रदेश में दलितों, आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है. हत्या, दुष्कर्म और घोटाले के मामले प्रदेश में हर दिन कलंकित कर रहा है. विपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री को 10 से ज्यादा पत्र लिखे, लेकिन वह विपक्ष के साथ बदले की भावना से काम करने लगे हैं. यही वजह है कि चुनाव के दौरान मेरे ऊपर 4 एफआईआर दर्ज की गईं, लेकिन सभी कोर्ट में खारिज हो गईं."
पटवारी ने गुना की घटना को बताया तालिबानी
गुना के बंजारा जाति के युवक के साथ अमानवीय घटना को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा "जिस तरह की ये घटना हुई है, बंजारा समाज के व्यक्ति के साथ जिस तरह से कृत्य किया गया, वह तालीबानी नहीं है तो क्या है? मध्यप्रदेश में जिस तरह की व्यवस्था बन रही है और ये सरकार का फेलियर है, यह चिंता की बात है. इसी तरह से सागर के दलित परिवार का प्रकरण भी चिंता में डालने वाला है. बहन के साथ छेड़छाड़, भाई का हत्या, फिर चाचा की हत्या, मां को निवस्त्र करना ऐसा कहां देखने को मिलता है. यह जंगलराज है."
शराब माफिया को सरकार का संरक्षण
पटवारी का कहना है "प्लानिंग के साथ अपराध कैसे होते हैं, इसका उदाहरण मध्यप्रदेश बनता जा रहा है. इंदौर में नगर निगम में बिना काम के 4 करोड़ रुपए के बिल पास हो गए. आखिर मुख्यमंत्री जी इस पर क्यों नहीं बोले. उज्जैन में शराब माफिया के मेरे पास पूरे दस्तावेज हैं. इंदौर की छोटी-छोटी शराब दुकानों पर कार्रवाई करने से कुछ नहीं होता." जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जागें और प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठीक करने का काम करें. दिमाग में कहीं भी यह न आने दें कि बदले की भावना से आप कुछ भी कर सकते हैं.
अपराध कंट्रोल के लिए गंभीर हों मुख्यमंत्री
पटवारी ने कहा "सरकार से लगातार सवाल पूछे जाएंगे. जितनी जल्दी हो मुख्यमंत्री अपराध की समीक्षा करें. आखिर क्यों प्रदेश में जंगलराज का माहौल बना है. क्यों अपराधी बेखौफ हो रहे हैं और इसके लिए दोषी हैं. यह न सोचें कि मुख्यमंत्री प्रेशर में लाकर, अलग-अलग तरीके से टारगेट करके कंट्रोल कर सकते हैं. यह मुख्यमंत्री भूल जाएं. यदि वह व्यक्तिगत बदले की भावना से कार्रवाई करेंगे तो उन्हें अंदाजा ही नहीं कि किस तरह का मामला कहां तक जाएगा."