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बीज कंपनियों से सरकार ले रही 50 प्रतिशत कमीशन, जीतू पटवारी ने बताया कैसे किसानों का घोंटा जा रहा गला - Jitu Patwari Accused Mohan Govt - JITU PATWARI ACCUSED MOHAN GOVT

मध्य प्रदेश में बीज कंपनियां जमकर फर्जीवाड़ा कर रहीं हैं. जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उज्जैन के 4 प्रकरण ऐसे हैं जहां बीज कंपनियों ने तालाब में गेंहू उगा दिया.

JITU PATWARI ACCUSED MOHAN GOVT
जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर लगाया कमीशनखोरी का आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 6:48 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 11:02 PM IST

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीज कंपनियों पर भारी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं. इसमें उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया है. पीसीसी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में जीतू पटवारी ने बताया कि बीज कंपनियां किस प्रकार बोगस बीज को उन्नत बताकर किसानों का गला घोंट रही है. इसके संबंध में उन्होंने मीडिया के सामने दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.

जीतू पटवारी ने कहा किसानों का घोंटा जा रहा गला (ETV Bharat)

तालाब में उगा दिया गेंहू, बीज कंपनियों ने खरीदा बीज

पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीज प्रमाणन कंपनियां पर एमपी में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि "जहां तालाब है, उस रकबे पर किसानों से गेंहू की फर्जी खरीदी कर रही हैं. जबकि वहां कुछ हो ही नहीं रहा है. ऐसे उज्जैन जिले के 4 प्रकरण हैं. जिसमें कृषि विभाग के अधिकारियों ने कंपनियों को बीज खरीदने की स्वीकृत दे दी. जहां बंजर जमीन है, वहां भी कंपनियों ने सोयाबीन का उत्पादन दिखा दिया और अनुबंध कर लिया. वहीं ऐसे करीब 100 प्रकरण उज्जैन के हैं जहां बीज कंपनियों ने आलू, प्याज, लहसुन के खेत और आम-अमरूद के बगीचे में भी गेंहू का उत्पादन दर्शाया है. जब इसकी ड्रोन से फोटो ली गई तो हकीकत सामने आई."

किसको कितना कमीशन

जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि "सोयाबीन का जो बीज 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए उसे सरकार की मिलीभगत से ये कंपनियां 10 से 16 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बेच रही हैं. जिस किसान के पास मूल रकबा 10 प्रतिशत भी नहीं है, कागजों में 100 प्रतिशत से अधिक दिखाकर बीज खरीदी की जा रही है. ऐसे में 200 प्रकरण अकेले उज्जैन जिले के हैं. प्रदेश के जिलों में बीज के प्रमाणीकरण की जिम्मेदारी सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी की है. ये 15 साल से अधिक समय से एक ही जगह जमे हुए हैं. बीज कंपनियां इनको 10 प्रतिशत और एमडी को 5 प्रतिशत कमीशन देती हैं. 25 प्रतिशत कमीशन मंत्री के पास जाता है और बचा हुआ 10 प्रतिशत चपरासी, बाबू से लेकर अन्य लोगों के बीच बंटता है."

अतिवृष्टि का लिया मुआवजा, वहां भी 100 प्रतिशत उत्पादन

पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता पारस सखलेचा ने बताया कि "कलेक्टर ने जिन स्थानों पर निरीक्षण के बाद अतिवृष्टि होने से फसल खराब होने का सत्यापन किया. किसानों ने अतिवृष्ठि का मुआवजा लिया. कंपनियां वहां से भी शतप्रतिशत बीज कागजों में खरीद रही हैं. उन्होंने बताया कि हमने 10 हजार से अधिक किसानों के प्रकरणों का अध्ययन करने के बाद पाया कि उन्नत बीज के नाम पर बोगस बीच का उत्पादन किया जा रहा है. किसानों से हुए अनुबंध पर न तो अधिकारी के साइन हैं और न ही कृषक के. इस मामले में हमने 16 अक्टूबर 2023 को ईओडब्ल्यू में 24 पेज की शिकायत की थी. 368 पेज के दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए थे लेकिन अब तक इस मामले में बयान तक नहीं हुए.

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देश के कृषि मंत्री के क्षेत्र में भी किसानों से अत्याचार

जीतू पटवारी ने बताया कि "देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में भी किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है. किसानों का गला घोंटा जा रहा है. यहां से नेशनल हाईवे निकल रहा है, लेकिन किसानों से जबरदस्ती जमीन ली जा रही है. इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहित की गई, लेकिन चार गुना मुआवजा देने की बजाय दो गुना दिया गया. पटवारी ने बताया कि बुधनी उपचुनाव को लेकर तैयारी शुरु कर चुके हैं. कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन पार्टी कर रहे हैं. साथ ही बुधनी में किसानों की समस्याओं को लेकर जल्द ही पदयात्रा करने वाले हैं.

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीज कंपनियों पर भारी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं. इसमें उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया है. पीसीसी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में जीतू पटवारी ने बताया कि बीज कंपनियां किस प्रकार बोगस बीज को उन्नत बताकर किसानों का गला घोंट रही है. इसके संबंध में उन्होंने मीडिया के सामने दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.

जीतू पटवारी ने कहा किसानों का घोंटा जा रहा गला (ETV Bharat)

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किसको कितना कमीशन

जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि "सोयाबीन का जो बीज 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए उसे सरकार की मिलीभगत से ये कंपनियां 10 से 16 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बेच रही हैं. जिस किसान के पास मूल रकबा 10 प्रतिशत भी नहीं है, कागजों में 100 प्रतिशत से अधिक दिखाकर बीज खरीदी की जा रही है. ऐसे में 200 प्रकरण अकेले उज्जैन जिले के हैं. प्रदेश के जिलों में बीज के प्रमाणीकरण की जिम्मेदारी सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी की है. ये 15 साल से अधिक समय से एक ही जगह जमे हुए हैं. बीज कंपनियां इनको 10 प्रतिशत और एमडी को 5 प्रतिशत कमीशन देती हैं. 25 प्रतिशत कमीशन मंत्री के पास जाता है और बचा हुआ 10 प्रतिशत चपरासी, बाबू से लेकर अन्य लोगों के बीच बंटता है."

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पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता पारस सखलेचा ने बताया कि "कलेक्टर ने जिन स्थानों पर निरीक्षण के बाद अतिवृष्टि होने से फसल खराब होने का सत्यापन किया. किसानों ने अतिवृष्ठि का मुआवजा लिया. कंपनियां वहां से भी शतप्रतिशत बीज कागजों में खरीद रही हैं. उन्होंने बताया कि हमने 10 हजार से अधिक किसानों के प्रकरणों का अध्ययन करने के बाद पाया कि उन्नत बीज के नाम पर बोगस बीच का उत्पादन किया जा रहा है. किसानों से हुए अनुबंध पर न तो अधिकारी के साइन हैं और न ही कृषक के. इस मामले में हमने 16 अक्टूबर 2023 को ईओडब्ल्यू में 24 पेज की शिकायत की थी. 368 पेज के दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए थे लेकिन अब तक इस मामले में बयान तक नहीं हुए.

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Last Updated : Jul 27, 2024, 11:02 PM IST
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