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साहिबगंज-कटिहार फेरी सेवा मामला, टेंडर रद्द करने से हाईकोर्ट का इनकार, राज्य सरकार को काउंटर एफिडेविट देने का आदेश - Sahibganj Katihar ferry service

Sahibganj Katihar ferry service Case in Jharkhand HC. झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज-कटिहार फेरी सेवा मामले में टेंडर रद्द करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही राज्य सरकार को काउंटर एफिडेविट देने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 19, 2024, 9:03 PM IST

SAHIBGANJ KATIHAR FERRY SERVICE
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

रांची: साहिबगंज से कटिहार के मनिहारी के बीच गंगा नदी पर फेरी सेवा के लिए निकले टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार ने टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार को काउंटर एफिडेविट दायर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि टेंडर रद्द करने के मामले में एक पक्षीय आदेश जारी नहीं किया जा सकता. इसलिए कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट देने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

दरअसल, याचिकाकर्ता अंकुश राजहंस ने यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए याचिका दी थी कि इसका विज्ञापन बंगाल फेरी एक्ट 1885 के नियम के खिलाफ है. टेंडर का विज्ञापन 15 दिन पूर्व अखबारों में निकाला जाना चाहिए था. इसलिए टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर नये सीरे से विज्ञापन निकाला जाना चाहिए. याचिकाकर्ता की यह भी दलील थी कि साहिबगंज जिला प्रशासन ने विज्ञापन ने इस बात का भी जिक्र नहीं किया कि किस घाट से किस घाट तक फेरी सेवा का संचालन होगा. ऐसे में फेरी ऑपरेटर इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि महाधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि समदा घाट से मनिहारी घाट के बीच ही फेरी सेवा का संचालन होगा.

आपको बता दें कि साहिबगंज में अवैध माइनिंग की ईडी जांच कर रही है. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि अवैध तरीके से पत्थरों की फेरी सेवा के जरिए ढुलाई हुई है. इस बीच टेंडर को लेकर नया विवाद सामने आया है.

रांची: साहिबगंज से कटिहार के मनिहारी के बीच गंगा नदी पर फेरी सेवा के लिए निकले टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार ने टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार को काउंटर एफिडेविट दायर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि टेंडर रद्द करने के मामले में एक पक्षीय आदेश जारी नहीं किया जा सकता. इसलिए कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट देने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

दरअसल, याचिकाकर्ता अंकुश राजहंस ने यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए याचिका दी थी कि इसका विज्ञापन बंगाल फेरी एक्ट 1885 के नियम के खिलाफ है. टेंडर का विज्ञापन 15 दिन पूर्व अखबारों में निकाला जाना चाहिए था. इसलिए टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर नये सीरे से विज्ञापन निकाला जाना चाहिए. याचिकाकर्ता की यह भी दलील थी कि साहिबगंज जिला प्रशासन ने विज्ञापन ने इस बात का भी जिक्र नहीं किया कि किस घाट से किस घाट तक फेरी सेवा का संचालन होगा. ऐसे में फेरी ऑपरेटर इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि महाधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि समदा घाट से मनिहारी घाट के बीच ही फेरी सेवा का संचालन होगा.

आपको बता दें कि साहिबगंज में अवैध माइनिंग की ईडी जांच कर रही है. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि अवैध तरीके से पत्थरों की फेरी सेवा के जरिए ढुलाई हुई है. इस बीच टेंडर को लेकर नया विवाद सामने आया है.

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