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झांसी पुलिस की जांच में किशोरी से गैंगरेप का मामला निकला फर्जी, शादी के लिए प्रेमी के न पहुंचने पर बुआ और भाई ने रची थी साजिश - Jhansi gang rape case

पुलिस ने नाबालिग से गैंगरेप (Gang Rape of Minor in Jhansi) मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस जांच में गैंगरेप का मामला फर्जी निकला है. पुलिस का दावा है कि प्रेमी के न आने पर नाबालिग, उसकी बुआ और भाई ने पैसे ऐंठने के लिए साजिश रची थी.

घटना का खुलासा करते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस..
घटना का खुलासा करते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 7:47 AM IST

झांसी में नाबालिग से गैंगरेप की घटना का खुलासा करते एसएसपी. (Video Credit : ETV Bharat)

झांसी : झांसी में मंगलवार को हुए गैंगरेप की कहानी झूठी निकली. पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता किशोरी अपने प्रेमी और उसके परिवार के साथ जाने के लिए घर से निकली थी. वह प्रेमी से शादी करना चाहती थी. उसने प्रेमी को बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंचा. इसके बाद प्रेमी के न आने पर किशोरी ने बुआ और बुआ के बेटे के साथ मिलकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर पैसे ऐंठने की साजिश रची. पुलिस अब नाबालिग, उसकी बुआ और बुआ के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कह रही है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस. ने बताया कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले शख्स ने आरोप लगाया था कि बीते 20 अगस्त को उसके मामा की लड़की सुबह छह बजे शौच के लिए खेत गई थी. उसी समय गांव के तीन युवक उसे जबरदस्ती उठाकर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद करौंदी माता मंदिर के पास छोड़कर भाग गए. तहरीर के आधार पर प्रेमनगर पुलिस ने धारा 137(2)/70(2) बीएनएस व 5जी /6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. जांच के दौरान पीड़िता और आरोपियों की सीडीआर मिलान की गई. साथ ही घटनास्थल के आसपास व झांसी शहर के कुछ सीसीटीवी फुटेज को चेक किए गए.

एसएसपी के अनुसार घटनास्थल के पास मौजूद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में पीड़िता द्वारा बताया गया चार पहिया सफेद वाहन दिखाई नहीं दिया. इसके बाद तफ्तीश की दिशा बदल दी गई. जांच में निकला कि नाबालिग शिकायतकर्ता सुबह लगभग सात बजे रिलाइंस पेट्रोल पंप के पास से ऑटो में बैठकर जेल चौराहे पर पहुंची थी. नाबालिग ने पूछताछ में बताया कि जेल चौराहे से पैदल चलकर छोटी काली माता मंदिर के पास खुशीपुरा पर मौजूद मयंक ठाकुर की दुकान पर पहुंची थी. यहां से उसने आर्टिफिशियल एक जोड़ी पायल व बिछिया खरीदी तथा मयंक के मोबाइल से अपने पुरुष मित्र को कॉल करके बुलाया.

एसएसपी के अनुसार यहां से नाबालिग पैदल चलकर मिनर्वा होते हुए किले के मुख्य द्वारा पर पहुंची. नाबालिग ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह अपने पुरुष मित्र के साथ कहीं जाना चाह रही थी. वह उससे शादी करना चाहती थी. बुलाने के बावजूद वह नहीं पहुंचा. इस पर उसे फंसाने के लिए बुआ और उसके फुफेरे भाई ने साजिश रच डाली. तफ्तीश में सामने आया कि नाबालिग को बुआ और उसके बेटे गांव के सोनू भार्गव तथा मनीष पाण्डेय से पैसे वसूलने के लिए गैंगरेप का मुकदमा लिखाने की बात सिखाई. इसके बाद सभी ने एकराय होकर थाना प्रेमनगर पर मुकदमा पंजीकृत कराया था. उक्त मामले में नामित अभियुक्तों की नामजदगी गलत करते हुए नाबालिग, बुआ और उसके बेटे को हिरासत में लेकर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.

यह भी पढ़ें : झांसी में रेप पीड़िता के चाचा के अपहरण का आरोपी गिरफ्तार

यह भी पढ़ें : झांसी पॉलिटेक्निक कॉलेज में हुए गैंगरेप मामले में 8 दोषियों को उम्रकैद की सजा

झांसी में नाबालिग से गैंगरेप की घटना का खुलासा करते एसएसपी. (Video Credit : ETV Bharat)

झांसी : झांसी में मंगलवार को हुए गैंगरेप की कहानी झूठी निकली. पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता किशोरी अपने प्रेमी और उसके परिवार के साथ जाने के लिए घर से निकली थी. वह प्रेमी से शादी करना चाहती थी. उसने प्रेमी को बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंचा. इसके बाद प्रेमी के न आने पर किशोरी ने बुआ और बुआ के बेटे के साथ मिलकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर पैसे ऐंठने की साजिश रची. पुलिस अब नाबालिग, उसकी बुआ और बुआ के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कह रही है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस. ने बताया कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले शख्स ने आरोप लगाया था कि बीते 20 अगस्त को उसके मामा की लड़की सुबह छह बजे शौच के लिए खेत गई थी. उसी समय गांव के तीन युवक उसे जबरदस्ती उठाकर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद करौंदी माता मंदिर के पास छोड़कर भाग गए. तहरीर के आधार पर प्रेमनगर पुलिस ने धारा 137(2)/70(2) बीएनएस व 5जी /6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. जांच के दौरान पीड़िता और आरोपियों की सीडीआर मिलान की गई. साथ ही घटनास्थल के आसपास व झांसी शहर के कुछ सीसीटीवी फुटेज को चेक किए गए.

एसएसपी के अनुसार घटनास्थल के पास मौजूद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में पीड़िता द्वारा बताया गया चार पहिया सफेद वाहन दिखाई नहीं दिया. इसके बाद तफ्तीश की दिशा बदल दी गई. जांच में निकला कि नाबालिग शिकायतकर्ता सुबह लगभग सात बजे रिलाइंस पेट्रोल पंप के पास से ऑटो में बैठकर जेल चौराहे पर पहुंची थी. नाबालिग ने पूछताछ में बताया कि जेल चौराहे से पैदल चलकर छोटी काली माता मंदिर के पास खुशीपुरा पर मौजूद मयंक ठाकुर की दुकान पर पहुंची थी. यहां से उसने आर्टिफिशियल एक जोड़ी पायल व बिछिया खरीदी तथा मयंक के मोबाइल से अपने पुरुष मित्र को कॉल करके बुलाया.

एसएसपी के अनुसार यहां से नाबालिग पैदल चलकर मिनर्वा होते हुए किले के मुख्य द्वारा पर पहुंची. नाबालिग ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह अपने पुरुष मित्र के साथ कहीं जाना चाह रही थी. वह उससे शादी करना चाहती थी. बुलाने के बावजूद वह नहीं पहुंचा. इस पर उसे फंसाने के लिए बुआ और उसके फुफेरे भाई ने साजिश रच डाली. तफ्तीश में सामने आया कि नाबालिग को बुआ और उसके बेटे गांव के सोनू भार्गव तथा मनीष पाण्डेय से पैसे वसूलने के लिए गैंगरेप का मुकदमा लिखाने की बात सिखाई. इसके बाद सभी ने एकराय होकर थाना प्रेमनगर पर मुकदमा पंजीकृत कराया था. उक्त मामले में नामित अभियुक्तों की नामजदगी गलत करते हुए नाबालिग, बुआ और उसके बेटे को हिरासत में लेकर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.

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