रांची: मानसून की बेरूखी की वजह से झारखंड में वर्ष 2023 में खरीफ की खेती प्रभावित हुई थी. किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. 28 लाख हेक्टेयर भूमि में से करीब भूमि पर भी खरीफ की खेती नहीं हो सकी थी. वहीं अब रबी फसल को लेकर कृषि विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट भी चिंताजनक है.
सिंचाई साधन के अभाव में रबी की खेती पर पड़ा असरः रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गेहूं, मक्का, चना, मसूर, मटर सहित अन्य दलहन और तिलहन का आच्छादन लक्ष्य से काफी कम हुआ है. कृषि विभाग की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद रबी फसल में भी पिछड़ जाने की मुख्य वजह यह रहा कि आज की तारीख में भी राज्य में फसलों सिंचाई वर्षा जल पर ही आधारित है. सिंचाई के साधन जरूरत के हिसाब से विकसित नहीं हुए हैं और पिछले मानसून में कम हुई वर्षा की वजह से ज्यादातर कुएं अभी से सूखने लगे हैं या उसमें पानी काफी कम है .
एक नजर रबी फसलों के आच्छादन पर
- गेहूं- राज्य में इस वर्ष 02 लाख 83 हजार 840 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन राज्य में इस वर्ष महज 01 लाख 38 हजार 119 हेक्टेयर खेत (48.66%) में ही गेहूं का आच्छादन हो सका.
- रबी मक्का: इसी तरह झारखंड में कृषि विभाग ने इस वर्ष 34 हजार 846 हेक्टेयर में रबी मक्का लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन सिर्फ 8 हजार 426 हेक्टेयर भूमि (24.18%) पर ही इसकी फसल लगाई जा सकी है.
- चना: राज्य में चना प्रमुख रबी फसल है. इस वर्ष 03 लाख 43 हजार 230 हेक्टेयर में चना की फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वर्ष सिर्फ 01 लाख 76 हजार 636 हेक्टेयर भूमि (51.46%) पर ही इसका आच्छादन हुआ है.
- मसूर: इसी तरह एक लाख 09 हजार 637 हेक्टेयर में से सिर्फ 40 हजार 495 हेक्टेयर (36.94%) भूमि पर ही मसूर का आच्छादन हुआ है.
- मटर: राज्य में रबी फसल के रूप में 86 हजार 376 हेक्टेयर में मटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस वर्ष यह सिर्फ 43 हजार 509 हेक्टेयर खेती लायक जमीन पर ही (50.37% ) आच्छादन हुआ है.
- सरसों: राज्य में सरसों का आच्छादन भी लक्ष्य से काफी कम हुआ है. इस वर्ष 05 लाख 48 हजार 25 हेक्टेयर भूमि में से सिर्फ 03 लाख 07 हजार 372(56.09%) में आच्छादन हुआ है.
- तीसी: इसी तरह इस वर्ष राज्य में तीसी के आच्छादन के लिए 91 हजार 971 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सिर्फ 26 हजार 279 (28.57%) में ही आच्छादन हो सका है .
ये भी पढ़ें-
झारखंड में औसत से 56 फीसदी कम हुई बारिश, जानिए खेती को लेकर क्या है विशेषज्ञों की राय
झारखंड में सर्दी का सितम जारी, ज्यादातर जिलों में 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा न्यूनतम तापमान