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Jharkhand Election 2024: जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा प्रत्याशी का विरोध, कार्यकर्ताओं ने कहा- परिवारवाद नहीं चलेगा फिर निर्दलीय ही जीतेगा - JAMSHEDPUR EAST ASSEMBLY SEAT

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से पूर्णिमा दास को टिकट मिलने के बाद पार्टी उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी उतारने की रणनीति बनाने में जुटी हुई है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 21, 2024, 11:05 AM IST

Updated : Oct 21, 2024, 11:17 AM IST

जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास के नाम की घोषणा के बाद क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है. पार्टी कार्यकर्त्ता टिकट बटंवारे में हुए परिवावाद का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति बनायी है.

भाजपा कार्यकर्ता का बयान (ETV BHARAT)

फिर निर्दलीय ही जीतेगा

पार्टी के कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर सिंह ने कहा कि टिकट बंटवारे में कार्यकर्ताओं को अनदेखी की गई है. जनता का मूड बदल गया है. वहीं, जनता का कहना है फिर निर्दलीय ही जीतेगा. झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र चर्चा का विषय बनता जा रहा है. भाजपा द्वारा ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को टिकट दिए जाने पर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है. भाजपा से बागी कार्यकर्ताओं ने गोलमुरी केबूल टाउन स्थित पार्टी के कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर सिंह के कार्यालय परिसर में बैठक की. बैठक में हजारों की संख्या में पूर्वी विधानसभा के अलग-अलग मंडल से भाजपा कार्यकर्त्ता शामिल हुए, जिनमें महिलाएं भी शामिल रही.

भाजपा में परिवारवाद का फार्मूला नहीं चलेगा

उनका कहना है पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है, जिसका हम विरोध करते हैं. क्षेत्र में पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता है, जिन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया. जबकि रघुवर दास पांच बार क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था. इस बार सरयू राय NDA गठबंधन के तहत जदयू में शामिल होकर जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में भाजपा को एक बेहतर प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतरना चाहिए, लेकिन एक बार फिर परिवारवाद का फार्मूला अपनाकर भाजपा ने कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय किया है.

जनता की इच्छा निर्दलीय चुनाव लड़े: भाजपा कार्यकर्ता

भाजपा कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर ने बताया कि 1997 से मैं भाजपा से जुडा हुआ हूं. मैं पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन अब ऐसा महसूस हो रहा है कि कार्यकर्ता सिर्फ झंडा ढोने के लिए है. वर्तमान हालात से कार्यकर्ता निराश है. मैं कोई राजनैतिक परिवार से नहीं हूं, लेकिन आज ऐसी परिस्थिति में सोचने पर मज़बूर हूं. मैंने राजनैतिक कार्यों के अलावा क्षेत्र में समाज के प्रति अपना दायित्व निभाया है. जनता चाहती है कि मैं निर्दलीय चुनाव लड़ू.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Election 2024: भाजपा ने रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को बनाया उम्मीदवार, बधाई देने वालों की उमड़ी भीड़

ये भी पढ़ें: Jharkhand election 2024: जमशेदपुर पश्चिम सीट जदयू को दिए जाने से भाजपा नेता विकास सिंह नाराज, कर दी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा

जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास के नाम की घोषणा के बाद क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है. पार्टी कार्यकर्त्ता टिकट बटंवारे में हुए परिवावाद का विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति बनायी है.

भाजपा कार्यकर्ता का बयान (ETV BHARAT)

फिर निर्दलीय ही जीतेगा

पार्टी के कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर सिंह ने कहा कि टिकट बंटवारे में कार्यकर्ताओं को अनदेखी की गई है. जनता का मूड बदल गया है. वहीं, जनता का कहना है फिर निर्दलीय ही जीतेगा. झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र चर्चा का विषय बनता जा रहा है. भाजपा द्वारा ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को टिकट दिए जाने पर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है. भाजपा से बागी कार्यकर्ताओं ने गोलमुरी केबूल टाउन स्थित पार्टी के कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर सिंह के कार्यालय परिसर में बैठक की. बैठक में हजारों की संख्या में पूर्वी विधानसभा के अलग-अलग मंडल से भाजपा कार्यकर्त्ता शामिल हुए, जिनमें महिलाएं भी शामिल रही.

भाजपा में परिवारवाद का फार्मूला नहीं चलेगा

उनका कहना है पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है, जिसका हम विरोध करते हैं. क्षेत्र में पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता है, जिन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया. जबकि रघुवर दास पांच बार क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था. इस बार सरयू राय NDA गठबंधन के तहत जदयू में शामिल होकर जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में भाजपा को एक बेहतर प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतरना चाहिए, लेकिन एक बार फिर परिवारवाद का फार्मूला अपनाकर भाजपा ने कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय किया है.

जनता की इच्छा निर्दलीय चुनाव लड़े: भाजपा कार्यकर्ता

भाजपा कार्यकर्ता सह समाजसेवी शिव शंकर ने बताया कि 1997 से मैं भाजपा से जुडा हुआ हूं. मैं पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन अब ऐसा महसूस हो रहा है कि कार्यकर्ता सिर्फ झंडा ढोने के लिए है. वर्तमान हालात से कार्यकर्ता निराश है. मैं कोई राजनैतिक परिवार से नहीं हूं, लेकिन आज ऐसी परिस्थिति में सोचने पर मज़बूर हूं. मैंने राजनैतिक कार्यों के अलावा क्षेत्र में समाज के प्रति अपना दायित्व निभाया है. जनता चाहती है कि मैं निर्दलीय चुनाव लड़ू.

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Last Updated : Oct 21, 2024, 11:17 AM IST
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