हजारीबाग: झारखंड में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है. इस महापर्व की खूबसूरती मतदाताओं में ही निहित है. बड़कागांव के मतदाता चुनाव को लेकर काफी उत्साहित है. अधिक से अधिक मतदान हो इसे लेकर मतदाता ने तैयारी भी कर ली है. कई मुद्दों को के साथ इस बार जनता मतदान करने पहुंचेगी. बड़कागांव में दिलचस्प मुकाबला होने के आसार दिख रहे हैं. वर्तमान विधायक अंबा प्रसाद के काम और उनके वादों को ध्यान में रखते हुए मतदाता वोट करेंगे. वहीं, भाजपा प्रत्याशी रोशन लाल चौधरी, जिन्होंने आजसू छोड़कर भाजपा का दामन थामा है. उनके वादा को भी यहां की जनता सोचकर मतदान करेगी.
विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं. 2009 में अंबा के पिता पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने लोकनाथ महतो को हराया था. 2014 में कांग्रेस की निर्मला देवी ने रोशन लाल को 411 वोटों से हराकर विधायक बनी थीं. 2019 में आजसू पार्टी के रोशन लाल चौधरी को अंबा प्रसाद ने हराकर विधानसभा पहुंची थी.
बड़कागांव की जनता का चुनावी मुद्दा क्या है
बड़कागांव की जनता का कहना है कि अलग-अलग प्रखंड के अलग-अलग समस्या है, लेकिन बड़कागांव का जो विकास होना चाहिए था, वह अब तक नहीं हो सका है. अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. वहीं, विस्थापन आज के समय में बड़कागांव की सबसे बड़ी समस्या है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बड़कागांव में विस्थापन, पुनर्वास और प्रदूषण जैसी प्रमुख समस्या है. पेयजल, शिक्षा और चिकित्सा की भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं है.
अगर केरेडारी की बात करें तो यहां कई सालों से बिजली, पानी, सड़क और चिकित्सा की व्यवस्था सुधारने की मांग उठ रही है. सिंचाई के साधन और खेल का मैदान नहीं है. पतरातू प्रखंड में थर्मल पावर और जिंदल स्टील प्लांट है. यहां रोजगार का सृजन हुआ लेकिन विस्थापन का दर्द दूर नहीं हो सका. शिक्षा और चिकित्सा यहां की भी समस्या है. टंडवा प्रखंड के 20 बूथ बड़कागांव विधानसभा में हैं. यह कोयला क्षेत्र है, लिहाजा प्रदूषण और पेयजल की समस्या से लोग परेशान हैं.
ऐसे जनप्रतिनिधि हो, जो रोजगार पर काम करें
वहीं, युवाओं का कहना है कि उच्चतर शिक्षा और रोजगार को लेकर बड़कागांव में पिछले 15 वर्षों में किसी भी तरह का काम नहीं किया गया है. कोल उत्खनन कंपनी में बाहर के लोगों को रोजगार दिया गया. स्थानीय युवकों को मजदूर बना दिया गया, यह भी एक समस्या है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि वैसे होनी चाहिए, जो रोजगार पर काम करें. अगर युवाओं के हाथ में रोजगार होगा, तभी क्षेत्र का विकास हो सकता है.
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