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बच्चों और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, डीजीपी समेत तीन अफसर तलब - Women harassment in Jharkhand

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2024, 3:36 PM IST

Sexual harassment in Jharkhand. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे यौन उत्पीड़न के मामलों पर झारखंड हाईकोर्ट गंभीर है. कोर्ट ने डीजीपी समेत तीन अधिकारियों को तलब किया है.

JHARKHAND HIGH COURT
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

रांची: राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी और रांची के डीसी को तलब किया है. 18 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान सभी को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होना है.

अधिवक्ता धीरज कुमार (ईटीवी भारत)

भारती कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने पूछा है कि बच्चों और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं क्यों नहीं रुक रहीं हैं. कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नगर निगम को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे बसों से स्कूल आना जाना करते हैं. इस दौरान यौन उत्पीड़न ना हो, इसके लिए स्कूल प्रबंधन को बस में स्टाफ रखने की जरूरत है. कोर्ट ने जमशेदपुर में स्कूल वैन ड्राइवर द्वारा साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ उत्पीड़न और पिछले दिनों रिम्स में महिला स्टाफ के साथ छेड़खानी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है.

18 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग और नगर निगम को बताना है कि राजधानी में हर जगह स्ट्रीट लाइट काम कर रहे हैं या नहीं. सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे फंक्शनल हैं या नहीं. पीसीआर वैन ठीक से मॉनिटरिंग कर रहे हैं या नहीं. दरअसल, याचिकाकर्ता भारती कुमारी की ओर से कोर्ट के समक्ष इस साल जनवरी से जून तक महिलाओं के खिलाफ हुए दुष्कर्म की घटनाओं का डाटा पेश दिया गया है. इसके मुताबिक राज्य में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.

रांची: राज्य में महिलाओं और बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी और रांची के डीसी को तलब किया है. 18 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान सभी को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होना है.

अधिवक्ता धीरज कुमार (ईटीवी भारत)

भारती कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने पूछा है कि बच्चों और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं क्यों नहीं रुक रहीं हैं. कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नगर निगम को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे बसों से स्कूल आना जाना करते हैं. इस दौरान यौन उत्पीड़न ना हो, इसके लिए स्कूल प्रबंधन को बस में स्टाफ रखने की जरूरत है. कोर्ट ने जमशेदपुर में स्कूल वैन ड्राइवर द्वारा साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ उत्पीड़न और पिछले दिनों रिम्स में महिला स्टाफ के साथ छेड़खानी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है.

18 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग और नगर निगम को बताना है कि राजधानी में हर जगह स्ट्रीट लाइट काम कर रहे हैं या नहीं. सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे फंक्शनल हैं या नहीं. पीसीआर वैन ठीक से मॉनिटरिंग कर रहे हैं या नहीं. दरअसल, याचिकाकर्ता भारती कुमारी की ओर से कोर्ट के समक्ष इस साल जनवरी से जून तक महिलाओं के खिलाफ हुए दुष्कर्म की घटनाओं का डाटा पेश दिया गया है. इसके मुताबिक राज्य में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.

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