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खुले में प्रतिबंधित मांस की बिक्री पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से जताई नाराजगी, एसएसपी को एक्शन लेने का निर्देश - Sale of banned meat in open

Jharkhand High Court. झारखंड हाईकोर्ट ने खुले में प्रतिबंधित मांस की बिक्री पर राज्य सरकार से नाराजगी जताई है. अदालत ने एसएसपी को एक्शन लेने का निर्देश भी दिया है. साथ ही अब तक क्या कार्रवाई हुई है इसकी भी जानकारी मांगी है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 7, 2024, 7:07 PM IST

रांची: राजधानी रांची और आसपास के इलाकों में खुलेआम प्रतिबंधित मांस बेचा जा रहा है. इससे जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश अरुण कुमार राय ने राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने रांची के एसएसपी को इस मामले में फौरन एक्शन लेने को कहा है. हाईकोर्ट ने एसएसपी से पूछा कि झारखंड गोजातीय पशु वध निषेध अधिनियम, 2005 के तहत रांची में क्या कार्रवाई की गई है. इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं. इससे जुड़ा शपथ पत्र मंगलवार तक दायर करना है.

अधिवक्ता धीरज कुमार (ईटीवी भारत)

दरअसल, राजधानी समेत आसपास के इलाको में खुले में मुर्गे और बकरे के मीट बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका में प्रार्थी श्यामानंद पांडेय की ओर से तस्वीरें भी कोर्ट के समक्ष पेश की गई, जिसमें खुले में गोवंश का मांस बेचते देखा जा सकता है. कोर्ट ने इसपर नाराजगी जताते हुए, इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इसपर महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से कहा गया कि खुले में प्रतिबंधित गोवंशीय मांस की बिक्री की जांच कराई जाएगी.

खंडपीठ ने कहा कि कई मीट दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं. कई जगहों पर काले शीशे का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसपर सरकार की ओर से बताया गया कि बिना लाइसेंस के मीट दुकानों का संचालन करने वाले 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ऐसा करना भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का उल्लंघन है.

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दरअसल, राजधानी समेत आसपास के इलाको में खुले में मुर्गे और बकरे के मीट बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका में प्रार्थी श्यामानंद पांडेय की ओर से तस्वीरें भी कोर्ट के समक्ष पेश की गई, जिसमें खुले में गोवंश का मांस बेचते देखा जा सकता है. कोर्ट ने इसपर नाराजगी जताते हुए, इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इसपर महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से कहा गया कि खुले में प्रतिबंधित गोवंशीय मांस की बिक्री की जांच कराई जाएगी.

खंडपीठ ने कहा कि कई मीट दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं. कई जगहों पर काले शीशे का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसपर सरकार की ओर से बताया गया कि बिना लाइसेंस के मीट दुकानों का संचालन करने वाले 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ऐसा करना भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का उल्लंघन है.

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