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'गेस्ट टीचर पॉलिसी वापस ले सरकार, कांग्रेस वादा निभाकर युवाओं को दे पक्की नौकरी' - JAIRAM ON GUEST TEACHER POLICY

नेता प्रतिपक्ष ने सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर्स पॉलिसी को लेकर निशाना साधा. उन्होंने सुक्खू सरकार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं.

जयराम ठाकुर और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
जयराम ठाकुर और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 16, 2024, 8:15 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू कैबिनेट ने कैबिनेट मीटिंग में गेस्ट टीचर पॉलिसी को हरी झंडी दी थी. ये नीति 2025-26 में लागू होगी. इस पॉलिसी के तहत गेस्ट टीचर्स को पीरियड बेसिस पर पैसे मिलेंगे. इस नीति के तहत प्राइमरी स्कूलों में प्रति पीरियड 200 रुपये, मिडल स्कूलों में 250 रुपये प्रति पीरियड, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 400 रुपये और कॉलेज में प्रति पीरियड 500 रुपये मिलेंगे.

गेस्ट टीचर्स को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'सरकार की मनमानी नहीं चलेगी, जब जो मन में आए उसे पॉलिसी बनाकर प्रदेश के ऊपर नहीं थोपा जा सकता. सरकार अपनी तानाशाही से बाज आए और अपने वादे के मुताबिक गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस ले. सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी न सिर्फ युवाओं बल्कि छात्रों के लिए भी घातक है. गेस्ट टीचर पॉलिसी एक बार फिर से पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी कराएगा.'

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री भले ही इस पॉलिसी का गुणगान करें, प्रदेश में घूम-घूम कर इसे अपनी उपलब्धि और मास्टर स्ट्रोक बताएं, लेकिन यह पॉलिसी सुक्खू सरकार द्वारा अब तक उठाए गए सभी जन विरोधी कदमों में सबसे बड़ा कदम है, जो युवाओं के वर्तमान के साथ-साथ नौनिहालों का भविष्य भी खराब करेगा. अगर यह पॉलिसी इतनी ही कारगर और जनहितकारी होती तो इस पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के लोग सड़कों पर नहीं होते.'

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'सुक्खू सरकार अब प्रदेश के लोगों को बरगलाना बंद करे और जनहित में काम करना शुरू कर दे. मंचों से खड़े होकर बड़ी-बड़ी बातें करना छोड़ें और प्रदेश के लोगों के बारे में सोचें. अगर मुख्यमंत्री चाहते हैं कि वो और उनका पूरा मंत्रिमंडल झूठ की दुकान पर अपने पकवान बेचे तो अब यह हो नहीं सकता. काठ की हांडी सिर्फ एक बार चढ़ती है और वो पिछले विधानसभा चुनाव में चढ़ गई है, जब हर साल एक लाख नौकरियां और 5 साल में 5 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आए हो तो अपने वादे निभाओ और लोगों को नौकरियां दो. प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को सत्ता रोजगार के लिए दी थी झूठ के कारोबार के लिए नहीं.'

ये भी पढ़ें: शिक्षित बेरोजगार संघ ने सुक्खू सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, 19 दिसंबर को करेगा विधानसभा का घेराव

ये भी पढ़ें: अब स्कूल व कॉलेज प्रिंसिपल नीड बेस्ड रख सकेंगे गेस्ट टीचर, 12 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में लगेगी मुहर

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू कैबिनेट ने कैबिनेट मीटिंग में गेस्ट टीचर पॉलिसी को हरी झंडी दी थी. ये नीति 2025-26 में लागू होगी. इस पॉलिसी के तहत गेस्ट टीचर्स को पीरियड बेसिस पर पैसे मिलेंगे. इस नीति के तहत प्राइमरी स्कूलों में प्रति पीरियड 200 रुपये, मिडल स्कूलों में 250 रुपये प्रति पीरियड, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 400 रुपये और कॉलेज में प्रति पीरियड 500 रुपये मिलेंगे.

गेस्ट टीचर्स को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'सरकार की मनमानी नहीं चलेगी, जब जो मन में आए उसे पॉलिसी बनाकर प्रदेश के ऊपर नहीं थोपा जा सकता. सरकार अपनी तानाशाही से बाज आए और अपने वादे के मुताबिक गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस ले. सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी न सिर्फ युवाओं बल्कि छात्रों के लिए भी घातक है. गेस्ट टीचर पॉलिसी एक बार फिर से पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की किरकिरी कराएगा.'

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री भले ही इस पॉलिसी का गुणगान करें, प्रदेश में घूम-घूम कर इसे अपनी उपलब्धि और मास्टर स्ट्रोक बताएं, लेकिन यह पॉलिसी सुक्खू सरकार द्वारा अब तक उठाए गए सभी जन विरोधी कदमों में सबसे बड़ा कदम है, जो युवाओं के वर्तमान के साथ-साथ नौनिहालों का भविष्य भी खराब करेगा. अगर यह पॉलिसी इतनी ही कारगर और जनहितकारी होती तो इस पॉलिसी के विरोध में प्रदेश के लोग सड़कों पर नहीं होते.'

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'सुक्खू सरकार अब प्रदेश के लोगों को बरगलाना बंद करे और जनहित में काम करना शुरू कर दे. मंचों से खड़े होकर बड़ी-बड़ी बातें करना छोड़ें और प्रदेश के लोगों के बारे में सोचें. अगर मुख्यमंत्री चाहते हैं कि वो और उनका पूरा मंत्रिमंडल झूठ की दुकान पर अपने पकवान बेचे तो अब यह हो नहीं सकता. काठ की हांडी सिर्फ एक बार चढ़ती है और वो पिछले विधानसभा चुनाव में चढ़ गई है, जब हर साल एक लाख नौकरियां और 5 साल में 5 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आए हो तो अपने वादे निभाओ और लोगों को नौकरियां दो. प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को सत्ता रोजगार के लिए दी थी झूठ के कारोबार के लिए नहीं.'

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