झुंझूनू : जिला व सेशन न्यायाधीश ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, जबकि दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने बताया कि जिला व सेशन न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने आरोपी को सजा सुनाई. उस पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही दो अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.
न्यायाधीश ने आरोपी को सजा के साथ-साथ पीड़िता का अपहरण करने के मामले में भी सात साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है. न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि आरोपी ने न केवल पीड़िता का शारीरिक शोषण किया, बल्कि उसकी आत्मा को भी आहत किया है. इस अपराध से पीड़िता को हुई क्षति का अंदाजा लगाया जाना अत्यन्त कठिन है. लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि इस मामले में 18 गवाहों के बयान कराए गए और 41 दस्तावेज पेश किए गए थे.
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लोक अभियोजक ने बताया कि 15 जुलाई, 2020 को पीड़िता के पिता ने पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में बताया था कि उसकी पुत्री को आरोपी और उसके साथी बहला-फुसलाकर भगा ले गए. रास्ते में गाड़ी में उसके साथ गलत काम किया. उसके पास 20 हजार रुपए भी थे. वो भी आरोपियों ने डर-धमका कर छीन लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के बाद तीनों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र पेश किया, जबकि बाल अपचारी के विरूद्ध किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष आरोप पत्र पेश किया. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई.