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झारखंड विधानसभा चुनाव: कौन जीतेगा जरमुंडी का जंग, कांग्रेस-बीजेपी में प्रत्याशियों के नाम की चर्चा शुरू - Jharkhand assembly election

Jarmundi assembly constituency. झारखंड विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर सबकी नजर है उनमें से एक है दुमका जिले की जरमुंडी सीट. फिलहाल यहां से बादल पत्रलेख विधायक हैं. लेकिन जिस तरह से गोड्डा लोकसभा सीट से निशिंकात दुबे ने जीत दर्ज की है. उससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलने वाली है.

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 24, 2024, 10:34 AM IST

Updated : Sep 24, 2024, 12:25 PM IST

देवघर: झारखंड में विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है. ऐसे में राजनीतिक दलों के द्वारा हर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए नेताओं का दौरा शुरू हो चुका है. किस विधानसभा सीट पर कौन प्रत्याशी होगा इसको तय करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. खासकर वैसे विधानसभा सीटों पर अभी से ही राजनीतिक दल अपनी नजर बना रहे हैं जहां जीत का फासला काफी कम देखा गया है. ऐसे ही सीट में शुमार है झारखंड का जरमुंडी विधानसभा सीट. राज्य गठन के बाद जरमुंडी विधानसभा सीट एक ऐसा सीट है जहां जीत का फासला दस हजार वोट से भी कम होता है.

बीजेपी नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)



2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के बादल पत्रलेख बीजेपी के देवेंद्र कुमार से महज 3100 वोट से जीते थे, जबकि 2015 में जेएमएम के हरी नारायण राय से उनकी जीत करीब 2800 वोट से हुई थी. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि जरमुंडी विधानसभा में इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन दोनों ही मजबूत स्थिति में है और इस बार जीत के लिए दोनों गठबंधन जी जान से मेहनत कर रहा है. विगत शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और झारखंड विधानसभा के चुनाव प्रभारी हेमंता बिस्वा सरमा ने जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के सोनारायठाड़ी स्थित पूर्व मंत्री हरिनारायण राय से उनके आवास पर मुलाकात की. जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों से है.

जरमुंडी विधानसभा सीट का इतिहास

2019 में जरमुंडी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
बादल पत्रलेखकांग्रेस52,507
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी49,408
फुलकुमारी देवीनिर्दलीय17,313
संजय कुमारजेवीएम9,242
2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
बादल पत्रलेखकांग्रेस43,981
हरि नारायण रायजेएमएम41273
अभय कांत प्रसादभाजपा29,965
देवेन्द्र कुंवरजेवीएम14,189
2009 विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
हरि नारायण रायनिर्दलीय33,512
देवेन्द्र कुंवरजेएमएम23,025
बादल पत्रलेखकांग्रेस17,955
वरुण कुमारबीजेपी11,197
2005 विधानसभा चुनाव में
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
हरि नारायण रायनिर्दलीय28,480
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी22,171
चक्रधर यादवराजद8884
मणिशंकरकांग्रेस7,524
2000 विधानसभा चुनाव में
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी24,082
हरिनारायण रायबीएसपी19,019

हरि नारायण राय जरमुंडी विधानसभा से दो बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं और राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं. मंत्री रहने के दौरान उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाए गए. उन्हें सात साल की सजा भी सुनाई गई. सजा मिलने के कारण वर्ष 2019 का चुनाव वह लड़ भी नहीं पाए थे. लेकिन इस बार उम्मीद है कि वह एनडीए गठबंधन की तरफ से भाजपा के उम्मीदवार बनेंगे.

जरमुंडी विधानसभा सीट से देवेंद्र कुवर दो बार चुनाव जीते हैं हालांकि उन्होंने दोनों बार अलग-अलग पार्टी से जीते 1995 में उन्होंने झामुमो से तो 2000 तो बीजेपी की टिकट पर वे जीतकर विधानसभा पहुंचे. वहीं हरिनारायण राय 2005 और 2009 में एक के बाद एक लगातार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज की. इसके बाद बादल पत्रलेख पिछले दो बार 2014 और 2019 से लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं. हेमंत सरकार में उन्हें कृषि मंत्री संभालने का भी मौका मिला. एक बार फिर उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस की टिकट पर जरमुंडी विधानसभा सीट से जीत दर्ज करेंगे. उनके कार्यकर्ताओं के कहना है कि बादल पत्रलेख ने इलाके में काफी काम किया है और यहां के मतदाता उन्हें फिर से जिताएंगे.

इधर, 20 सितंबर को असम के मुख्यमंत्री और हरी नारायण राय की मुलाकात हुई. यह मुलाकात कई मायनों में खास मानी जा रही है. हरि नारायण राय से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जिस तरह से बयान दिया है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हरि नारायण राय उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि भाजपा की तरफ से जरमुंडी कई दावेदार हैं. इसमें पूर्व राज्यसभा सांसद अभय कांत प्रसाद, आरएसएस और पार्टी से लंबे समय से जुड़े सीताराम पाठक, बीजेपी के प्रदेश सचिव रविकांत, जिला अध्यक्ष गौरव कांत. हालांकि अभी किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन एक बात तय है कि इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की कांटी की टक्कर जरुर होगी.

जरमुंडी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी पिछले दस वर्षों से महज कुछ वोटों से हार रही है, लेकिन इस बार के विधानसभा को जीतने के लिए एनडीए गठबंधन सारी ताकत झोंकते नजर आ रहा है. वहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की तरफ से बादल पत्रलेख लगातार कुछ वोटों से दो बार से जीत रहे हैं.

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2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के बादल पत्रलेख बीजेपी के देवेंद्र कुमार से महज 3100 वोट से जीते थे, जबकि 2015 में जेएमएम के हरी नारायण राय से उनकी जीत करीब 2800 वोट से हुई थी. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि जरमुंडी विधानसभा में इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन दोनों ही मजबूत स्थिति में है और इस बार जीत के लिए दोनों गठबंधन जी जान से मेहनत कर रहा है. विगत शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और झारखंड विधानसभा के चुनाव प्रभारी हेमंता बिस्वा सरमा ने जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के सोनारायठाड़ी स्थित पूर्व मंत्री हरिनारायण राय से उनके आवास पर मुलाकात की. जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों से है.

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2019 में जरमुंडी विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
बादल पत्रलेखकांग्रेस52,507
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी49,408
फुलकुमारी देवीनिर्दलीय17,313
संजय कुमारजेवीएम9,242
2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
बादल पत्रलेखकांग्रेस43,981
हरि नारायण रायजेएमएम41273
अभय कांत प्रसादभाजपा29,965
देवेन्द्र कुंवरजेवीएम14,189
2009 विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
हरि नारायण रायनिर्दलीय33,512
देवेन्द्र कुंवरजेएमएम23,025
बादल पत्रलेखकांग्रेस17,955
वरुण कुमारबीजेपी11,197
2005 विधानसभा चुनाव में
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
हरि नारायण रायनिर्दलीय28,480
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी22,171
चक्रधर यादवराजद8884
मणिशंकरकांग्रेस7,524
2000 विधानसभा चुनाव में
प्रत्याशी के नामपार्टीप्राप्त मत
देवेन्द्र कुंवरबीजेपी24,082
हरिनारायण रायबीएसपी19,019

हरि नारायण राय जरमुंडी विधानसभा से दो बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं और राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं. मंत्री रहने के दौरान उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाए गए. उन्हें सात साल की सजा भी सुनाई गई. सजा मिलने के कारण वर्ष 2019 का चुनाव वह लड़ भी नहीं पाए थे. लेकिन इस बार उम्मीद है कि वह एनडीए गठबंधन की तरफ से भाजपा के उम्मीदवार बनेंगे.

जरमुंडी विधानसभा सीट से देवेंद्र कुवर दो बार चुनाव जीते हैं हालांकि उन्होंने दोनों बार अलग-अलग पार्टी से जीते 1995 में उन्होंने झामुमो से तो 2000 तो बीजेपी की टिकट पर वे जीतकर विधानसभा पहुंचे. वहीं हरिनारायण राय 2005 और 2009 में एक के बाद एक लगातार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज की. इसके बाद बादल पत्रलेख पिछले दो बार 2014 और 2019 से लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं. हेमंत सरकार में उन्हें कृषि मंत्री संभालने का भी मौका मिला. एक बार फिर उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस की टिकट पर जरमुंडी विधानसभा सीट से जीत दर्ज करेंगे. उनके कार्यकर्ताओं के कहना है कि बादल पत्रलेख ने इलाके में काफी काम किया है और यहां के मतदाता उन्हें फिर से जिताएंगे.

इधर, 20 सितंबर को असम के मुख्यमंत्री और हरी नारायण राय की मुलाकात हुई. यह मुलाकात कई मायनों में खास मानी जा रही है. हरि नारायण राय से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जिस तरह से बयान दिया है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हरि नारायण राय उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि भाजपा की तरफ से जरमुंडी कई दावेदार हैं. इसमें पूर्व राज्यसभा सांसद अभय कांत प्रसाद, आरएसएस और पार्टी से लंबे समय से जुड़े सीताराम पाठक, बीजेपी के प्रदेश सचिव रविकांत, जिला अध्यक्ष गौरव कांत. हालांकि अभी किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन एक बात तय है कि इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की कांटी की टक्कर जरुर होगी.

जरमुंडी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी पिछले दस वर्षों से महज कुछ वोटों से हार रही है, लेकिन इस बार के विधानसभा को जीतने के लिए एनडीए गठबंधन सारी ताकत झोंकते नजर आ रहा है. वहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की तरफ से बादल पत्रलेख लगातार कुछ वोटों से दो बार से जीत रहे हैं.

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Last Updated : Sep 24, 2024, 12:25 PM IST
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