कोटा. जेईई मेन 2024 के अप्रैल सेशन में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले अक्षत चपलोत 100 परसेंटाइल के क्लब में शामिल हुए हैं. वे राजस्थान के टॉपर्स की सूची में भी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अक्षत ने कहा कि हर परीक्षा के लिए मेहनत और डिटरमिनेशन चाहिए और इमोशनली स्ट्रांग रहना पड़ता है, तब जाकर ही सफलता मिलती है. उनका कहना है कि वह पहले जेईई एडवांस्ड को क्लियर कर आईआईटी मुंबई में एडमिशन लेना चाहते हैं. वहां पर कंप्यूटर साइंस से बीटेक करेंगे. इसके बाद उनका लक्ष्य देश के लिए एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में काम करने का है.
फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी : अक्षत के पिता विक्रम सिंह चपलोत भीलवाड़ा में बीएसएनएल में सर्विस करते हैं, जबकि उनकी मां रेखा ग्रहणी हैं, लेकिन बीते 2 सालों से रेखा कोटा में ही अक्षत के साथ रहकर उन्हें कोचिंग करवा रही थी. अक्षत ने अपने तैयारी के बारे में कहा कि अच्छे नंबर आने पर मेहनत रोकनी नहीं चाहिए, लगातार पढ़ते रहना चाहिए. किसी टेस्ट में कम नंबर आने पर दुखी भी नहीं होना चाहिए. मेहनत जारी रखनी चाहिए. एग्जाम के पहले और पूरे साल भर फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है. पेरेंट्स स्ट्रेस फ्री रहने में काफी हेल्प करते हैं.
पढ़ाई के साथ आउटिंग, फन भी किया : कोटा में कोचिंग करने के दौरान अक्षत के साथ उनकी मां रेखा भी रहीं. रेखा का कहना है कि अक्षत को मोबाइल को लेकर कोई एडिक्शन नहीं था. वह पूरी तरह से सेल्फ कॉन्फिडेंट और स्टडी करने वाला बच्चा रहा है. किसी पेपर में मार्क्स कम हो गया है तो इसको मोटिवेट करती थी. कोई कम्युनिकेशन गैप नहीं होने दिया. दोनों आपस में खूब बातें करते थे. पढ़ाई के बाद फैमिली मेंबर्स के साथ बात करना, आउटिंग करना, वॉक करना, ये सभी चीजें करते थे.
कोटा के स्टूडेंट्स को सलाह : अक्षत के पिता विक्रम सिंह का कहना है कि कोटा कोचिंग में एडमिशन का टेस्ट दिया और अक्षत को स्कॉलरशिप भी मिली. उन्होंने यहां आकर कोचिंग की, जिसकी बदौलत अब यह सफलता मिली है. उन्होंने अक्षत के बारे में बताया कि वह बचपन से ही छोटे से छोटे एग्जाम में भी पूरी प्रिपरेशन और उसे फाइट करने की कोशिश करता था. यह उसका सबसे बड़ा मजबूत पक्ष है. किसी भी एग्जाम को पूरे मन लगाकर तैयारी करके देता है. अब हम टॉपर के पेरेंट्स बनकर काफी अच्छा फील कर रहे हैं. कोटा में आकर डिप्रेशन में जाने वाले बच्चों को विक्रम सिंह ने सलाह दी है कि पॉजिटिव रहकर काम करना चाहिए. जिंदगी में अप डाउन चलता रहता है, कभी-कभी अपना टाइम भी आएगा और कामयाब हो ही जाएंगे.