ETV Bharat / state

Rajasthan: जल जीवन मिशन घोटाला : पहले 15 लाख देकर बनवाए इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र, फिर सत्यापन के लिए बनवाई फर्जी ई मेल आईडी

एसीबी का आरोप- पीएचईडी अफसरों को जानकारी होने के बाद भी नहीं लिया एक्शन, हुआ 979 करोड़ का घोटाला.

ETV BHARAT JAIPUR
जल जीवन मिशन घोटाला (ETV BHARAT JAIPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में पीएचईडी में जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर एसीबी ने पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी, दो फर्म सहित 22 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है. एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लगाकर मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 979 करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडर हासिल किए. फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने के लिए इरकॉन इंटरनेशनल के नाम से फर्जी ई मेल आईडी बनवाए गए. चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकारियों को यह सब जानकारी होने के बावजूद न केवल टेंडर जारी किए गए. बल्कि दोनों फर्मों को भुगतान किया गया और बदले में अवैध लाभ प्राप्त किया गया.

15 लाख रुपए देकर बनवाए फर्जी प्रमाण पत्र : एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल के प्रोप्राइटर महेश मित्तल और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोप्राइटर पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल के कर्मचारी मुकेश पाठक को 15 लाख रुपए देकर फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र बनवाए थे. मुकेश पाठक ने रक्षित माथुर से फर्जी ई मेल आईडी बनवाई. यह ई मेल आईडी ग्राहक देवेंद्र के मोबाइल नंबर से बनवाई गई थी. फर्जी ई मेल और डोमेन आईडी के पासवर्ड पदमचंद जैन को दिए गए थे. इन्हीं फर्जी ई मेल आईडी से फर्जी प्रमाण पत्रों को सत्यापित करवाया गया.

इसे भी पढ़ें - JJM Scam : ईडी अपनी जांच में कमी रखती है क्या ? सब जानते हैं यह क्यों और कैसे हो रहा है- महेश जोशी

मायालाल सैनी के ट्रैप से खुला मामला : दरअसल, एसीबी ने पीएचईडी के बहरोड़ अधिशासी अभियंता मायालाल सैनी व दो अन्य अधिकारियों को बिल पास करने की एवज में 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इससे पहले मायालाल सैनी के खिलाफ अनियमितता की शिकायत मिली थी. हालांकि, बाद में जांच हुई तो सामने आया कि महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लगाकर प्रदेशभर में जल जीवन मिशन के तहत टेंडर हासिल किए.

एसीबी की एफआईआर में 11 अफसरों के नाम : जल जीवन मिशन घोटाले में पीएचईडी के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता रामकरण मीणा, दिनेश गोयल, रमेशचंद मीणा, तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण श्रीवास्तव, परितोष गुप्ता, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा, विशाल सक्सेना के नाम हैं. अब एफआईआर में नाम आने के बाद इन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - ED के बाद अब ACB ने कसा शिकंजा, पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 20 के खिलाफ केस दर्ज

ठेकेदार और निजी व्यक्तियों के भी नाम : एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की एफआईआर में फर्म मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल और मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी के अलावा इनके प्रोप्राइटर महेश मित्तल, पदमचंद जैन, इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के ऑफिस सहायक मुकेश पाठक, निजी व्यक्ति संजय बड़ाया, किशन गुप्ता, टेपन गुप्ता और नमन आदि के भी नाम हैं. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि निजी व्यक्ति आरोपी फर्म, ठेकेदार और अधिकारियों के किए बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे.

जयपुर : पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में पीएचईडी में जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर एसीबी ने पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी, दो फर्म सहित 22 के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है. एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लगाकर मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 979 करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडर हासिल किए. फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने के लिए इरकॉन इंटरनेशनल के नाम से फर्जी ई मेल आईडी बनवाए गए. चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकारियों को यह सब जानकारी होने के बावजूद न केवल टेंडर जारी किए गए. बल्कि दोनों फर्मों को भुगतान किया गया और बदले में अवैध लाभ प्राप्त किया गया.

15 लाख रुपए देकर बनवाए फर्जी प्रमाण पत्र : एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल के प्रोप्राइटर महेश मित्तल और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोप्राइटर पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल के कर्मचारी मुकेश पाठक को 15 लाख रुपए देकर फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र बनवाए थे. मुकेश पाठक ने रक्षित माथुर से फर्जी ई मेल आईडी बनवाई. यह ई मेल आईडी ग्राहक देवेंद्र के मोबाइल नंबर से बनवाई गई थी. फर्जी ई मेल और डोमेन आईडी के पासवर्ड पदमचंद जैन को दिए गए थे. इन्हीं फर्जी ई मेल आईडी से फर्जी प्रमाण पत्रों को सत्यापित करवाया गया.

इसे भी पढ़ें - JJM Scam : ईडी अपनी जांच में कमी रखती है क्या ? सब जानते हैं यह क्यों और कैसे हो रहा है- महेश जोशी

मायालाल सैनी के ट्रैप से खुला मामला : दरअसल, एसीबी ने पीएचईडी के बहरोड़ अधिशासी अभियंता मायालाल सैनी व दो अन्य अधिकारियों को बिल पास करने की एवज में 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इससे पहले मायालाल सैनी के खिलाफ अनियमितता की शिकायत मिली थी. हालांकि, बाद में जांच हुई तो सामने आया कि महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लगाकर प्रदेशभर में जल जीवन मिशन के तहत टेंडर हासिल किए.

एसीबी की एफआईआर में 11 अफसरों के नाम : जल जीवन मिशन घोटाले में पीएचईडी के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता रामकरण मीणा, दिनेश गोयल, रमेशचंद मीणा, तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण श्रीवास्तव, परितोष गुप्ता, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा, विशाल सक्सेना के नाम हैं. अब एफआईआर में नाम आने के बाद इन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - ED के बाद अब ACB ने कसा शिकंजा, पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 20 के खिलाफ केस दर्ज

ठेकेदार और निजी व्यक्तियों के भी नाम : एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की एफआईआर में फर्म मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल और मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी के अलावा इनके प्रोप्राइटर महेश मित्तल, पदमचंद जैन, इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी के ऑफिस सहायक मुकेश पाठक, निजी व्यक्ति संजय बड़ाया, किशन गुप्ता, टेपन गुप्ता और नमन आदि के भी नाम हैं. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि निजी व्यक्ति आरोपी फर्म, ठेकेदार और अधिकारियों के किए बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.