हजारीबागः तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार के साले राजू कुमार गुप्ता के आवेदन पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने संज्ञान लिया है. उन्होंने हजारीबाग रेंज के डीआईजी को पत्र लिखकर इस मामले की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. हजारीबाग सदर के तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार पर उनकी पत्नी अनीता देवी को जिंदा जलाकर मारने का आरोप है.
पत्र मिलने के बाद डीजीपी ने लिया संज्ञान
झारखंड के डीजीपी ने तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार के साले राजू कुमार गुप्ता के आवेदन पर संज्ञान लिया है. इसके बाद अशोक कुमार पर जांच का शिकंजा कसने वाला है. पूर्व में मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने लोहसिंघना थाना में आवेदन देकर एसडीओ पर जलाकर मारने का आरोप लगाया था.
एसपी अभियान ने डीजीपी कार्यालय से लिखे उक्त पत्र में कहा है कि आवेदक राजू कुमार गुप्ता द्वारा महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक झारखंड के समक्ष उपस्थित होकर अभ्यावेदन समर्पित किया है. जिस पर महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक द्वारा विषयांकित कांड में की जा रही जांच की समीक्षा अपने स्तर से कराने और कांड के अनुसंधानकर्ता, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत करने आदेश दिया है. कहा गया है कि प्राप्त अभ्यावेदन पर महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई करें.
27 दिसंबर 2024 को हुई थी अनीता की मौत
पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनीता देवी 26 दिसंबर की सुबह जल गई थी. जिसे लगभग 7:30 बजे आरोग्यम हॉस्पिटल ले जाया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद उसे बोकारो जनरल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था. जहां चिकित्सकों ने बताया था कि वह 65 फीसदी जल गई है. चिकित्सकों ने अनीता को रांची रेफर कर दिया था. रांची के देवकमल हॉस्पिटल में अनीता देवी को एडमिट कराया गया था. जहां 27 दिसंबर की रात उन्होंने इलाज के क्रम में दम तोड़ दिया था.
एसडीओ समेत चार पर दर्ज हुई थी एफआईआर
इस संबंध में तत्कालीन एसडीओ के साले राजू कुमार गुप्ता ने एफआईआर दर्ज करायी थी. जिसमें एसडीओ, एसडीओ के पिता, छोटा भाई और देवरानी पर जलाकर मारने का आरोप लगाया था. राजू कुमार गुप्ता ने कहा है कि अब तक जो बयान सामने आए हैं उसमें एसडीओ और उनके पिता के बयान में काफी विरोधाभास है. दोनों पति-पत्नी में पूर्व से चले आ रहे विवाद से स्पष्ट है कि अनीता को जलाकर मारा गया है.
मृतका के परिजनों ने किया था प्रदर्शन
13 जनवरी को पीड़ित परिवार ने समाहरणालय परिसर के सामने एक दिवसीय धरना देकर विरोध जताया था. परिजनों का आरोप था कि प्रशासन पूरे मामले में लीपापोती करने का काम कर रहा है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है. धरना के दौरान सामाजिक संगठनों के लोगों ने उनका साथ दिया था. इसके अलावा कई राजनेता भी पीड़ित परिवार के साथ खड़े थे. उन्होंने प्रशासन से मांग की थी इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करें. जिस दिन अनीता देवी की मौत हुई थी उस दिन भी पीड़ित परिवार ने थाना का घेराव किया था.
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