रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की लगातार दूसरे दिन बैठक हुई. जिसमें 30 कैदियों के रिहा करने की स्वीकृति प्रदान की गई. झारखंड मंत्रालय में हुई बैठक में सजा पुनरीक्षण पर्षद द्वारा आयोजित पिछले दो बैठकों में आजीवन सजा काट रहे कैदियों के रिहाई से संबंधित खारिज किए गए 67 मामलों की फिर से समीक्षा की गई. इसके बाद 30 कैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई गई. ये वो कैदी हैं जो राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
इनकी रिहाई को लेकर न्यायालय, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक एवं प्रोबेशन पदाधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर विचार विमर्श किया गया. जिसमें 30 कैदियों को अंतिम रूप से रिहा करने की स्वीकृति मुख्यमंत्री के द्वारा प्रदान की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार,विधि विभाग के प्रधान सचिव नलीन कुमार, गृह सचिव वंदना दादेल, रांची न्यायिक आयुक्त दिवाकर पांडे,डीजीपी अनुराग गुप्ता, जेल आईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल उपस्थित थे.
कैदियों को स्वतंत्रता दिवस तक किया जाएगा रिहा
पांच अगस्त को हुई झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में 39 कैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई गई थी. इस तरह से पर्षद ने दो दिनों के भीतर कुल 69 कैदियों को जेल से रिहा करने का निर्णय लिया है. रिहा होने वाले कैदी रांची सहित राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. इन कैदियों को स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त तक रिहा किया जाएगा. रिहा होने वाले कैदियों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने और उनके आर्थिक समृद्धि के लिए सरकार ने कौशल विकास के जरिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का आदेश दिया है.
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