पटनाः जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार की महिलाओं में हीमोग्लोबिन और कैल्शियम की कमी इतनी ज्यादा है कि पुरुषों की तुलना में उनका शरीर झुकने लगता है. लेकिन आज की सरकार जातिवाद से ऊपर बात ही नहीं करती. प्रशांत किशोर ने बिहार की महिलाओं की स्थिति पर चिंता जतायी, साथ ही लोगों को बच्चों को पढ़ाने की सलाह दी.
"गरीबी से निकलने का एक ही रास्ता है-अपने बच्चों को पढ़ाइए. अगर आप बहुत गरीब हैं और चार बच्चे हैं, सभी को नहीं पढ़ा सकते तो एक को पढ़ाइए. एक भी अगर पढ़ गया तो वह पूरे परिवार को ऊपर खींच लेगा. नहीं तो जीवन भर चार किलो अनाज के लिए हाथ फैलाना पड़ेगा."-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
महिलाओं के पोषण पर सरकार का ध्यान नहींः प्रशांत किशोर ने बिहार की महिलाओं की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि आज 55-60 साल से ज्यादा उम्र की शायद ही कोई महिला हमें बिहार में दिखी है जो ऊपर से झुकी न हो. आपने इस विषय पर शायद ध्यान नहीं दिया होगा. हमने यही पढ़ाई की है कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी और कैल्शियम की कमी इतनी ज्यादा है कि पुरुषों की तुलना में उनका शरीर पहले झुकने लगता है. पांच फीट पांच इंच से लंबी महिला शायद ही गांव में दिखे.
पढ़ाई का समझाया महत्वः प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जो नाटा है वो कम समझदार है या कम होशियार है. दुनिया भर में जो अध्ययन हुए हैं, वे हाइट और लाइफ टर्म अर्निंग में परस्पर संबंध बताते हैं. यह एक बड़ी समस्या है, लेकिन यहां लोग चार किलो अनाज के लिए ही वोट बेच रहे हैं. आज यह संकल्प लीजिए कि आधा पेट खाइए लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाइए. अपने बच्चों को पढ़ाइए, कोई नेता आपको यह नहीं बताएगा. नेता चाहता है कि आपका बच्चा अनपढ़ रहे ताकि आप चार किलो अनाज की लालच में वोट देते रहें.
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