झांसी : बुंदेलखंड के मरीजों के लिए जीवनदायिनी कहा जाने वाला महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज अब लोगों के जीवन से अंधेरा हटाने का भी माध्यम बनेगा. बीते कई साल से मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंक बनाने की चल रही कवायद अब सफल होती दिख रही है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. उम्मीद जताई गई है कि साल के अंत तक इसके लिए बजट आवंटित हो जाएगा. यह नेत्र बैंक बुंदेलखंड का पहला केंद्र होगा.
बता दें, नेत्र बैंक दानकर्ताओं से आंखें प्राप्त कर उन्हें कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए इस्तेमाल करने वाली संस्था होती है. कॉर्निया प्रत्यारोपण से किसी दृष्टिहीन को आंखों की रोशनी प्रदान की जाती है. बुंदेलखंड में ऐसे कई लोग हैं जो नेत्रदान करने के इच्छुक हैं, पर यहां नेत्र बैंक न होने से ऐसे लोगों की दूसरों को रोशनी देने की इच्छा अधूरी रह जाती है. समाजसेवी संस्थाएं भी नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करती हैं. इसी को देखते हुए महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंक बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.
चिकित्सकों के अनुसार साल 2024 के अंत तक बजट प्राप्त होने की उम्मीद है. जिसके बाद नेत्र बैंक स्थापित कराने का कार्य शुरू करा दिया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार कार्य शुरू होने से छह माह के भीतर ही इसका संचालन शुरू हो जाएगा. मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि नेत्र बैंक का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जल्द ही बुंदेलखंड का पहला नेत्र बैंक मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगा. यह दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए किसी बड़ी सौगात से कम साबित नहीं होगा. इसके जरिए जन्म से देखने में अक्षम व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान की जाएगी.