रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस पार्टी जुटी है. दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल राज्य के बड़े पदाधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. इन सबके बीच आज भी झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JPCC) को लोकसभा चुनाव में मिली हार की वजह वाली रिपोर्ट का इंतजार है.
रांची के संगम गार्डन में 12 जून को हुई समीक्षा बैठक के दौरान तीन सदस्यीय समीक्षा कमेटी के गठन किया गया था. उस समय यह कहा गया था कि कमेटी लोकसभा चुनाव के नतीजों की विस्तृत समीक्षा कर 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंप देगी. पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय लोकसभा चुनाव परिणाम समीक्षा कमेटी बनायी गयी थी.
16 जून को इस कमेटी की पहली बैठक भी हुई, उसके बाद कमेटी ने अलग-अलग तिथियों को रांची, हजारीबाग, धनबाद, गोड्डा, चतरा, खूंटी और लोहरदगा में समीक्षा बैठक भी की. इस दौरान पार्टी जिन लोकसभा सीटों पर हारी वहां हार की मुख्य वजहें क्या रहीं और जहां-जहां पार्टी जीती उसकी वजह क्या रही. इसकी विस्तृत समीक्षा भी हुई लेकिन प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के अनुसार उसकी रिपोर्ट अभी तक जेपीसीसी को नहीं सौंपी जा सकी है.
दिल्ली से लौटने के बाद कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी को समीक्षा रिपोर्ट नहीं सौंपने के सवाल पर प्रदेश प्रवक्ता खुर्शीद हसन कहते हैं कि दिल्ली से लौटने के बाद विधिवत अपनी रिपोर्ट प्रदेश को सौंप देंगे. बता दें कि पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू की अध्यक्षता और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप तुलस्यान और भीम कुमार की तीन सदस्यीय कमेटी के गठन किया गया था.
पांचों सामान्य लोकसभा सीट हार गयी थी कांग्रेस
झारखंड में कांग्रेस इंडिया ब्लॉक में रहकर सात लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी जबकि झामुमो चार, राजद और माले को एक एक सीट मिली थी. इस चुनाव में कांग्रेस ने खूंटी और लोहरदगा सीट पर जीत दर्ज कर 2019 की अपेक्षा अपनी सीटें तो दोगुनी की लेकिन सेटबैक यह लगा कि अनारक्षित पांच सीट हजारीबाग, रांची, चतरा, धनबाद और गोड्डा में हार का सामना करना पड़ा. चुनाव में उम्मीद से कम सीट मिलने की से वजह कांग्रेस ने एक समीक्षा कमेटी के गठन किया था ताकि जो भी कमियां लोकसभा चुनाव में हुईं उन्हें दूर कर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की जा सके. लेकिन हैरत की बात यह है कि जिस समीक्षा कमेटी को रिपोर्ट 15 दिन में सौंपना था. वह रिपोर्ट 50 दिन बाद भी प्रदेश कांग्रेस को नहीं मिली है.
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