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पेयजल के लिए सिर्फ पाइपलाइन बिछाने से नहीं चलेगा काम! हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, जलश्रोतों के अतिक्रमण पर मांगी रिपोर्ट - Jharkhand HC on drinking water

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 26, 2024, 7:32 PM IST

Jharkhand HC on drinking water. रांची और आसपास के इलाकों में पेयजल को लेकर झारखंड हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने जल श्रोतों के अतिक्रमण पर रिपोर्ट मांगी है.

Jharkhand HC on drinking water
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

रांची: शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ पाइप लाइन बिछाने से काम नहीं चलेगा. रांची और आसपास के क्षेत्रों में जल स्रोतों के अतिक्रमण मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तल्ख टिप्पणी की है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जल स्रोतों को बचाने और संबंधित इलाके के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या एक्शन प्लान तैयार हुआ है. हाईकोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. यह कमेटी तीन सप्ताह के भीतर रांची और आसपास के क्षेत्रों में डैम के कैचमेंट एरिया, हीनू और हरमू नदी के साथ-साथ अन्य जल स्रोतों के अतिक्रमण पर रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगी. खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है.

इस मामले पर हाईकोर्ट द्वारा गठित छह अधिवक्ताओं की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में निर्मित बहुमंजिला इमारतों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निरीक्षण कर हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है. अदालत ने रांची नगर निगम के अधिवक्ता को भी अपनी फाइनल रिपोर्ट 28 जून तक पेश करने का निर्देश दिया है. आपको बता दें कि रांची जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण को हटाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है. पिछले दिनों रांची का बड़ा तालाब की बदहाल स्थिति पर भी हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की थी.

रांची: शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ पाइप लाइन बिछाने से काम नहीं चलेगा. रांची और आसपास के क्षेत्रों में जल स्रोतों के अतिक्रमण मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तल्ख टिप्पणी की है.

धीरज कुमार, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जल स्रोतों को बचाने और संबंधित इलाके के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या एक्शन प्लान तैयार हुआ है. हाईकोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. यह कमेटी तीन सप्ताह के भीतर रांची और आसपास के क्षेत्रों में डैम के कैचमेंट एरिया, हीनू और हरमू नदी के साथ-साथ अन्य जल स्रोतों के अतिक्रमण पर रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगी. खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है.

इस मामले पर हाईकोर्ट द्वारा गठित छह अधिवक्ताओं की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में निर्मित बहुमंजिला इमारतों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निरीक्षण कर हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है. अदालत ने रांची नगर निगम के अधिवक्ता को भी अपनी फाइनल रिपोर्ट 28 जून तक पेश करने का निर्देश दिया है. आपको बता दें कि रांची जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण को हटाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है. पिछले दिनों रांची का बड़ा तालाब की बदहाल स्थिति पर भी हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की थी.

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