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जौनसार के किसानों को मिल रहा मेहनत का 'फल', मटर की अच्छी कीमत मिलने से खिले चेहरे - Peas Price Vikasnagar

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 2, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Apr 2, 2024, 4:26 PM IST

Price of Peas in Vikasnagar जौनसार बावर के किसानों के चेहरे पर मटर की खेती से लाली लौट आई है. पहले बारिश कम होने से पैदावार घट गई थी, जिससे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए थे, लेकिन जब वो फसल को लेकर मंडी पहुंचे तो अच्छा दाम मिलने से उनके चेहरे खिल गए हैं.

PEAS PRICE VIKASNAGAR
मटर की अच्छी कीमत

जौनसार के किसानों को मिल रहा मेहनत का 'फल'

विकासनगर: भले ही इस बार मौसम मेहरबान न हुआ हो, लेकिन जितनी भी पैदावार हुई, उसका अच्छा दाम मिलने से कुछ राहत किसानों को मिल रहा है. इन दिनों जौनसार बावर में मटर की फसल तैयार हो गई है. ऐसे में किसान अपने मटर को बेचने के लिए सहिया स्थित सब्जी मंडी पहुंच रहे हैं. जहां उन्हें मटर का अच्छा दाम मिल रहा है. जिससे किसानों और काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं.

जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के ज्यादातर लोग खेती बाड़ी और पशुपालन करते हैं. खासकर लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि पर आधारित है. कुछ सालों से किसान इस क्षेत्र में मटर की खेती भी बहुतायत में करने लगे हैं. जो ज्यादातर बारिश पर निर्भर करती है, लेकिन इस बार सर्दियों में कम बारिश और बर्फबारी हुई. जिससे उत्पादन तो प्रभावित हुआ, लेकिन मंडी में उचित दाम मिलने से किसानों के माथे से सिकन दूर हो गई.

बारिश न होने से उत्पादन घटा: वहीं, बारिश न होने से कई गांव में किसान प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी से खेतों में सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन कई गांव ऐसे भी जहां पानी और सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं. जिससे उनकी फसल प्रभावित हो रही है. किसानों का कहना है कि यदि समय समय पर बारिश हो जाती तो फसलों का उत्पादन भी बढ़ता, लेकिन ना के बराबर बारिश हुई.

PEAS PRICE VIKASNAGAR
मटर की अच्छी कीमत

मटर उत्पादक किसानों का कहना है कि समय से बारिश हो जाती तो मटर की फसल की बंपर पैदावार होती. पिछले साल की तुलना में इस बार मटर की फसल में कमी देखने को मिल रही है, लेकिन सब्जी मंडी में हरी मटर के अच्छे दाम मिलने से वो खुश हैं. क्षेत्र में किसान ज्यादातर जैविक खेती कर फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. वो पशुओं के गोबर को खाद के खेतों में डाल रहे हैं. जिससे यहां की हर फसल का स्वाद बढ़ जाता है. साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद माना जाता है.

दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में मटर की डिमांड: वहीं, सहिया सब्जी मंडी के आढ़ती राजेश जैन का कहना है कि यहां की हरी मटर की डिमांड मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों समेत अन्य प्रदेशों में भी होती है, जिसके कारण किसानों को अच्छा रेट मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पांच किलो हरी मटर के दाम 180 रुपए तक किसानों को मिल रहे हैं.

मंडी में कम पहुंच रहा मटर: आढ़ती सुशील कुमार का कहना है कि सहिया मंडी में पिछले साल की तुलना में मटर की आवक कम है. जबकि, यह पीक सीजन है. समय से बारिश न होने की वजह से मटर कम आ रही है. बावजूद रोजाना दो से ढाई हजार कट्टे हरी मटर के बिक्री के लिए किसान मंडी लेकर आ रहे हैं. जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है.

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जौनसार के किसानों को मिल रहा मेहनत का 'फल'

विकासनगर: भले ही इस बार मौसम मेहरबान न हुआ हो, लेकिन जितनी भी पैदावार हुई, उसका अच्छा दाम मिलने से कुछ राहत किसानों को मिल रहा है. इन दिनों जौनसार बावर में मटर की फसल तैयार हो गई है. ऐसे में किसान अपने मटर को बेचने के लिए सहिया स्थित सब्जी मंडी पहुंच रहे हैं. जहां उन्हें मटर का अच्छा दाम मिल रहा है. जिससे किसानों और काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं.

जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के ज्यादातर लोग खेती बाड़ी और पशुपालन करते हैं. खासकर लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि पर आधारित है. कुछ सालों से किसान इस क्षेत्र में मटर की खेती भी बहुतायत में करने लगे हैं. जो ज्यादातर बारिश पर निर्भर करती है, लेकिन इस बार सर्दियों में कम बारिश और बर्फबारी हुई. जिससे उत्पादन तो प्रभावित हुआ, लेकिन मंडी में उचित दाम मिलने से किसानों के माथे से सिकन दूर हो गई.

बारिश न होने से उत्पादन घटा: वहीं, बारिश न होने से कई गांव में किसान प्राकृतिक जल स्रोतों के पानी से खेतों में सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन कई गांव ऐसे भी जहां पानी और सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं. जिससे उनकी फसल प्रभावित हो रही है. किसानों का कहना है कि यदि समय समय पर बारिश हो जाती तो फसलों का उत्पादन भी बढ़ता, लेकिन ना के बराबर बारिश हुई.

PEAS PRICE VIKASNAGAR
मटर की अच्छी कीमत

मटर उत्पादक किसानों का कहना है कि समय से बारिश हो जाती तो मटर की फसल की बंपर पैदावार होती. पिछले साल की तुलना में इस बार मटर की फसल में कमी देखने को मिल रही है, लेकिन सब्जी मंडी में हरी मटर के अच्छे दाम मिलने से वो खुश हैं. क्षेत्र में किसान ज्यादातर जैविक खेती कर फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. वो पशुओं के गोबर को खाद के खेतों में डाल रहे हैं. जिससे यहां की हर फसल का स्वाद बढ़ जाता है. साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद माना जाता है.

दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में मटर की डिमांड: वहीं, सहिया सब्जी मंडी के आढ़ती राजेश जैन का कहना है कि यहां की हरी मटर की डिमांड मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों समेत अन्य प्रदेशों में भी होती है, जिसके कारण किसानों को अच्छा रेट मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पांच किलो हरी मटर के दाम 180 रुपए तक किसानों को मिल रहे हैं.

मंडी में कम पहुंच रहा मटर: आढ़ती सुशील कुमार का कहना है कि सहिया मंडी में पिछले साल की तुलना में मटर की आवक कम है. जबकि, यह पीक सीजन है. समय से बारिश न होने की वजह से मटर कम आ रही है. बावजूद रोजाना दो से ढाई हजार कट्टे हरी मटर के बिक्री के लिए किसान मंडी लेकर आ रहे हैं. जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है.

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Last Updated : Apr 2, 2024, 4:26 PM IST
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