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'स्वार्थी लोग..', आरक्षण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर NDA में मचा घमासान, मांझी का चिराग पर जोरदार हमला - Jitan Ram Manjhi - JITAN RAM MANJHI

Jitan Ram Manjhi: एनडीए के दो घटक दलों के बीच आरक्षण को लेकर विवाद शुरू हो गया है. बीते दिनों चिराग पासवान द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की घोषणा पर जीतन राम मांझी ने हमला करते हुए कहा कि वे स्वार्थी हैं. जो बढ़ा है क्या वही बढ़ता रहेगा? इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 5, 2024, 6:02 PM IST

जीतन राम मांझी का चिराग पर हमला (ETV Bharat)

पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज रांची से पटना पहुंचे. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक रांची में चल रही थी. उसमें शामिल होने के बाद मांझी सोमवार को पटना पहुंचे हैं. पटना एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्होंने चिराग पासवान पर हमला करते हुए एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है.

चिराग पर भड़के जीतन राम मांझी: जीतन राम मांझी ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह लोग स्वार्थी हैं. शेड्यूल कास्ट के कितने लोग आईपीएस, आईएएस और इंजीनियर हैं? उन्होंने कहा कि अभी भी जो लोग वंचित हैं, निश्चित तौर पर उन्हें लाभ पहुंचाना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह बहुत अच्छा निर्णय है. यह निर्णय 10 साल पहले ही आ जाना चाहिए था.

"अभी भी अनुसूचित जाति के कई ऐसे लोग हैं जो आरक्षण का भरपूर फायदा नहीं उठा पाते हैं. जो लोग आरक्षण का फायदा उठाकर आगे बढ़ गए हैं, उन्हें अब फायदा नहीं लेना चाहिए. हमारा मानना है कि अभी भी भुइयां मुशहर डोम और नट समाज के जो लोग हैं वह काफी कम शिक्षित हैं. अभी भी उनकी साक्षरता दर 8% तक नहीं पहुंची है.सुप्रीम कोर्ट ने जो कोटे में कोटा की बात कही है वह पूरी तरह से सही है और ऐसा होना चाहिए."- जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री

आरक्षण को लेकर एनडीए के अंदर घमासान: उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर के अनुसार साक्षरता एक मापदंड है. सबसे निचले स्तर पर जो लोग हैं, जिनकी साक्षरता 15 प्रतिशत से कम है, उन्हें सुविधाएं मिलनी चाहिए. जिनकी साक्षरता दर 7 फीसदी और 8 फीसदी है, उन्हें खुशहाल बनाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से समाज के निचले पायदान के लोगों को ऊपर उठाने की कोशिश करनी चाहिए.

'76 साल तो उनलोगों ने इसका फायदा मिला': जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर हमला करते हुए कहा कि क्या कुछ लोग ही शेड्यूल कास्ट का हक लेते रहेंगे. 76 साल तो उनलोगों ने इसका फायदा लिया है. कुल मिलाकर मांझी ने एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सही बताया है और चिराग पासवान जो इसका विरोध कर रहे हैं, उसको गलत ठहराया है.

प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर क्या बोले मांझी?: जीतन राम मांझी से जब यह सवाल किया गया कि डीएमके के मंत्री प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि किसी के आस्था के साथ खेलना ठीक नहीं है. जो कोई प्रभु श्री राम को लेकर या किसी अन्य भगवान को लेकर बात कर रहे हैं, वह गलत है. निश्चित तौर पर वह करोड़ों लोगों के आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं. विपक्षी दल के लोगों को इसका जवाब देना चाहिए.

सच्चिदानंद राय ने का चिराग पर प्रहार: वहीं विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने भी चिराग पासवान के एससी एसटी का आरक्षण छुआछूत के आधार पर दिया गया है, के बयान पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि चिराग जी जो कह रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. अब कहीं भी समाज में छुआछूत नहीं है. अब तो ये स्थिति है कि ब्राह्मण भी चिराग पासवान का जूठा खाने को तैयार है.

"यह बात चिराग पासवान को समझना चाहिए. अगर छुआछूत की भावना रहती तो चिराग पासवान क्या अपनी पहली फिल्म कंगना रनौत के साथ बना सकते थे. चिराग जी जो बात छुआछूत को लेकर अब बोल रहे हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. अब समाज में छुआछूत वाली कोई बात नहीं रही है."- सच्चिदानंद राय, निर्दलीय विधान पार्षद

क्या कहा था चिराग पासवान ने: बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया था, जिसमें राज्यों को 15 फीसदी आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप समूह बनाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कोटे में कोटा के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है.

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जीतन राम मांझी का चिराग पर हमला (ETV Bharat)

पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज रांची से पटना पहुंचे. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक रांची में चल रही थी. उसमें शामिल होने के बाद मांझी सोमवार को पटना पहुंचे हैं. पटना एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्होंने चिराग पासवान पर हमला करते हुए एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है.

चिराग पर भड़के जीतन राम मांझी: जीतन राम मांझी ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह लोग स्वार्थी हैं. शेड्यूल कास्ट के कितने लोग आईपीएस, आईएएस और इंजीनियर हैं? उन्होंने कहा कि अभी भी जो लोग वंचित हैं, निश्चित तौर पर उन्हें लाभ पहुंचाना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह बहुत अच्छा निर्णय है. यह निर्णय 10 साल पहले ही आ जाना चाहिए था.

"अभी भी अनुसूचित जाति के कई ऐसे लोग हैं जो आरक्षण का भरपूर फायदा नहीं उठा पाते हैं. जो लोग आरक्षण का फायदा उठाकर आगे बढ़ गए हैं, उन्हें अब फायदा नहीं लेना चाहिए. हमारा मानना है कि अभी भी भुइयां मुशहर डोम और नट समाज के जो लोग हैं वह काफी कम शिक्षित हैं. अभी भी उनकी साक्षरता दर 8% तक नहीं पहुंची है.सुप्रीम कोर्ट ने जो कोटे में कोटा की बात कही है वह पूरी तरह से सही है और ऐसा होना चाहिए."- जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री

आरक्षण को लेकर एनडीए के अंदर घमासान: उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर के अनुसार साक्षरता एक मापदंड है. सबसे निचले स्तर पर जो लोग हैं, जिनकी साक्षरता 15 प्रतिशत से कम है, उन्हें सुविधाएं मिलनी चाहिए. जिनकी साक्षरता दर 7 फीसदी और 8 फीसदी है, उन्हें खुशहाल बनाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से समाज के निचले पायदान के लोगों को ऊपर उठाने की कोशिश करनी चाहिए.

'76 साल तो उनलोगों ने इसका फायदा मिला': जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर हमला करते हुए कहा कि क्या कुछ लोग ही शेड्यूल कास्ट का हक लेते रहेंगे. 76 साल तो उनलोगों ने इसका फायदा लिया है. कुल मिलाकर मांझी ने एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सही बताया है और चिराग पासवान जो इसका विरोध कर रहे हैं, उसको गलत ठहराया है.

प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर क्या बोले मांझी?: जीतन राम मांझी से जब यह सवाल किया गया कि डीएमके के मंत्री प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि किसी के आस्था के साथ खेलना ठीक नहीं है. जो कोई प्रभु श्री राम को लेकर या किसी अन्य भगवान को लेकर बात कर रहे हैं, वह गलत है. निश्चित तौर पर वह करोड़ों लोगों के आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं. विपक्षी दल के लोगों को इसका जवाब देना चाहिए.

सच्चिदानंद राय ने का चिराग पर प्रहार: वहीं विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने भी चिराग पासवान के एससी एसटी का आरक्षण छुआछूत के आधार पर दिया गया है, के बयान पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि चिराग जी जो कह रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. अब कहीं भी समाज में छुआछूत नहीं है. अब तो ये स्थिति है कि ब्राह्मण भी चिराग पासवान का जूठा खाने को तैयार है.

"यह बात चिराग पासवान को समझना चाहिए. अगर छुआछूत की भावना रहती तो चिराग पासवान क्या अपनी पहली फिल्म कंगना रनौत के साथ बना सकते थे. चिराग जी जो बात छुआछूत को लेकर अब बोल रहे हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. अब समाज में छुआछूत वाली कोई बात नहीं रही है."- सच्चिदानंद राय, निर्दलीय विधान पार्षद

क्या कहा था चिराग पासवान ने: बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया था, जिसमें राज्यों को 15 फीसदी आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप समूह बनाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कोटे में कोटा के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है.

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