जयपुर. जयपुर शहर की सड़कें अब जल्द ही ओपन कचरा डिपो फ्री होंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि कचरा घरों से लेकर ट्रांसफर स्टेशन और उसके निस्तारण तक की पूरी व्यवस्था मशीनों के जरिए करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार से सिटीज 2.0 के तहत जयपुर शहर को करीब 135 करोड़ रुपए की राशि मिलने वाली है. साथ ही जयपुर स्मार्ट सिटी की प्लानिंग है कि शहर में एक ऐसे स्थान ( सैनिटरी लैंडफिल) को विकसित किया जाए, जहां कचरे को दबाकर अपशिष्ट का निपटारा किया जा सके.
दरअसल, शहरों को गार्बेज फ्री और कचरे के बेहतर ट्रांसपोर्टेशन के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सिटीज 2.0 की घोषणा की थी, जिसमें प्रदेश की दो स्मार्ट सिटीज जयपुर और उदयपुर का सलेक्शन हुआ है. इन स्मार्ट सिटीज में फिलहाल कॉम्पोनेंट फाइनलाइज किया जा रहा है. ताकि इस कार्यक्रम के तहत मिलने वाले फंड से स्वच्छता की सप्लाई चैन को मजबूत किया जा सके.
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इस संबंध में जयपुर स्मार्ट सिटी सीईओ अभिषेक सुराणा ने बताया कि केंद्र सरकार के सिटीज 2.0 में जयपुर स्मार्ट सिटी का सलेक्शन हुआ है. इसके लिए कंपोनेंट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मुख्य रूप से जयपुर शहर में स्वच्छता की सप्लाई चैन की कमियों को दूर करने का प्रयास रहेगा. इसके तहत ट्रांसफर स्टेशन बनाना चाहते हैं. वहीं, फिलहाल जयपुर में सैनिटरी लैंडफिल नहीं है.
यानी ऐसी जगह जहां कचरे को दबाकर निस्तारित किया जा सके. प्लानिंग यही है कि केंद्र सरकार से सिटीज 2.0 के तहत जो भी फंड मिलेगा, उससे घरों से कचरा लेने से लेकर निस्तारित करने तक कचरा सड़क पर न आए. इस पूरी चैन को किस तरह डिजिटाइज्ड करना है, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर को कैसे अपग्रेड करना है, कैसे छोटे से छोटे स्तर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण और दूसरे ऑपरेशन को मॉनिटर कर सकते हैं, इस पर मुख्य रूप से काम किया जाएगा.
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आपको बता दें कि सिटीज 2.0 में कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगी भी शामिल हुए हैं. इसके तहत कुल 1760 करोड़ रुपए का लोन फ्रांस की डेवलपमेंट एजेंसी एएफडी, जर्मनी की केएफडब्ल्यू बैंक यूरोपियन यूनियन और एनआईयूए से मिलेगा. इसके अलावा 106 करोड़ रुपए तकनीकी सहायता के लिए मिलेंगे. ऐसे में इस पूरे कार्यक्रम के तहत 1866 करोड़ रुपए मिलेंगे. हर प्रोजेक्ट के लिए शहरों को करीब 80% तक सहायता मिलेगी. यह राशि 135 करोड़ रुपए तक हो सकती है.