रांचीः झारखंड की राजनीति के चाणक्य माने जानेवाले सरयू राय ने एक बार फिर जमशेदपुर पूर्वी से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. कुछ महीने पहले जदयू में शामिल हुए सरयू राय ने स्पष्ट कर दिया है कि जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम को लेकर कोई संशय नहीं है बल्कि वे जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और पार्टी के अंदर इसको लेकर दावेदारी भी ठोक दिया है.
रांची में पुराने विधानसभा परिसर में पार्टी कार्यक्रम में शिरकत करने आए सरयू राय ने मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे स्वतंत्र विचारधारा के जरुर हैं मगर जब वो पार्टी में शामिल हो गए हैं तो उसके अनुशासन के अनुरूप काम करेंगे और जो भी जिम्मेदारी दी जायेगी उसका निर्वाचन करेंगे.
'आज बीजेपी में मैं नहीं हूं तो यह नहीं कह सकता है कि मैंने उस विचारधारा से मूंह मोड़ लिया'
सरयू राय ने अपने राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि मैं बीजेपी की किसी नीति का कभी विरोध नहीं किया बल्कि कार्यकलाप का विरोध किया होगा. मैं जब वर्ग 8 में पढ़ता था उस समय से आरएसएस से संपर्क में आया. जिसके बाद संघ का प्रशिक्षक तीन साल तक मैं अपने गांव में रहा. विद्यार्थी परिषद का पूर्णकालिक रहा, आरएसएस का प्रचारक रहा. आज मैं बीजेपी में नहीं हूं तो यह नहीं कह सकता कि मैंने उस विचारधारा से मूंह मोड़ लिया. इसलिए आज भी वही विचारधारा है जो राष्ट्रीय विचारधारा है.
सरयू राय ने 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट कटने की चर्चा करते हुए कहा कि एक साथ काम के दौरान कार्यकलाप को लेकर मतभिन्नता हो सकती है मगर बीजेपी की नीति का मैंने कभी विरोध नहीं किया है. बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट कटने के बाद सरयू राय ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ लड़ा और जीत दर्ज की थी.
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