ETV Bharat / state

रिसॉर्ट में फेरे, ढोल-नगाड़ों, डीजे की धूम: कपड़ों-झालरों, फूल-मालाओं से सजीं बैलगाड़ियां; अनोखे अंदाज में विदा हुई दुल्हन

Jhansi Unique Wedding: शादी को यादगार बनाने और भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए दूल्हे और उसके पिता ने अनोखा विदाई समारोह कराया. देखें VIDEO...

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 3, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 12:09 PM IST

झांसी में बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई.

झांसी: शादी के बाद दुल्हन को विदा करके अपने घर ले जाने के इंसीडेंट को युवा अनोखे अंदाज में करते हैं. कोई प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए डोली सजवाता है तो कोई आधुनिक उड़नखटोला यानी हेलाकॉप्टर लेकर आता है. झांसी में भी पुरानी परंपरा के अनुसार दुल्हन की विदाई का मामला सामने आया है.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

अपनी शादी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कराने के लिए रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी बैलगाड़ियां लेकर पहुंचा. इसे देखकर लोगों को पुरानी परंपराओं की यादें ताजा हो गईं. जिसको देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

झांसी जनपद के लहर गांव निवासी हरिओम यादव के बेटे रणबीर का विवाह चिरगांव के सिया सुल्तानपुरा निवासी चाहत के साथ 2 मार्च को शिवपुरी रोड बिहारी तिराहे के पास बने रामजी रिसॉर्ट से हुआ था. तीन मार्च को सुबह विदाई समारोह चल रहा था. तभी अचानक दर्जनों बैलगाड़ियां रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी हुई पहुंच गईं.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

साथ में ढोल नगाड़े और डीजे सहित रंग बिरंगे कपडे़ में सजे घोड़े भी थे. दुल्हन को बैलगाड़ी में बैठाकर विदाई कराई गई, जिसके सारथी दूल्हे के चाचा सीपरी बाजार के लहर गांव निवासी समाजसेवी पंजाब सिंह यादव बने थे.

विवाह घर से लहर गांव करीब चार किलोमीटर चली इन बैलगाड़ियों की रैली को देखने वालों का सड़कों पर हुजूम लग गया. विदाई समारोह इतना शानदार था कि पुरानी परंपराओं को ताजा करने और देखने के लिए उमड़ी भीड़ का मन मोह लिया.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

इस दौरान दूल्हे के चाचा पंजाब सिंह यादव ने बताया कि वह अपनी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए नई बहू को बैलगाड़ी से विदा कर घर ले जा रहे हैं, जिससे नया जीवन शुरू करने वाले बेटे बहू भारतीय संस्कृति से जुड़े रहें.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

वहीं दूल्हे के पिता हरिओम यादव ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं. किसानों की जो परंपराएं थी, ग्रामीण क्षेत्रों में बैलगाड़ियों से विदाई कराना जिसे लोग भूलते जा रहे हैं, उस परंपरा को पुनः सुचारू करने के लिए उनके दिमाग में बैलगाड़ी से विदाई कराने की बात आई.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

उन्होंने लोगों से अपील भी कि पूरी दुनिया में हमारी भारतीय संस्कृति को अपनाया जा रहा है और हम भारतीय पश्चिमी संस्कृति की तरफ भाग रहे हैं. सभी को चाहिए जितना भी हो सके उतना भारतीय संस्कृति को अपनाया जाए.

ये भी पढ़ेंः यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक केस; सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, बोर्ड अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाया

ये भी पढ़ेंः तंबाकू कारोबारी के घर मिला कुबेर का खजाना, डायमंड घड़ियां व 60 करोड़ की लग्जरी कारें

ये भी पढ़ेंः शादी को यादगार बनाने के लिए हाइड्रा मशीन लेकर दुल्हन को विदा कराने पहुंचा दूल्हा, देखकर हैरान रह गए लोग

झांसी में बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई.

झांसी: शादी के बाद दुल्हन को विदा करके अपने घर ले जाने के इंसीडेंट को युवा अनोखे अंदाज में करते हैं. कोई प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए डोली सजवाता है तो कोई आधुनिक उड़नखटोला यानी हेलाकॉप्टर लेकर आता है. झांसी में भी पुरानी परंपरा के अनुसार दुल्हन की विदाई का मामला सामने आया है.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

अपनी शादी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कराने के लिए रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी बैलगाड़ियां लेकर पहुंचा. इसे देखकर लोगों को पुरानी परंपराओं की यादें ताजा हो गईं. जिसको देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

झांसी जनपद के लहर गांव निवासी हरिओम यादव के बेटे रणबीर का विवाह चिरगांव के सिया सुल्तानपुरा निवासी चाहत के साथ 2 मार्च को शिवपुरी रोड बिहारी तिराहे के पास बने रामजी रिसॉर्ट से हुआ था. तीन मार्च को सुबह विदाई समारोह चल रहा था. तभी अचानक दर्जनों बैलगाड़ियां रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी हुई पहुंच गईं.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

साथ में ढोल नगाड़े और डीजे सहित रंग बिरंगे कपडे़ में सजे घोड़े भी थे. दुल्हन को बैलगाड़ी में बैठाकर विदाई कराई गई, जिसके सारथी दूल्हे के चाचा सीपरी बाजार के लहर गांव निवासी समाजसेवी पंजाब सिंह यादव बने थे.

विवाह घर से लहर गांव करीब चार किलोमीटर चली इन बैलगाड़ियों की रैली को देखने वालों का सड़कों पर हुजूम लग गया. विदाई समारोह इतना शानदार था कि पुरानी परंपराओं को ताजा करने और देखने के लिए उमड़ी भीड़ का मन मोह लिया.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

इस दौरान दूल्हे के चाचा पंजाब सिंह यादव ने बताया कि वह अपनी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए नई बहू को बैलगाड़ी से विदा कर घर ले जा रहे हैं, जिससे नया जीवन शुरू करने वाले बेटे बहू भारतीय संस्कृति से जुड़े रहें.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

वहीं दूल्हे के पिता हरिओम यादव ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं. किसानों की जो परंपराएं थी, ग्रामीण क्षेत्रों में बैलगाड़ियों से विदाई कराना जिसे लोग भूलते जा रहे हैं, उस परंपरा को पुनः सुचारू करने के लिए उनके दिमाग में बैलगाड़ी से विदाई कराने की बात आई.

Jhansi Unique Wedding
Jhansi Unique Wedding

उन्होंने लोगों से अपील भी कि पूरी दुनिया में हमारी भारतीय संस्कृति को अपनाया जा रहा है और हम भारतीय पश्चिमी संस्कृति की तरफ भाग रहे हैं. सभी को चाहिए जितना भी हो सके उतना भारतीय संस्कृति को अपनाया जाए.

ये भी पढ़ेंः यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक केस; सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, बोर्ड अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाया

ये भी पढ़ेंः तंबाकू कारोबारी के घर मिला कुबेर का खजाना, डायमंड घड़ियां व 60 करोड़ की लग्जरी कारें

ये भी पढ़ेंः शादी को यादगार बनाने के लिए हाइड्रा मशीन लेकर दुल्हन को विदा कराने पहुंचा दूल्हा, देखकर हैरान रह गए लोग

Last Updated : Mar 5, 2024, 12:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.