जयपुर: राजधानी जयपुर की अधिकतर सड़कें बारिश से उधड़ गई. यह निगम और जेडीए प्रशासन की खराब इंजीनियरिंग का जीता जागता नमूना है. आलम ये है कि सड़कों पर भरे पानी और उनमें गड्ढे होने की वजह से दो पहिया वाहन चालक डरे सहमे से निकलते हैं. हालांकि, अब जेडीए प्रशासन ने सीवर लाइन, गैस पाइप लाइन और पीने के पानी की लाइन्स के डालने के लिए खोदी गई सड़कों पर रिपेयर वर्क शुरू किया है, लेकिन पुख्ता काम बारिश बाद ही होगा.
इस बार बारिश ने शहर की सड़कों को ऐसे जख्म दिए हैं जो नासूर बनते जा रहे हैं. शहर भर में उधड़ी हुई सड़कें और उन पर रेंगता हुआ यातायात इसकी गवाही भी देता है. इस बारिश में जेडीए के बाढ़ नियंत्रण केंद्रों पर 1846 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं. इन्हें निस्तारित करते हुए पॉट होल्स को कोल्ड मिक्स के पैचिंग मेटेरियल से भरा जा रहा है. विभिन्न जोन स्तर पर डब्लयूबीएम या जीएसबी से गड्ढे रोड कट्स भरा जा रहा है.
बिटुमन से भरेंगे गड्ढे: जेडीए आयुक्त आनंदी ने बताया कि बारिश के कारण शहर की सड़कों के गड्ढों को बिटुमन से भरा जाएगा. इस साल नई सीवर लाइन, गैस पाइप लाइन, पानी की लाइन डालने के दौरान खोदी गई सड़कों को मिट्टी के कट्टों, डब्लयूबीएम या जीएसबी से भरा जा रहा है. बारिश के दौरान कचरे से बंद ग्रेटिंग को साफ करवाया जा रहा है. सभी अंडर पास को संचालित रखने के प्रयास किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि जेडीए ने सिविल रिपेयर और पेच रिपेयर के लिए हर जोन में अलग कार्यादेश जारी किए गए है. इन्हें बाढ़ नियंत्रण कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. सभी अंडरपास से पानी की निकालने के लिए संसाधन लगाए जा रहे हैं.
रिपेयर वर्क जारी: उन्होंने कहा कि पुरानी सीवर लाइन्स के टूटने पर मुस्तैदी से रिपेयर कार्य किए जा रहे हैं. उपायुक्त, इंजीनियर, हॉर्टीकल्चर टीम जल भराव, बारिश के भराव से प्रभावित परिवारों की शिफ्टिंग, टूटे पेड़ों को हटाने, ट्रैफिक लाइटों और बिजली के खम्भों के क्षतिग्रस्त होने पर रिपेयर वर्क कर रही है.