शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश की राजनीति गरम है. आज अवैध मस्जिद के विरोध में हिंदू संगठनों ने संजौली में प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर गन और लाठीचार्ज किया. इस घटना में 6 पुलिसकर्मी और 5 प्रदर्शनकारी घायल हो गए. वहीं, प्रदर्शनकारियों के ऊपर हुए लाठीचार्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना, वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इस पूरे प्रकरण में सरकार द्वारा पहले दिन से ही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है. जब यह स्पष्ट है कि मस्जिद कानूनी नहीं है तो न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही धमकाते रहे, सख्ती से निपटने की बात करके जन भावना को आहत करने का प्रयास करते रहे. यह सरकार की नाकामी है. सरकार इस मुद्दे को डील करने में, जनभावनाओं को समझने और उसका सम्मान करने में असफल रह गई. जो काम कानून के हिसाब से किया जा सकता था, वह आलाकमान के दबाव में नहीं कर रही है".
जयराम ठाकुर ने कहा, "इस पूरे प्रकरण में जनभावना पहले दिन ही पता चल गई थी. लेकिन सरकार ने पूरे मामले को हल्के में लिया. यह मामला एक लड़ाई झगड़े से शुरू हुआ. एक स्थानीय को कुछ लोगों ने मिलकर मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मारने वालों ने संजौली की उसी इमारत में शरण ली. उस जगह ऐसे लोगों का आना जाना है, जो ठीक नहीं हैं. हिमाचल सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि यह लोग कौन हैं, रोहिंग्या हैं या बांग्लादेशी हैं, कुछ पता नहीं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पूर्व सरकार के समय से प्रवासियों के लिए चल रहे रजिस्ट्रेशन और सत्यापन की प्रक्रिया को बंद क्यों किया गया? इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है? मुख्यमंत्री को यह सब बातें प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए".
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने संजौली मस्जिद मामले पर सुक्खू सरकार को घेरा है. बिंदल ने कहा, "आम जनता पर लाठीचार्ज और पानी की बौछार करना निंदनीय है. वर्तमान कांग्रेस सरकार पूरी तरह निर्लज्जता से भर गई है. लाठीचार्ज में अनेकों लोगों को बुरी तरह घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों पर इस तरह से पानी की बौछारें की, जैसे न जाने कितने बड़े आतंकी और आंदोलनकारी सामने खड़े हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक अनाधिकृत बनी हुई मस्जिद को लेकर अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है. जहां जनमानस उद्वेलित, आशंकित और भयभीत है और एक जायज मांग कर रहा है, ऐसे में कांग्रेस की सरकार उन निहत्थे लोगों पर लाठीचार्ज करके क्या बताना चाहती है? सरकार हिंदू जनमानस का विरोध करना छोड़ दे. यह वही मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 2022 का चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में हिमाचल के हिंदुओं का अपमान किया था. सीएम ने 97% हिंदू आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में हिंदू विचारधारा वाली पार्टी को हराने का दंभ भरा था."
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