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जल संस्थान ने नारायणपुर गांव में पेयजल व्यवस्था की डिजिटल, क्यूआर कोड से मिलेगी सारी जानकारी - WATER INSTITUTE IN HALDWANI

जल संस्थान विभाग डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है. विभाग ने उधम सिंह नगर के नारायणपुर गांव में पेयजल व्यवस्था को डिजिटल किया है.

Drinking water system became digital in Narayanpur village
नारायणपुर गांव में पेयजल व्यवस्था हुई डिजिटल (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2024, 8:22 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड जल संस्थान ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्थाओं की निगरानी और लोगों को बेहतर पेयजल उपलब्ध हो इसको देखते हुए अब लोगों को क्यूआर कोड के माध्यम से जानकारी देने जा रहा है. डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम ऑफ वाटर सप्लाई स्कीम के तहत जल संस्थान ने उत्तराखंड में पहली बार उधम सिंह नगर के नारायणपुर गांव को पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल किया है. जहां क्यूआर कोड स्कैन के माध्यम से सारी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि जल संस्थान ने प्रयोग के तौर पर पहली बार पेयजल व्यवस्था को डिजिटल किया है. जहां लोग क्यूआर कोड के माध्यम से व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल कर सकते हैं.डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम ऑफ वाटर सप्लाई स्कीम के तहत उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के गदरपुर तहसील क्षेत्र के नारायणपुर गांव को मल्टी विलेज स्कीम के तहत मॉडल के रूप में पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल किया गया है.

रुद्रपुर में नारायणपुर गांव में पेयजल व्यवस्था हुई डिजिटल (Video-ETV Bharat)

जहां क्यूआर कोड के माध्यम से पेयजल व्यवस्था की सारी जानकारी उपलब्ध कराई गई है. यहां तक की आम आदमी क्यूआर कोड के माध्यम से शिकायत और अपना फीडबैक भी विभाग को दे सकते हैं. अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल सक्सेना ने बताया कि जल संस्थान ने नारायणपुर गांव की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल किया है. जबकि दो अन्य गांवों को डिजिटल करने की प्रक्रिया चल रही है. डिजिटल वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत क्यूआर कोड के माध्यम से उपभोक्ता सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

स्कीम के तहत जल संस्थान की जनरल जानकारी के साथ-साथ वहां पर बिछाई गई पाइपलाइन, ग्राम कमेटी के नाम, वॉटर टैंक के बनाने और उसकी क्षमता की जानकारी, वाटर की क्वालिटी, गांव के कितने परिवारों को पानी की व्यवस्था, योजना के तहत कितने बजट से कार्य किया गया है. इसके अलावा पेयजल की अन्य जानकारियां समेत शिकायत के साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर सकते हैं.

यहां तक कि अगर अगर कोई फीडबैक देना चाहता है तो क्यूआर कोड के माध्यम से फीडबैक दे सकता है. उन्होंने बताया कि विभाग ने पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार नारायणपुर गांव को डिजिटल किया है. भविष्य में अन्य गांवों इस स्कीम के तहत जोड़ने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है जिससे कि अन्य गांवों को भी इस योजना के तहत जोड़ा जा सके जिससे कि पेयजल व्यवस्था में पूरी तरह से पारदर्शित लाई जा सके.
पढ़ें-UPCL ने स्मार्ट मीटर के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर, उपभोक्ताओं की समस्या का होगा तत्काल निदान

हल्द्वानी: उत्तराखंड जल संस्थान ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्थाओं की निगरानी और लोगों को बेहतर पेयजल उपलब्ध हो इसको देखते हुए अब लोगों को क्यूआर कोड के माध्यम से जानकारी देने जा रहा है. डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम ऑफ वाटर सप्लाई स्कीम के तहत जल संस्थान ने उत्तराखंड में पहली बार उधम सिंह नगर के नारायणपुर गांव को पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल किया है. जहां क्यूआर कोड स्कैन के माध्यम से सारी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि जल संस्थान ने प्रयोग के तौर पर पहली बार पेयजल व्यवस्था को डिजिटल किया है. जहां लोग क्यूआर कोड के माध्यम से व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल कर सकते हैं.डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम ऑफ वाटर सप्लाई स्कीम के तहत उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के गदरपुर तहसील क्षेत्र के नारायणपुर गांव को मल्टी विलेज स्कीम के तहत मॉडल के रूप में पेयजल व्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल किया गया है.

रुद्रपुर में नारायणपुर गांव में पेयजल व्यवस्था हुई डिजिटल (Video-ETV Bharat)

जहां क्यूआर कोड के माध्यम से पेयजल व्यवस्था की सारी जानकारी उपलब्ध कराई गई है. यहां तक की आम आदमी क्यूआर कोड के माध्यम से शिकायत और अपना फीडबैक भी विभाग को दे सकते हैं. अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल सक्सेना ने बताया कि जल संस्थान ने नारायणपुर गांव की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल किया है. जबकि दो अन्य गांवों को डिजिटल करने की प्रक्रिया चल रही है. डिजिटल वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत क्यूआर कोड के माध्यम से उपभोक्ता सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

स्कीम के तहत जल संस्थान की जनरल जानकारी के साथ-साथ वहां पर बिछाई गई पाइपलाइन, ग्राम कमेटी के नाम, वॉटर टैंक के बनाने और उसकी क्षमता की जानकारी, वाटर की क्वालिटी, गांव के कितने परिवारों को पानी की व्यवस्था, योजना के तहत कितने बजट से कार्य किया गया है. इसके अलावा पेयजल की अन्य जानकारियां समेत शिकायत के साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर सकते हैं.

यहां तक कि अगर अगर कोई फीडबैक देना चाहता है तो क्यूआर कोड के माध्यम से फीडबैक दे सकता है. उन्होंने बताया कि विभाग ने पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार नारायणपुर गांव को डिजिटल किया है. भविष्य में अन्य गांवों इस स्कीम के तहत जोड़ने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है जिससे कि अन्य गांवों को भी इस योजना के तहत जोड़ा जा सके जिससे कि पेयजल व्यवस्था में पूरी तरह से पारदर्शित लाई जा सके.
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