जालोर: जवाई बांध के पानी में जालोर जिले का एक तिहाई हिस्सा तय करने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में चल रहे किसान महापड़ाव के समर्थन में बुधवार को जालोर शहर बंद रहा. बंद को विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया. बुधवार को आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जिला मुख्यालय पर पहुंचे. कई रास्तों को ट्रैक्टर खड़े करके अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे छुट्टी के समय स्कूली बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ी. किसानों ने विधायक आवास व कलेक्ट्रेट का घेराव भी किया.
किसान संघ के अध्यक्ष रतनसिंह ने बताया कि महापड़ाव में भाग लेने के लिए दूरदराज से किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर अलसुबह ही जिला मुख्यालय जालोर पर पहुंचे गए. कुछ किसानों ने अस्पताल चौराहे के पास टायर जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. दस बजे तक बड़ी संख्या में किसान शहर में आ चुके थे. उन्होंने वन-वे, आहोर रोड समेत अलग अलग स्थानों पर ट्रैक्टर खड़े करके रास्ते अवरुद्ध कर दिए. किसानों के समर्थन में जालोर के बाजार भी बंद रहे. व्यापारियों समेत विभिन्न संगठनों, शिवसेना यूबीटी और अभिभाषक संघ समेत संगठनों ने किसानों के समर्थन में कामकाज बंद रखा.
विधायक गर्ग के घर का किया घेराव: किसानों में बड़ी संख्या में युवा भी शामिल थे. युवकों का समूह आहोर चौराहे पर रास्ता अवरुद्ध करके सीधा जालोर विधायक व मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के घर का घेराव करने पहुंच गया. यहां उन्होंने नारे लगाए. इसी दौरान पुलिस उपाधीक्षक गौतम जैन, कोतवाल जसवंतसिंह समेत पुलिस जाप्ता पहुंच गया. पुलिस ने समझाइश कर किसानों को वापस भेजा. इस दौरान कई युवाओं ने पोलजी नगर के रास्तों पर कांटे डालकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया.
कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास: दोपहर को कुछ किसान बैठे रहे, वहीं कुछ किसानों ने बेरिकेड्स तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया, लेकिन एएसपी मोटाराम गोदारा, डीएसपी व अन्य थानों की बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. काफी देर तक जोर आजमाइश के बाद किसान शांत हुए. बाद में देर शाम को काफी किसान गांवों की ओर वापस लौट गए.
मांगें नहीं मानी तो आरपार का होगा आंदोलन: महापड़ाव में अध्यक्ष रतनसिंह, खीमसिंह, शिवसेना के रूपराज समेत गांवों से आए किसानों ने सरकार को चेताया कि इस बार हमारी मांग पर विचार नहीं किया तो आरपार का आंदोलन होगा. किसान नेता विक्रमसिंह बादनवाड़ी ने कहा कि सुनवाई नहीं हुई तो जरूरत पड़ने पर रेल रोकेंगे. वहीं चक्रवर्तीसिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं ने सायला में झूठा वादा करके गुमराह किया, अगर सच है तो वादा निभाना चाहिए. लालसिंह राजपुरोहित ने कहा कि जवाई बांध पर जालोर का हक है, यह अधिकार हमें चाहिए. दोनों स्तर पर एक ही दल की सरकार है, निर्णय करने में क्या दिक्कत है?.