कोटा: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए आयोजित जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED) की पात्रता की शर्तों में बदलाव किया गया है. इसके बाद अब जेईई एडवांस्ड की वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि आईआईटी में एडमिशन की पात्रता जल्द घोषित की जाएगी. नई पात्रता के अनुसार ही आईआईटी संस्थानों के बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्स में प्रवेश मिलेगा.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि आईआईटी एंट्रेस जेईई का आयोजन आईआईटी कानपुर अगले साल 2025 में करेगी. जिसकी नई वेबसाइट जारी की गई है. इस वेबसाइट पर आईआईटी एडमिशन की पात्रता जल्द जारी करने की सूचना फ्लैश की जा रही है.
जेईई एडवांस्ड 2025 में शामिल होने की पात्रता शर्त व आईआईटी संस्थानों में प्रवेश की शर्त अलग होती है. जेईई एडवांस्ड में सम्मिलित होने के लिए 12वीं बोर्ड में जनरल, ओबीसी एनसीएल व ईडब्ल्यूएस-कैटेगरी के लिए 12वीं बोर्ड में 75 फीसदी अंक व एससी-एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट के लिए 65 फीसदी अंकों या कैटेगरी अनुसार टॉप 20 परसेंटाइल की बाध्यता कभी नहीं रही है. लेकिन आईआईटी में प्रवेश के लिए ये बाध्यता बीते कई सालों से है. यह बाध्यता वर्ष 2025 में जारी रहेगी या नहीं, इसको लेकर फिलहाल कोई अपडेट नहीं है. कैंडिडेट्स यह गलतफहमी नहीं पालें कि 12वीं बोर्ड में 75 फीसदी अंक या टॉप 20 परसेंटाइल का क्राइटेरिया हटा लिया गया है.
खत्म हो जेईई मेन व एडवास्ड सिलेबस का अंतर: देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड में शामिल होने के लिए अटेम्प्ट्स की संख्या दो बढ़ाकर तीन किए जाने का कैंडिडेट, अभिभावकों और शिक्षाविदों के एक बड़े तबके ने स्वागत किया है, लेकिन जेईई मेन व एडवांस्ड के सिलेबस के अंतर को भी खत्म करने की मांग उठाई गई है. फिजिक्स व केमिस्ट्री में जेईई मेन व एडवांस्ड के सिलेबस में काफी अंतर है. इसे समाप्त किए जाने की आवश्यकता भी है ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं के सिलेबस में एकरूपता बनी रहे.
जेईई एडवांस्ड 2025 के केमिस्ट्री विषय के सिलेबस में सॉलिड स्टेट, सर्फेस-केमेस्ट्री, एनवायरमेंटल-केमेस्ट्री, पॉलीमर्स व केमिस्ट्री इन एवरीडे लाइफ सहित अन्य चैप्टर शामिल हैं. जबकि जेईई मेन 2025 के सिलेबस में ये शामिल नहीं है. फिजिक्स में जेईई मेन में सेमीकंडक्टर्स एंड सेमीकंडक्टिंग डिवाइसेज चैप्टर है, जिससे हर साल प्रश्न आते हैं, लेकिन यह जेईई एडवांस्ड के सिलेबस में शामिल नहीं किया गया है. जेईई एडवांस्ड की तैयारी का पहला चरण जेईई मेन ही है, ऐसे में कैंडिडेट को सिलेबस अलग होने से लाभ नहीं मिलता है.