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सवाल तो बनता है.. आखिर झारखंड में चुनाव प्रचार से नीतीश कुमार क्यों रहे दूर, कहीं BJP का हिंदुत्व कार्ड तो नहीं खटक रहा? - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

झारखंड में जेडीयू दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गये. बिहार में राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू है.

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नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 18, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Nov 18, 2024, 7:48 PM IST

पटना: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 18 नवंबर को प्रचार प्रसार समाप्त हो गया. 20 नवंबर को 38 सीटों पर अंतिम चरण का मतदान होगा. जदयू, यहां से भाजपा के साथ गठबंधन में दो सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में चुनाव की लंबी तैयारी की थी. सरयू राय भी पार्टी में शामिल कराये गये. लेकिन, चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार के लिए नहीं गए. इसको लेकर राजद की तरफ से निशाना साधा जा रहा है.

तेजस्वी-लालू ने किया प्रचार: झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद ने छह उम्मीदवार उतारे. तेजस्वी यादव ने लगातार प्रचार अभियान चलाया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी प्रचार किया. चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में जाएंगे, वो नहीं गए. नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने पर राजद ने निशाना साधा है. राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि भाजपा ने जो हिंदुत्व कार्ड खेला है, उससे बचने के लिए नीतीश प्रचार में नहीं गए. जदयू ने नीतीश कुमार के नहीं जाने के पीछे हिंदुत्व कार्ड की बात से इनकार किया है.

नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में झारखंड क्यों नहीं गये. (ETV Bharat)

"भाजपा ने झारखंड में अपने कई मुख्यमंत्रियों को उतारा था. हेमंत बिस्वा शर्मा तो हिंदुत्व का चेहरा हैं. हिंदुत्व कार्ड बीजेपी ने खेला है. नीतीश कुमार इसलिए नहीं गए कि कहीं बिहार में उसका असर अल्पसंख्यक वोट पर न हो जाये."- सुनील पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION
खीरू महतो, सरयू राय व अन्य जेडीयू नेता. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

लालू के चुनाव प्रचार पर सवालः आरजेडी प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार क्यों नहीं गए चुनाव प्रचार में जदयू नेताओं को बताना चाहिए. इसके बाद उन्होंने दरभंगा में एम्स शिलान्यास कार्यक्रम के मौके पर नीतीश कुमार के द्वारा पीएम मोदी के पैर छुए जाने वाले प्रसंग पर तंज कसते हुए सवाल किया कि 'क्या नीतीश कुमार एनडीए में चरण वंदना के लिये हैं.' जेडीयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने लालू यादव के चुनाव प्रचार जाने पर सवाल उठाया कि 'वो गए भी तो किसके लिये, सुभाष यादव के लिए जो जेल में बंद है.'

arun yadav
अरुण यादव. (ETV Bharat)

"नीतीश कुमार पहले भी कई राज्यों के चुनाव में उम्मीदवार को लड़ा चुके हैं. जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले यह उनका सपना है. अब झारखंड में दो सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. चर्चा थी कि चुनाव प्रचार में जाएंगे. लेकिन नहीं गए, क्योंकि बीजेपी ने झारखंड में आदिवासी और हिंदुत्व कार्ड जमकर खेला है."- अरुण पांडेय, राजनीतिक विश्लेषक

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झारखंड के नेताओं के साथ नीतीश कुमार (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

भाजपा ने नहीं बुलाया नीतीश कोः झारखंड, पड़ोसी राज्य है. झारखंड में जदयू के विधायक भी रहे हैं. इसलिए इस बार चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में ताकत लगाएंगे. सरयू राय, नीतीश कुमार के मित्र हैं. इसलिए यह ज्यादा चर्चा थी कि कम से कम सरयू राय की सीट पर जरूर प्रचार करेंगे. लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए. अब इसको लेकर विपक्ष की ओर से निशाना साधा जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा के लोग नीतीश कुमार को वहां चुनाव प्रचार में नहीं बुलाए थे.

Nihora Yadav.
निहोरा यादव. (ETV Bharat)

राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा की चाहः जदयू, झारखंड से पहले जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, नागालैंड जैसे कई राज्यों में चुनाव लड़ी है. नीतीश राष्ट्रीय पार्टी बनाने का सपना तो देखते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार में कहीं नहीं जाते हैं. जदयू को बिहार के अलावे राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा अरुणाचल और मणिपुर में मिला हुआ है. केवल एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा चाहिये, जिससे जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके. हर बार जदयू इसमें चूक जा रहा है.

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अशोक चौधरी के साथ खीरू महतो. (ETV Bharat)

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तेजस्वी-लालू ने किया प्रचार: झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद ने छह उम्मीदवार उतारे. तेजस्वी यादव ने लगातार प्रचार अभियान चलाया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी प्रचार किया. चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में जाएंगे, वो नहीं गए. नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने पर राजद ने निशाना साधा है. राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि भाजपा ने जो हिंदुत्व कार्ड खेला है, उससे बचने के लिए नीतीश प्रचार में नहीं गए. जदयू ने नीतीश कुमार के नहीं जाने के पीछे हिंदुत्व कार्ड की बात से इनकार किया है.

नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में झारखंड क्यों नहीं गये. (ETV Bharat)

"भाजपा ने झारखंड में अपने कई मुख्यमंत्रियों को उतारा था. हेमंत बिस्वा शर्मा तो हिंदुत्व का चेहरा हैं. हिंदुत्व कार्ड बीजेपी ने खेला है. नीतीश कुमार इसलिए नहीं गए कि कहीं बिहार में उसका असर अल्पसंख्यक वोट पर न हो जाये."- सुनील पांडे, राजनीतिक विश्लेषक

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION
खीरू महतो, सरयू राय व अन्य जेडीयू नेता. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

लालू के चुनाव प्रचार पर सवालः आरजेडी प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार क्यों नहीं गए चुनाव प्रचार में जदयू नेताओं को बताना चाहिए. इसके बाद उन्होंने दरभंगा में एम्स शिलान्यास कार्यक्रम के मौके पर नीतीश कुमार के द्वारा पीएम मोदी के पैर छुए जाने वाले प्रसंग पर तंज कसते हुए सवाल किया कि 'क्या नीतीश कुमार एनडीए में चरण वंदना के लिये हैं.' जेडीयू प्रवक्ता निहोरा यादव ने लालू यादव के चुनाव प्रचार जाने पर सवाल उठाया कि 'वो गए भी तो किसके लिये, सुभाष यादव के लिए जो जेल में बंद है.'

arun yadav
अरुण यादव. (ETV Bharat)

"नीतीश कुमार पहले भी कई राज्यों के चुनाव में उम्मीदवार को लड़ा चुके हैं. जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले यह उनका सपना है. अब झारखंड में दो सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. चर्चा थी कि चुनाव प्रचार में जाएंगे. लेकिन नहीं गए, क्योंकि बीजेपी ने झारखंड में आदिवासी और हिंदुत्व कार्ड जमकर खेला है."- अरुण पांडेय, राजनीतिक विश्लेषक

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झारखंड के नेताओं के साथ नीतीश कुमार (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

भाजपा ने नहीं बुलाया नीतीश कोः झारखंड, पड़ोसी राज्य है. झारखंड में जदयू के विधायक भी रहे हैं. इसलिए इस बार चर्चा थी कि नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार में ताकत लगाएंगे. सरयू राय, नीतीश कुमार के मित्र हैं. इसलिए यह ज्यादा चर्चा थी कि कम से कम सरयू राय की सीट पर जरूर प्रचार करेंगे. लेकिन नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए. अब इसको लेकर विपक्ष की ओर से निशाना साधा जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा के लोग नीतीश कुमार को वहां चुनाव प्रचार में नहीं बुलाए थे.

Nihora Yadav.
निहोरा यादव. (ETV Bharat)

राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा की चाहः जदयू, झारखंड से पहले जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, नागालैंड जैसे कई राज्यों में चुनाव लड़ी है. नीतीश राष्ट्रीय पार्टी बनाने का सपना तो देखते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार में कहीं नहीं जाते हैं. जदयू को बिहार के अलावे राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा अरुणाचल और मणिपुर में मिला हुआ है. केवल एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा चाहिये, जिससे जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके. हर बार जदयू इसमें चूक जा रहा है.

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अशोक चौधरी के साथ खीरू महतो. (ETV Bharat)

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Last Updated : Nov 18, 2024, 7:48 PM IST
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