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खेतड़ी के लाल को शहादत के 28 साल बाद मिला शहीद का दर्जा, आतंकवादियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद - Jhunjhunu BSF jawan

झुंझुनू के लाल गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहादत के 28 साल बाद शहीद का दर्जा दिया गया है. बीएसएफ जवान गुरदयाल सिंह बगड़िया जम्मू-कश्मीर में 13 अक्टूबर 1996 को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.

28 साल बाद मिला शहीद का दर्जा
28 साल बाद मिला शहीद का दर्जा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2024, 8:02 PM IST

28 साल बाद मिला शहीद का दर्जा

झुंझुनू. नोरंगपुरा ग्राम पंचायत के गांव सुनारी की बगड़ियों की ढाणी निवासी शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहीद होने के 28 साल बाद शहीद का दर्जा दिया गया. बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार ने बताया कि शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के बटमालू में थी. 13 अक्टूबर 1996 को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से वह घायल हो गए. घायल होने के बाद भी उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकवादियों से लोहा लिया और शहीद हो गए. उन्होंने बताया कि बीएसएफ हेड क्वार्टर दिल्ली ने गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहीद का दर्जा देते हुए बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया है.

शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया को सोमवार को उनके पैतृक गांव में आयोजित समारोह को दौरान डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शालिनी राज ने शहीद की वीरांगना कमला देवी को बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया. शालिनी राज ने कहा कि शेखावाटी वीर प्रसूता भूमि है, यहां के बेटे मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं.

इसे भी पढ़ें-शहीद वीरसिंह का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि

समारोह में मौजूद लोगों ने भारत माता की जय व शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया अमर रहे के नारे लगाए, इस मौके पर शहीद जवान के पुत्र नरेश बगड़िया और राजेश बगड़िया, शहीद के भाई रोहिताश बगड़िया ,सरदार सिंह बगड़िया, बोदूराम बगड़िया, सरिता बगड़िया, कैप्टन रामनिवास ताखर, बनेश बगड़िया सहित सैकड़ों ग्रामीण और जयपुर से आई बीएसएफ की टीम मौजूद थी.

28 साल बाद मिला शहीद का दर्जा

झुंझुनू. नोरंगपुरा ग्राम पंचायत के गांव सुनारी की बगड़ियों की ढाणी निवासी शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहीद होने के 28 साल बाद शहीद का दर्जा दिया गया. बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार ने बताया कि शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के बटमालू में थी. 13 अक्टूबर 1996 को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से वह घायल हो गए. घायल होने के बाद भी उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकवादियों से लोहा लिया और शहीद हो गए. उन्होंने बताया कि बीएसएफ हेड क्वार्टर दिल्ली ने गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहीद का दर्जा देते हुए बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया है.

शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया को सोमवार को उनके पैतृक गांव में आयोजित समारोह को दौरान डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शालिनी राज ने शहीद की वीरांगना कमला देवी को बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया. शालिनी राज ने कहा कि शेखावाटी वीर प्रसूता भूमि है, यहां के बेटे मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं.

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समारोह में मौजूद लोगों ने भारत माता की जय व शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया अमर रहे के नारे लगाए, इस मौके पर शहीद जवान के पुत्र नरेश बगड़िया और राजेश बगड़िया, शहीद के भाई रोहिताश बगड़िया ,सरदार सिंह बगड़िया, बोदूराम बगड़िया, सरिता बगड़िया, कैप्टन रामनिवास ताखर, बनेश बगड़िया सहित सैकड़ों ग्रामीण और जयपुर से आई बीएसएफ की टीम मौजूद थी.

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