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'फिर से जमीन लेकर नौकरी देने के फिराक में हैं', JDU ने लालू-तेजस्वी पर साधा निशाना - JDU Spokesperson Rajeev Ranjan - JDU SPOKESPERSON RAJEEV RANJAN

JDU Spokesperson Rajeev Ranjan: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने लालू-तेजस्वी पर निशाना साधा है. उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि ये लोग फिर से जमीन लेकर नौकरी देने के फिराक में है. इसलिए आरक्षण के मुद्दे पर अनर्गल बयान दे रहे है.

JDU Spokesperson Rajeev Ranjan
JDU ने लालू-तेजस्वी पर साधा निशाना (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 6, 2024, 9:02 PM IST

पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच जोरदार टकरार चल रहा है. इस बीच जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि जंगल राज के वक्त एक भी नौकरी नहीं दी गई, सिर्फ अपहरण और भ्रष्टाचार किया गया. उस समय लगातार गड़बड़ियां हो रही थी. नौकरी या किसी भी चीज को लेकर इन्होंने कुछ भी नहीं किया.

'हर वर्ग को मजबूत किया': उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति यह हो गई थी कि शाम के बाद कोई नहीं घर से बाहर निकलता नहीं था. जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवंबर 2005 में आए तो हर वर्ग के लिए लगातार काम किया. पिछड़ा हो या किसी भी समाज के लोग हो उन्होंने लगातार हर वर्ग को मजबूत किया.

'बिहार में आरक्षण 75% है': उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के राज में आरक्षण की सीमा लगातार बढ़ी, जाति आधारित गणना हुई. उसके आधार पर हमारे नेता नीतीश कुमार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 18% से 25% कर दिया. जिसके बाद बिहार देश का पहला राज्य बन गया जहां SC को भी 20% आरक्षण दिया गया. बिहार एक मात्र राज्य है जहां पर आरक्षण 75% है.

"जब राजद के लोग हमारे साथ सत्ता में थे तो उनको नौकरी के बदले जमीन नहीं मिल पाया इसलिए वह चले गए." - राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू

'जमीन लेने के फिराक में थे': राजीव रंजन ने कहा कि राजद के लोग लगातार जमीन लेकर नौकरी देते रहे और अब भी इस फिराक में है कि आरक्षण कम हो और जमीन लेकर हम लोगों को नौकरी दे. आप समझ लीजिए चुनाव का समय है यह कभी कहते हैं संविधान खतरे में है तो कभी कहते हैं कि आरक्षण को हटा दिया जाएगा. जबकि केंद्र में बैठे हुई सरकार हो या राज्य में बैठे हुए हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों ने कभी भी आरक्षण को लेकर कोई ऐसा मामला नहीं लाया, जिससे आरक्षण पर फर्क पड़े.

'सीएम नीतीश ने आरक्षण बढ़ाया': उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने स्तर से जहां तक हुआ आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का काम ही किया. अब राजद इसका क्रेडिट लेना चाहती हैं. लेकिन जनता जानती है कि कौन क्या चाहता है. समय आ गया है जनता इनको जवाब देने का काम करेगी.

इसे भी पढ़े- 'तेजस्वी अपनी पार्टी की चिंता करें, नीतीश के नेतृत्व JDU और आगे ही बढ़ेगा'- जदयू विधायक - Lok Sabha Elections 2024

पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच जोरदार टकरार चल रहा है. इस बीच जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि जंगल राज के वक्त एक भी नौकरी नहीं दी गई, सिर्फ अपहरण और भ्रष्टाचार किया गया. उस समय लगातार गड़बड़ियां हो रही थी. नौकरी या किसी भी चीज को लेकर इन्होंने कुछ भी नहीं किया.

'हर वर्ग को मजबूत किया': उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति यह हो गई थी कि शाम के बाद कोई नहीं घर से बाहर निकलता नहीं था. जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवंबर 2005 में आए तो हर वर्ग के लिए लगातार काम किया. पिछड़ा हो या किसी भी समाज के लोग हो उन्होंने लगातार हर वर्ग को मजबूत किया.

'बिहार में आरक्षण 75% है': उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के राज में आरक्षण की सीमा लगातार बढ़ी, जाति आधारित गणना हुई. उसके आधार पर हमारे नेता नीतीश कुमार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 18% से 25% कर दिया. जिसके बाद बिहार देश का पहला राज्य बन गया जहां SC को भी 20% आरक्षण दिया गया. बिहार एक मात्र राज्य है जहां पर आरक्षण 75% है.

"जब राजद के लोग हमारे साथ सत्ता में थे तो उनको नौकरी के बदले जमीन नहीं मिल पाया इसलिए वह चले गए." - राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू

'जमीन लेने के फिराक में थे': राजीव रंजन ने कहा कि राजद के लोग लगातार जमीन लेकर नौकरी देते रहे और अब भी इस फिराक में है कि आरक्षण कम हो और जमीन लेकर हम लोगों को नौकरी दे. आप समझ लीजिए चुनाव का समय है यह कभी कहते हैं संविधान खतरे में है तो कभी कहते हैं कि आरक्षण को हटा दिया जाएगा. जबकि केंद्र में बैठे हुई सरकार हो या राज्य में बैठे हुए हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों ने कभी भी आरक्षण को लेकर कोई ऐसा मामला नहीं लाया, जिससे आरक्षण पर फर्क पड़े.

'सीएम नीतीश ने आरक्षण बढ़ाया': उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने स्तर से जहां तक हुआ आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का काम ही किया. अब राजद इसका क्रेडिट लेना चाहती हैं. लेकिन जनता जानती है कि कौन क्या चाहता है. समय आ गया है जनता इनको जवाब देने का काम करेगी.

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