सतना: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की कार्यकारिणी पर असंतोष का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है अभी तक भोपाल और मालवा क्षेत्र में ही विरोध सामने आया था, लेकिन अब विंध्य क्षेत्र में भी पार्टी कार्यकर्ता असंतोष जाहिर कर रहे हैं. इस बार सतना की रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने की कोई बात नहीं की है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा के बाद विवाद
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के 10 माह बाद कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा की. इसमें लगभग 177 लोगों को जगह दी गई. लंबे समय से प्रदेश कार्यकारिणी का इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी की घोषणा के बाद निराशा हुई और कई लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
कल्पना वर्मा ने ठुकराया प्रदेश सचिव का पद
सतना की रैगांव विधानसभा से पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र लिखा है कि वे भी अपना पद छोड़ रही हैं. वे प्रदेश कांग्रेस में कई बड़े पदों पर रह चुकी हैं और उनका मानना है कि जो मौका उन्हें दिया गया है वह उनके क्षेत्र के किसी दूसरे कार्यकर्ता को मिलना चाहिए. कल्पना वर्मा को जीतू पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया था.
"सुरेश पचौरी के कहने पर कार्यकारिणी में शामिल किये गये लोग"
जीतू पटवारी की कार्यकारिणी पर असंतोष जताने वाले नेता मालवा से ही सबसे पहले सामने आए. कांग्रेस नेता मोनू सक्सेना को सचिव बनाया गया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. पूर्व महासचिव राम लखन दंडोतिया ने भी इस्तीफा दे दिया. इन लोगों ने अपने इस्तीफा में लिखा कि पूर्व कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी के कहने पर लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है, जबकि सुरेश पचौरी खुद कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं. इंदौर के पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने भी इस्तीफा दे दिया. इसी तरह अमन बजाज, अफसर पटेल ने भी इस्तीफा देते हुए नाराजगी जाहिर की.