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नसबंदी ऑपरेशन के बाद भी महिला हो गई गर्भवती, उपभोक्ता आयोग ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया जुर्माना - Jhalawar Consumer Commission

झालावाड़ जिले की उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को इलाज में लापरवाही का दोषी मानते हुए 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया है.

IMPOSED FINE OF 30 THOUSAND RUPEES,  HEALTH DEPARTMENT OF JHALAWAR
उपभोक्ता आयोग ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया जुर्माना. (Etv Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 12:57 PM IST

झालावाड़. जिले के उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने स्वास्थ विभाग झालावाड़ को मनोहरथाना कस्बे की मोगियाबेह निवासी धापुबाई के इलाज में लापरवाही का दोषी माना है. आयोग ने 30 हजार रुपए का जुर्माना राशि 45 दिन के भीतर देने के आदेश जारी किए हैं. आयोग के अध्यक्ष ईश्वरी लाल वर्मा व सदस्य वीरेंद्र सिंह रावत, शीला मीणा ने फैसला सुनाते हुए जुर्माना राशि पर 9 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं.

उपभोक्ता आयोग के सदस्य वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मनोहर थाना कस्बे की मोगयाबेह निवासी धापुबाई ने 6 जनवरी 2020 को जावर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाया था. इसके 1 वर्ष बाद निजी अस्पताल में उसने जांच कराई तो उसके पेट में 3 सप्ताह का गर्भ पाया गया. पीड़िता ने 9 महीने के बाद बालिका को जन्म दिया.

पढ़ेंः खराब लैपटॉप देने के मामले में HP पर 22 हजार का हर्जाना - Consumer Case

उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कार्य में लापरवाही को लेकर नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दिया गया. आयोग ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को इलाज में लापरवाही का दोषी माना है. इस पर आयोग ने स्वास्थ विभाग को पीड़ित पक्ष को 30 हजार देने के आदेश दिए हैं. वहीं, विभाग को पीड़िता के मानसिक संताप व परिवाद के दौरान खर्च की गई 20 हजार रुपए की राशि अदा करने को भी कहा है.

झालावाड़. जिले के उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने स्वास्थ विभाग झालावाड़ को मनोहरथाना कस्बे की मोगियाबेह निवासी धापुबाई के इलाज में लापरवाही का दोषी माना है. आयोग ने 30 हजार रुपए का जुर्माना राशि 45 दिन के भीतर देने के आदेश जारी किए हैं. आयोग के अध्यक्ष ईश्वरी लाल वर्मा व सदस्य वीरेंद्र सिंह रावत, शीला मीणा ने फैसला सुनाते हुए जुर्माना राशि पर 9 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं.

उपभोक्ता आयोग के सदस्य वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मनोहर थाना कस्बे की मोगयाबेह निवासी धापुबाई ने 6 जनवरी 2020 को जावर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाया था. इसके 1 वर्ष बाद निजी अस्पताल में उसने जांच कराई तो उसके पेट में 3 सप्ताह का गर्भ पाया गया. पीड़िता ने 9 महीने के बाद बालिका को जन्म दिया.

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उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कार्य में लापरवाही को लेकर नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दिया गया. आयोग ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को इलाज में लापरवाही का दोषी माना है. इस पर आयोग ने स्वास्थ विभाग को पीड़ित पक्ष को 30 हजार देने के आदेश दिए हैं. वहीं, विभाग को पीड़िता के मानसिक संताप व परिवाद के दौरान खर्च की गई 20 हजार रुपए की राशि अदा करने को भी कहा है.

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