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जल जीवन मिशन: EMB सॉफ्टवेयर से 100 प्रतिशत बिलिंग करने वाला यूपी बना पहला राज्य

यूपी EMB सॉफ्टवेयर से 100 प्रतिशत बिलिंग करने वाला पहला राज्य बन गया है.जल जीवन मिशन में ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिल (EMB) से काम करने वाली कंपनियों को सिर्फ 14 दिनों में पेमेंट हो जाता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 7:46 PM IST

लखनऊ: जल जीवन मिशन में ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिल (EMB) को 100 प्रतिशत लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. इस बिलिंग सॉफ्टवेयर के लागू होने से जल जीवन मिशन में काम करने वाली कंपनियों को सिर्फ 14 दिनों में पेमेंट हो जाता है. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से इसमें किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होती है.

ई-मेजरमेंट बिल (ईएमबी) के जरिए इतने बड़े पैमाने पर पेमेंट करने वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है. 41 दिन में होने वाली बिलिंग अब होती है 14 दिन में इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिलिंग सिस्टम लागू होने से पहले जल जीवन मिशन के तहत काम करने वाली कंपनियों को पेमेंट होने में कम से कम 41 दिन का समय लगता था. जिसकी वजह से मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी थी मगर अब ईएमबी के तहत पेमेंट होने से कंपनियों को महज 14 दिन में बिलिंग हो जाती है. कम समय में बिलिंग होने की वजह से जल जीवन मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी तेज हुई है.

ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगा रहा ईएमबी सरकारी विभागों में बिलिंग में भ्रष्टाचार की अक्सर शिकायतें आती हैं. मगर जल जीवन मिशन में ईएमबी के जरिए बिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बिलिंग में होने वाले भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बेवजह फाइल को लटका नहीं सकता है. साथ ही पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से अधिकारी किसी भी पेमेंट की फाइल को मॉनीटर भी कर सकता है.

कैसे काम करता है ईएमबी सॉफ्टवेयर: इस सॉफ्टवेयर के जरिए जल जीवन में काम करने वाली कंपनी अपना काम पूरा होने के बाद एक बिल सभी मेजरमेंट के साथ ऑनलाइन ईएमबी पर अपलोड करती है. कंपनी द्वारा बिल अपलोड करने के बाद कंपनी द्वारा दिए गए सभी आंकड़ों की जांच कर जूनियर इंजिनियर बिल पर अपने कमेंट लिखता है. इसके बाद ये फाइल असिस्टेंट इंजिनियर के पास जाती है. वो भी अपने कमेंट बिल पर देता है. इसके बाद थर्ड पार्टी अपना अप्रूवल देती है. इसके बाद अधिशासी अभियंता सभी तथ्यों की जांच कर फाइल को ऑनलाइन ही फाइनेंस के पास भेज देता है.

इसके बाद फाइनेंस अधिकारियों की जांच के बाद कंपनी को पेमेंट कर दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 14 दिन का अधिकतम समय लगता है. कैसे हर घर नल योजना की रफ्तार बढ़ा रहा ईएमबी-

- रोजाना 140 करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा पेमेंट.
- पहले महीने में बमुश्किल 1000 करोड़ रुपये का पेमेंट हो पाता था
- अब हर महीने औसतन 4000 से 5000 करोड़ रुपये का होता है पेमेंट.
- जल जीवन मिशन में पूरी तरह से ईएमबी लागू करने वाला उत्तर प्रदेश बना देश का पहला राज्य

जल निगम एमडी (ग्रामीण) डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए जल निगम (ग्रामीण) ने जल जीवन मिशन में बिलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया है. इससे मिशन के तहत होने वाले कामों की रफ्तार तेज हुई है. वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है.

ये भी पढ़ें- काशी विश्वनाथ मंदिर में भर्ती होंगे 50 पुजारी: 90 हजार सैलरी, सरकारी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं

लखनऊ: जल जीवन मिशन में ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिल (EMB) को 100 प्रतिशत लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. इस बिलिंग सॉफ्टवेयर के लागू होने से जल जीवन मिशन में काम करने वाली कंपनियों को सिर्फ 14 दिनों में पेमेंट हो जाता है. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से इसमें किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होती है.

ई-मेजरमेंट बिल (ईएमबी) के जरिए इतने बड़े पैमाने पर पेमेंट करने वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है. 41 दिन में होने वाली बिलिंग अब होती है 14 दिन में इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिलिंग सिस्टम लागू होने से पहले जल जीवन मिशन के तहत काम करने वाली कंपनियों को पेमेंट होने में कम से कम 41 दिन का समय लगता था. जिसकी वजह से मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी थी मगर अब ईएमबी के तहत पेमेंट होने से कंपनियों को महज 14 दिन में बिलिंग हो जाती है. कम समय में बिलिंग होने की वजह से जल जीवन मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी तेज हुई है.

ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगा रहा ईएमबी सरकारी विभागों में बिलिंग में भ्रष्टाचार की अक्सर शिकायतें आती हैं. मगर जल जीवन मिशन में ईएमबी के जरिए बिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बिलिंग में होने वाले भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बेवजह फाइल को लटका नहीं सकता है. साथ ही पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से अधिकारी किसी भी पेमेंट की फाइल को मॉनीटर भी कर सकता है.

कैसे काम करता है ईएमबी सॉफ्टवेयर: इस सॉफ्टवेयर के जरिए जल जीवन में काम करने वाली कंपनी अपना काम पूरा होने के बाद एक बिल सभी मेजरमेंट के साथ ऑनलाइन ईएमबी पर अपलोड करती है. कंपनी द्वारा बिल अपलोड करने के बाद कंपनी द्वारा दिए गए सभी आंकड़ों की जांच कर जूनियर इंजिनियर बिल पर अपने कमेंट लिखता है. इसके बाद ये फाइल असिस्टेंट इंजिनियर के पास जाती है. वो भी अपने कमेंट बिल पर देता है. इसके बाद थर्ड पार्टी अपना अप्रूवल देती है. इसके बाद अधिशासी अभियंता सभी तथ्यों की जांच कर फाइल को ऑनलाइन ही फाइनेंस के पास भेज देता है.

इसके बाद फाइनेंस अधिकारियों की जांच के बाद कंपनी को पेमेंट कर दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 14 दिन का अधिकतम समय लगता है. कैसे हर घर नल योजना की रफ्तार बढ़ा रहा ईएमबी-

- रोजाना 140 करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा पेमेंट.
- पहले महीने में बमुश्किल 1000 करोड़ रुपये का पेमेंट हो पाता था
- अब हर महीने औसतन 4000 से 5000 करोड़ रुपये का होता है पेमेंट.
- जल जीवन मिशन में पूरी तरह से ईएमबी लागू करने वाला उत्तर प्रदेश बना देश का पहला राज्य

जल निगम एमडी (ग्रामीण) डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए जल निगम (ग्रामीण) ने जल जीवन मिशन में बिलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया है. इससे मिशन के तहत होने वाले कामों की रफ्तार तेज हुई है. वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है.

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