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जीतन राम मांझी गया से नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव, ऐसा कुछ हुआ कि बाजी पलट गई, जानिए क्या हुआ था मांझी के साथ - Jitan Ram Manjhi - JITAN RAM MANJHI

Lok Sabha Election 2024 : जीतन राम मांझी अपने बेवाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने पीएम मोदी से लेकर गया की स्क्रिप्टिंग तक पूरी कहानी बतायी. आगे पढ़ें पूरी खबर.

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 31, 2024, 10:14 PM IST

Updated : May 31, 2024, 10:29 PM IST

जीतन राम मांझी (ETV Bharat)

पटना : 'हम तो गया से चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे थे. हम तो चाहते थे कि मेरा बेटा संतोष गया से लोकसभा का चुनाव लड़े. लेकिन, ऐसा कुछ हुआ कि मुझे चुनाव लड़ना पड़ा.' यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में गया लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार जीतन राम मांझी का. जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि क्या कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें गया से लोकसभा चुनाव लड़ना पड़ा. वह तो नहीं चाहते थे लेकिन, परिस्थितियों ऐसी बन गई और पॉलिटिकल लाभ ऐसा मिला कि उन्हें गया से लोकसभा का चुनाव लड़ना पड़ा. पेश है ईटीवी भारत से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की खास बातचीत.

सवाल - इस बार का चुनाव हर बार से अलग है इस बार क्या अलग है?

जीतन राम मांझी - देखिए, इस बार मेरे समझ से स्थानीय मुद्दा का कोई मतलब नहीं है. इस बार राष्ट्रीय मुद्दा के आधार पर चुनाव लड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय मुद्दा, राष्ट्रीय नेतृत्व के बारे में ही सोचकर लोग अपना मत दे रहे हैं. अंतिम वोट 1 तारीख को होगा. इसमें नरेंद्र भाई मोदी की पर्सनालिटी, विश्व में उनकी स्वीकार्यता की बात को देखकर सब लोगों का कहना यह है कि मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना बहुत जरूरी है.

भारत में G20 की बैठक में जिस तरह से पीएम ने अपनी दक्षता दिखाई, बाहर से आए राष्ट्राध्यक्ष ने उनका पैर छूकर प्रणाम किया. यह सारी बातें ऐसी हो गई है कि बिहार और भारत की जनता नरेंद्र भाई मोदी के सामने नतमस्तक हो गई है. नरेंद्र भाई मोदी जब तक भारत के प्रधानमंत्री रहेंगे भारत का सितारा तारा बुलंद रहेगा.

दूसरी तरफ स्पेस की तरफ आप जाइयेगा, जिस तरह से चंद्रमा पर चंद्रयान 3 को दक्षिणी छोर में पहुंचाने वाला भारत एकमात्र देश रहा, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भारत के वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया है. इस तरह से स्पेस में भी और आज आपने देखा होगा कि आज उन्होंने एक ऐसा रॉकेट छोड़ा है जो दुर्लभ है. इन सब बातों से हिंदुस्तान के लोग बाग-बाग हैं. स्पेस पर भी कमांड करने जा रहे हैं.

आर्थिक व्यवस्था की बात करें तो हम लोग 12वां-13वां आर्थिक व्यवस्था में थे. आज पांचवें पायदान पर पहुंच गए. पांचवा पर पहुंचने का मतलब यह है कि भारत का बिहार के प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी. जो लोग बेरोजगारी की बात कर रहे हैं, नौकरी की बात कर रहे हैं, अपने आप समाप्त हो जाएगी. एक बात और है जो मोदी जी ने गारंटी दी है हम लोग भी समझते हैं कि 2027 आते-आते भारत विश्व का तीसरा अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा.

सवाल- आपका 5 दशक का अनुभव राजनीति में रहा है. इस बार बिहार का क्या रिजल्ट होगा? क्या NDA 40 में 40 सीट जीतेगा?

जीतन राम मांझी- चमत्कारिक रिजल्ट होगा. यह हम कह सकते हैं. टेक्निकल हम लोग बोल ही रहे हैं. 40 में 40 आएगा. पूरे भारत में 400 से ज्यादा रिजल्ट होगा और एनडीए के पक्ष में रिजल्ट होगा. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है. देखिए, हम कहते हैं कि इसमें अगर कोई गलती भी हुई है, महंगाई की बात, बेरोजगारी की बात, इन सब बातों को भारत की जनता गौण समझती है.

सवाल - लालू यादव कहते हैं कि संविधान खतरे में है. अंबेडकर जी का संविधान खतरे में है. लेकिन, मैं तो मानता हूं कि अंबेडकर जी के सबसे बड़े प्रवर्तक आप हैं लेकिन आपने कभी संविधान पर सवाल नहीं उठाया?

जीतन राम मांझी - हम तो कहते हैं कि संविधान पर खतरा कैसे है? सिर्फ कह देने से नहीं होगा. आरक्षण का खतरा कैसे है? कहने से नहीं होगा. हम उसका उदाहरण देते हैं. भारत से 370 धारा खत्म किया गया. संविधान में संशोधन करके किया गया. संविधान संशोधन करने की क्षमता अभी नरेंद्र मोदी में है तो, वह चाहते तो आरक्षण को खत्म कर देते. संविधान में और संशोधन करें कर सकते थे ना, करना नहीं है.

हम लोग चिल्ला चिल्ला के कह रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में आरक्षण को और संविधान में कोई छेड़छाड़ नहीं होने वाला है. जो छेड़छाड़ करना था वह 370 धारा था, जिसमें अंबेडकर जी ने कहा था यह टेंपरोरी है. अंबेडकर साहब की बात को मानते हुए उन्होंने खत्म किया. इसलिए उन्होंने 370 धारा को खत्म किया और संविधान को संशोधित किया. संविधान संशोधन करने का और आरक्षण खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.

यह लोग (विपक्ष) झूठ बोलकर लोगों को बरगला रहे हैं. वही चीज हम लोग भी अपने व्याख्यानों में जहां-तहां जा रहे हैं कह रहे हैं. यह लोग सिर्फ कहते हैं तर्क तो दें, उदाहरण तो दें. हम उदाहरण दे रहे हैं कि आरक्षण नहीं खत्म होने वाला है. संविधान में कोई छेड़छाड़ नहीं होने वाला है. छेड़छाड़ हुआ भी है तो 370 धारा करने का था कर दिया.

अभी भी ताकत है लेकिन, हम लोग 400 से पार की ताकत मांग रहे हैं. उसका कारण अलग है. वह भी भारत के हित में है. यह लोग कांग्रेस वाले लोग हैं. मैं भी कांग्रेस में रहा हूं. जब कश्मीर में फौज हमारा आगे बढ़ रहा था और उसे बढ़ने दिया जाता तो आज POK का अस्तित्व नहीं रहता. वह कश्मीर रहता और यह कसक है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में है. हमारे होम मिनिस्टर भी बार-बार बोल रहे हैं हम POK को भारत में मिलाएंगे. इसलिए हम लोगों को 400 सीट लाना जरूरी है.

400 सीट राष्ट्रीय हित में मांग रहे हैं. दूसरी तरफ जो लोग हैं उनका कोई राष्ट्रहित का मसला नहीं है. सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री बनना चाहते. उसमें भी ना इनका कोई नेता है ना कोई नीति है. सिर्फ कह रहे हैं कि सर-फुटौव्वल कर रहे हैं. एक जोगी मठ उजाड़ हो रहा है. भारत की जनता समझ रही है कि इन लोगों से कुछ नहीं हो रहा है. जो कुछ करना है देश के लिए वह नरेंद्र मोदी जी करेंगे. 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बनने जा रहे हैं.

सवाल - राजनीतिक पंडित आपके बारे में कह रहे हैं कि जीतन राम जीत भी रहे हैं और केंद्र में मंत्री भी बन रहे हैं?

जीतनराम मांझी - यह मैं नहीं कह रहा हूं. मैं 1980 से विधायक हूं. 1980 में भी हमने MLA के लिए प्रयास किया था. हमको एमएलए बनना चाहिए और हम एमएलए बन गए. हमने ना मंत्री पद मांगा, ना हमने विभाग मांगा और मुख्यमंत्री का तो सपने में भी नहीं सोचा था. सब अपने आप होता गया. इस प्रकार यह भी हम चाहते थे कि मेरा बेटा संतोष गया से पार्लियामेंट चुनाव लड़े. यही तैयारी हम लोगों की थी.

यहां पर एक इंटरेस्ट हो गया, एक विभाग था जब नीतीश कुमार के साथ थे. लेकिन वह छीन लिए. जब एनडीए के साथ आए, हमारे बेटा को तीन विभाग मिल गया. दूसरी बात 2024 में ही उसका एमएलसी टर्म पूरा हो रहा था. वह रिन्यूवल भी हो गया. डबल लाभ हो गया. इस डबल लाभ को छोड़ कैसे देते? इसीलिए हम गया से लोकसभा चुनाव लड़ गए हैं. हमारा कोई इरादा नहीं अब लड़ गए हैं तो जैसा सुन रहे हैं कि हम जीतेंगे ही. जहां तक भारत सरकार की बात है. प्रधानमंत्री जी ने हमारे ही चुनाव में कहा है गया में. यहां चुनाव जीतम राम मांझी नहीं लड़ रहे हैं यहां नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहा है. इसका अर्थ आप लोग समझिये क्या होगा. क्या नहीं होगा. सब नरेंद्र मोदी जी के ऊपर निर्भर करता है.

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जीतन राम मांझी (ETV Bharat)

पटना : 'हम तो गया से चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे थे. हम तो चाहते थे कि मेरा बेटा संतोष गया से लोकसभा का चुनाव लड़े. लेकिन, ऐसा कुछ हुआ कि मुझे चुनाव लड़ना पड़ा.' यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में गया लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार जीतन राम मांझी का. जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि क्या कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें गया से लोकसभा चुनाव लड़ना पड़ा. वह तो नहीं चाहते थे लेकिन, परिस्थितियों ऐसी बन गई और पॉलिटिकल लाभ ऐसा मिला कि उन्हें गया से लोकसभा का चुनाव लड़ना पड़ा. पेश है ईटीवी भारत से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की खास बातचीत.

सवाल - इस बार का चुनाव हर बार से अलग है इस बार क्या अलग है?

जीतन राम मांझी - देखिए, इस बार मेरे समझ से स्थानीय मुद्दा का कोई मतलब नहीं है. इस बार राष्ट्रीय मुद्दा के आधार पर चुनाव लड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय मुद्दा, राष्ट्रीय नेतृत्व के बारे में ही सोचकर लोग अपना मत दे रहे हैं. अंतिम वोट 1 तारीख को होगा. इसमें नरेंद्र भाई मोदी की पर्सनालिटी, विश्व में उनकी स्वीकार्यता की बात को देखकर सब लोगों का कहना यह है कि मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना बहुत जरूरी है.

भारत में G20 की बैठक में जिस तरह से पीएम ने अपनी दक्षता दिखाई, बाहर से आए राष्ट्राध्यक्ष ने उनका पैर छूकर प्रणाम किया. यह सारी बातें ऐसी हो गई है कि बिहार और भारत की जनता नरेंद्र भाई मोदी के सामने नतमस्तक हो गई है. नरेंद्र भाई मोदी जब तक भारत के प्रधानमंत्री रहेंगे भारत का सितारा तारा बुलंद रहेगा.

दूसरी तरफ स्पेस की तरफ आप जाइयेगा, जिस तरह से चंद्रमा पर चंद्रयान 3 को दक्षिणी छोर में पहुंचाने वाला भारत एकमात्र देश रहा, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भारत के वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया है. इस तरह से स्पेस में भी और आज आपने देखा होगा कि आज उन्होंने एक ऐसा रॉकेट छोड़ा है जो दुर्लभ है. इन सब बातों से हिंदुस्तान के लोग बाग-बाग हैं. स्पेस पर भी कमांड करने जा रहे हैं.

आर्थिक व्यवस्था की बात करें तो हम लोग 12वां-13वां आर्थिक व्यवस्था में थे. आज पांचवें पायदान पर पहुंच गए. पांचवा पर पहुंचने का मतलब यह है कि भारत का बिहार के प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी. जो लोग बेरोजगारी की बात कर रहे हैं, नौकरी की बात कर रहे हैं, अपने आप समाप्त हो जाएगी. एक बात और है जो मोदी जी ने गारंटी दी है हम लोग भी समझते हैं कि 2027 आते-आते भारत विश्व का तीसरा अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा.

सवाल- आपका 5 दशक का अनुभव राजनीति में रहा है. इस बार बिहार का क्या रिजल्ट होगा? क्या NDA 40 में 40 सीट जीतेगा?

जीतन राम मांझी- चमत्कारिक रिजल्ट होगा. यह हम कह सकते हैं. टेक्निकल हम लोग बोल ही रहे हैं. 40 में 40 आएगा. पूरे भारत में 400 से ज्यादा रिजल्ट होगा और एनडीए के पक्ष में रिजल्ट होगा. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है. देखिए, हम कहते हैं कि इसमें अगर कोई गलती भी हुई है, महंगाई की बात, बेरोजगारी की बात, इन सब बातों को भारत की जनता गौण समझती है.

सवाल - लालू यादव कहते हैं कि संविधान खतरे में है. अंबेडकर जी का संविधान खतरे में है. लेकिन, मैं तो मानता हूं कि अंबेडकर जी के सबसे बड़े प्रवर्तक आप हैं लेकिन आपने कभी संविधान पर सवाल नहीं उठाया?

जीतन राम मांझी - हम तो कहते हैं कि संविधान पर खतरा कैसे है? सिर्फ कह देने से नहीं होगा. आरक्षण का खतरा कैसे है? कहने से नहीं होगा. हम उसका उदाहरण देते हैं. भारत से 370 धारा खत्म किया गया. संविधान में संशोधन करके किया गया. संविधान संशोधन करने की क्षमता अभी नरेंद्र मोदी में है तो, वह चाहते तो आरक्षण को खत्म कर देते. संविधान में और संशोधन करें कर सकते थे ना, करना नहीं है.

हम लोग चिल्ला चिल्ला के कह रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में आरक्षण को और संविधान में कोई छेड़छाड़ नहीं होने वाला है. जो छेड़छाड़ करना था वह 370 धारा था, जिसमें अंबेडकर जी ने कहा था यह टेंपरोरी है. अंबेडकर साहब की बात को मानते हुए उन्होंने खत्म किया. इसलिए उन्होंने 370 धारा को खत्म किया और संविधान को संशोधित किया. संविधान संशोधन करने का और आरक्षण खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.

यह लोग (विपक्ष) झूठ बोलकर लोगों को बरगला रहे हैं. वही चीज हम लोग भी अपने व्याख्यानों में जहां-तहां जा रहे हैं कह रहे हैं. यह लोग सिर्फ कहते हैं तर्क तो दें, उदाहरण तो दें. हम उदाहरण दे रहे हैं कि आरक्षण नहीं खत्म होने वाला है. संविधान में कोई छेड़छाड़ नहीं होने वाला है. छेड़छाड़ हुआ भी है तो 370 धारा करने का था कर दिया.

अभी भी ताकत है लेकिन, हम लोग 400 से पार की ताकत मांग रहे हैं. उसका कारण अलग है. वह भी भारत के हित में है. यह लोग कांग्रेस वाले लोग हैं. मैं भी कांग्रेस में रहा हूं. जब कश्मीर में फौज हमारा आगे बढ़ रहा था और उसे बढ़ने दिया जाता तो आज POK का अस्तित्व नहीं रहता. वह कश्मीर रहता और यह कसक है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में है. हमारे होम मिनिस्टर भी बार-बार बोल रहे हैं हम POK को भारत में मिलाएंगे. इसलिए हम लोगों को 400 सीट लाना जरूरी है.

400 सीट राष्ट्रीय हित में मांग रहे हैं. दूसरी तरफ जो लोग हैं उनका कोई राष्ट्रहित का मसला नहीं है. सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री बनना चाहते. उसमें भी ना इनका कोई नेता है ना कोई नीति है. सिर्फ कह रहे हैं कि सर-फुटौव्वल कर रहे हैं. एक जोगी मठ उजाड़ हो रहा है. भारत की जनता समझ रही है कि इन लोगों से कुछ नहीं हो रहा है. जो कुछ करना है देश के लिए वह नरेंद्र मोदी जी करेंगे. 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बनने जा रहे हैं.

सवाल - राजनीतिक पंडित आपके बारे में कह रहे हैं कि जीतन राम जीत भी रहे हैं और केंद्र में मंत्री भी बन रहे हैं?

जीतनराम मांझी - यह मैं नहीं कह रहा हूं. मैं 1980 से विधायक हूं. 1980 में भी हमने MLA के लिए प्रयास किया था. हमको एमएलए बनना चाहिए और हम एमएलए बन गए. हमने ना मंत्री पद मांगा, ना हमने विभाग मांगा और मुख्यमंत्री का तो सपने में भी नहीं सोचा था. सब अपने आप होता गया. इस प्रकार यह भी हम चाहते थे कि मेरा बेटा संतोष गया से पार्लियामेंट चुनाव लड़े. यही तैयारी हम लोगों की थी.

यहां पर एक इंटरेस्ट हो गया, एक विभाग था जब नीतीश कुमार के साथ थे. लेकिन वह छीन लिए. जब एनडीए के साथ आए, हमारे बेटा को तीन विभाग मिल गया. दूसरी बात 2024 में ही उसका एमएलसी टर्म पूरा हो रहा था. वह रिन्यूवल भी हो गया. डबल लाभ हो गया. इस डबल लाभ को छोड़ कैसे देते? इसीलिए हम गया से लोकसभा चुनाव लड़ गए हैं. हमारा कोई इरादा नहीं अब लड़ गए हैं तो जैसा सुन रहे हैं कि हम जीतेंगे ही. जहां तक भारत सरकार की बात है. प्रधानमंत्री जी ने हमारे ही चुनाव में कहा है गया में. यहां चुनाव जीतम राम मांझी नहीं लड़ रहे हैं यहां नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहा है. इसका अर्थ आप लोग समझिये क्या होगा. क्या नहीं होगा. सब नरेंद्र मोदी जी के ऊपर निर्भर करता है.

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Last Updated : May 31, 2024, 10:29 PM IST
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