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बांग्लादेशी घुसपैठ पर राजनीति तेज, निशिकांत दुबे के बयान ने झारखंड की सियासत को किया गर्म, जानिए माननीयों का रिएक्शन - Bangladeshi infiltration - BANGLADESHI INFILTRATION

Demography of Santhal. बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड की राजनीति गरमा गई है. एक ओर जहां बीजेपी के नेता निशिकांत दुबे के बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के नेता इसे चुनावी स्टंट बता रहे हैं.

Demography of Santhal
बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के नेता (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 26, 2024, 1:01 PM IST

रांची: संताल सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों की घटती जनसंख्या और मुस्लिम बहुल इलाकों में बढ़ रहे मतदाताओं की संख्या को लेकर चल रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी इसे डेमोग्राफी बदलने की बात करते हुए लगातार इसकी जांच की मांग कर रही है. गुरुवार को लोकसभा में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद झारखंड की सियासत गरमा गई है.

बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के नेताओं की प्रतिक्रिया (ईटीवी भारत)

निशिकांत दुबे के द्वारा संथाल के इन इलाकों के साथ पश्चिम बंगाल और बिहार के सीमावर्ती जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग पर राजनीति तेज है. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा बयानों का दौर जारी रहा. भारतीय जनता पार्टी ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार सरकार से इस पर पहल करने की मांग की है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने बांग्लादेशी लगातार आदिवासियों की संख्या में हो रही गिरावट और आदिवासी बेटियों के साथ मुस्लिम युवकों के द्वारा एक साजिश के तहत शादी करने का आरोप लगाते हुए इसे गंभीर मसला बताया है और इस मामले में केंद्र सरकार से भी पहल करने का आग्रह किया है. भाजपा नेताओं का मानना है कि आदिवासी की संख्या में लगातार हो रही गिरावट भविष्य के लिए चिंता का कारण बनेगा और कहीं ना कहीं इसके पीछे बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं.

डेमोग्राफी पर आमने सामने सत्ता पक्ष-विपक्ष

डेमोग्राफी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होता दिख रहा है. भारतीय जनता पार्टी के आरोप पर पलटवार करते हुए सत्ता पक्ष के विधायक-मंत्री इसे चुनाव को ध्यान में रखते हुए पॉलिटिकल स्टंट बताने में जुटे हैं. मंत्री हफीजुल हसन कहते हैं कि निशिकांत दुबे क्या बोलते हैं उससे हमको मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि जो वो करना चाहते हैं वो नहीं होगा. संथाल, कांग्रेस-झामुमो का गढ़ है और मजबूती के साथ हमलोग मुकाबला करेंगे.

इधर, मंत्री सत्यानंद भोक्ता कहते हैं कि यह जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. पांच साल तक हो हल्ला करने में ही इन लोगों ने बिता दिया अब जनता के बीच जाना है तो किस मुंह से जायेंगे. कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने निशिकांत दुबे की मांग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. यह अनरगल मांग है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर बनाएं केंद्र शासित प्रदेश, नहीं तो नहीं बचेंगे हिंदू - निशिकांत दुबे - Nishikant Dubey

संथाल क्षेत्र में एनआरसी की संभावना से इनकार नहींः निशिकांत दुबे - NRC in Santhal region not ruled out

रांची: संताल सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों की घटती जनसंख्या और मुस्लिम बहुल इलाकों में बढ़ रहे मतदाताओं की संख्या को लेकर चल रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी इसे डेमोग्राफी बदलने की बात करते हुए लगातार इसकी जांच की मांग कर रही है. गुरुवार को लोकसभा में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद झारखंड की सियासत गरमा गई है.

बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी के नेताओं की प्रतिक्रिया (ईटीवी भारत)

निशिकांत दुबे के द्वारा संथाल के इन इलाकों के साथ पश्चिम बंगाल और बिहार के सीमावर्ती जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग पर राजनीति तेज है. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा बयानों का दौर जारी रहा. भारतीय जनता पार्टी ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार सरकार से इस पर पहल करने की मांग की है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने बांग्लादेशी लगातार आदिवासियों की संख्या में हो रही गिरावट और आदिवासी बेटियों के साथ मुस्लिम युवकों के द्वारा एक साजिश के तहत शादी करने का आरोप लगाते हुए इसे गंभीर मसला बताया है और इस मामले में केंद्र सरकार से भी पहल करने का आग्रह किया है. भाजपा नेताओं का मानना है कि आदिवासी की संख्या में लगातार हो रही गिरावट भविष्य के लिए चिंता का कारण बनेगा और कहीं ना कहीं इसके पीछे बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं.

डेमोग्राफी पर आमने सामने सत्ता पक्ष-विपक्ष

डेमोग्राफी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होता दिख रहा है. भारतीय जनता पार्टी के आरोप पर पलटवार करते हुए सत्ता पक्ष के विधायक-मंत्री इसे चुनाव को ध्यान में रखते हुए पॉलिटिकल स्टंट बताने में जुटे हैं. मंत्री हफीजुल हसन कहते हैं कि निशिकांत दुबे क्या बोलते हैं उससे हमको मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि जो वो करना चाहते हैं वो नहीं होगा. संथाल, कांग्रेस-झामुमो का गढ़ है और मजबूती के साथ हमलोग मुकाबला करेंगे.

इधर, मंत्री सत्यानंद भोक्ता कहते हैं कि यह जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. पांच साल तक हो हल्ला करने में ही इन लोगों ने बिता दिया अब जनता के बीच जाना है तो किस मुंह से जायेंगे. कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने निशिकांत दुबे की मांग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. यह अनरगल मांग है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह की मांग कर रहे हैं.

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