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जयपुर मेट्रो के तकनीकी पद प्रतिनियुक्ति से भरने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 24, 2024, 8:09 PM IST

HC on Post Deputation, जयपुर मेट्रो के तकनीकी पद प्रतिनियुक्ति से भरने पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर मेट्रो के जूनियर इंजीनियर, स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन ऑपरेटर के पद 14 जुलाई 2024 के परिपत्र के जरिए प्रतिनियुक्ति से भरने पर जयपुर मेट्रो के चेयरमैन कम एमडी से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि यदि जयपुर मेट्रो में इन पदों को पर प्रतिनियुक्ति के जरिए भर्ती की जाती है तो वह याचिका के निर्णय के अधीन रहेगी. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश जयदेव कुमार व अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने बताया कि जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन राज्य सरकार की अंडरटेकिंग है और भविष्य में इसे भारत सरकार के संयुक्त उद्यम के तौर पर चलाया जाएगा. वहीं, इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जेएमआरसी भर्ती व सेवा नियम 2012 बनाए गए हैं. हाईकोर्ट के निर्देश पर कुछ पदों पर पदोन्नति के नियम भी बनाए हैं. जबकि मेंटेनर पद से कोई पदोन्नति नियम नहीं है. जबकि दिल्ली व अन्य मेट्रो में इस पद पर उप पदों से पदोन्नति के नियम हैं.

पढ़ें : स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022: हाईकोर्ट ने खाली रहे पदों को वेटिंग लिस्ट से नहीं भरने पर मांगा जवाब - RPSC School Lecturer Bharti 2022

याचिकाकर्ता कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट के पद पर साल 2013 से काम कर रहे हैं. उनकी पदोन्नति स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन कंट्रोलर के पद पर होनी है. इसके बावजूद जयपुर मेट्रो ने 14 जुलाई को एक परिपत्र जारी कर इन पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने का निर्णय लिया है. जबकि ये पद पदोन्नति के जरिए ही भरे जाने चाहिए. जयपुर मेट्रो के कर्मचारी कई सालों से इसका इंतजार कर रहे हैं. इसलिए मेट्रो प्रशासन को निर्देश दिए जाए कि इन पदों को प्रतिनियुक्ति के बजाए पदोन्नति के जरिए भरा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेट्रो प्रशासन से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर मेट्रो के जूनियर इंजीनियर, स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन ऑपरेटर के पद 14 जुलाई 2024 के परिपत्र के जरिए प्रतिनियुक्ति से भरने पर जयपुर मेट्रो के चेयरमैन कम एमडी से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि यदि जयपुर मेट्रो में इन पदों को पर प्रतिनियुक्ति के जरिए भर्ती की जाती है तो वह याचिका के निर्णय के अधीन रहेगी. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश जयदेव कुमार व अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने बताया कि जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन राज्य सरकार की अंडरटेकिंग है और भविष्य में इसे भारत सरकार के संयुक्त उद्यम के तौर पर चलाया जाएगा. वहीं, इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जेएमआरसी भर्ती व सेवा नियम 2012 बनाए गए हैं. हाईकोर्ट के निर्देश पर कुछ पदों पर पदोन्नति के नियम भी बनाए हैं. जबकि मेंटेनर पद से कोई पदोन्नति नियम नहीं है. जबकि दिल्ली व अन्य मेट्रो में इस पद पर उप पदों से पदोन्नति के नियम हैं.

पढ़ें : स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022: हाईकोर्ट ने खाली रहे पदों को वेटिंग लिस्ट से नहीं भरने पर मांगा जवाब - RPSC School Lecturer Bharti 2022

याचिकाकर्ता कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट के पद पर साल 2013 से काम कर रहे हैं. उनकी पदोन्नति स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन कंट्रोलर के पद पर होनी है. इसके बावजूद जयपुर मेट्रो ने 14 जुलाई को एक परिपत्र जारी कर इन पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने का निर्णय लिया है. जबकि ये पद पदोन्नति के जरिए ही भरे जाने चाहिए. जयपुर मेट्रो के कर्मचारी कई सालों से इसका इंतजार कर रहे हैं. इसलिए मेट्रो प्रशासन को निर्देश दिए जाए कि इन पदों को प्रतिनियुक्ति के बजाए पदोन्नति के जरिए भरा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेट्रो प्रशासन से जवाब तलब किया है.

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