जयपुर: राजस्थान में जयपुर स्थापना दिवस के अवसर पर जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय को श्रद्धा सुमन अर्पित कर दीपदान किया गया. जयपुर पूर्व राज परिवार से आने वाली उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस दीपदान कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जयपुर की विरासत आज भी कायम है और इसे बरकरार रखने की जिम्मेदारी सरकार, प्रशासन के साथ-साथ आम जनता की भी है.
जयपुर स्थापना दिवस को लेकर सोमवार को जयपुर वासियों में खासा उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही जहां स्टैच्यू सर्किल पर पहुंचे विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से सवाई जयसिंह की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. वहीं, शाम को चारों दिशाओं में नगाड़े बजाते हुए दसों दिशाओं में दीपदान किया गया. इस दौरान जयपुर का लोकनृत्य कच्ची घोड़ी का भी प्रदर्शन किया गया. वहीं, कॉलेज गर्ल्स ने घूमर की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में मौजूद रही उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सवाई जयसिंह द्वितीय के चित्र पर माल्यार्पण कर दीपदान किया.
साथ ही जयपुर स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भी जयपुर की विरासत कायम है और इसी विरासत को बचाने, संरक्षित करने की जिम्मेदारी जितनी प्रशासन और सरकार की है, उतनी ही आम नागरिक की भी है. इसलिए जयपुर को साफ रखें, सुरक्षित रखें और सुंदर बनाए रखें. ये आम जनता की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं और दीपदान किया गया. हर साल जयपुर स्थापना दिवस को भव्यता के साथ मनाया जाएगा और 2027 में जयपुर को 300 साल होने वाले हैं, उसे समय पूरे साल भर आयोजन किए जाएंगे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने यहां मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ सेल्फी पॉइंट पर फोटो भी क्लिक कराई.
— Diya Kumari (@KumariDiya) November 18, 2024
वहीं, कार्यक्रम के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि सवाई जयसिंह ने जिस वॉल सिटी को बसाया था, वो बहुत सुंदर है, लेकिन कुछ क्षेत्र अतिक्रमित हो गया, जिसकी वजह से ड्रेनेज सिस्टम फेल होना एक स्वाभाविक स्थिति बनी है. ट्रैफिक जाम भी एक बड़ी चुनौती है. इसको लेकर हम सभी की जिम्मेदारी है. बाकी प्रशासन और निगम अपना काम लगातार करता है अतिक्रमण हटा भी रहे हैं. इसके पीछे यही उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ी को उतना ही सुंदर जयपुर मिले, जिस रूप में इसे बसाया गया था.
उन्होंने कहा कि छोटी काशी जयपुर अब मेट्रो सिटी बन गई है. डेस्टिनेशन वेडिंग का बहुत बड़ा केंद्र बन चुकी है. इस जयपुर को सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा. उन्होंने दीया कुमारी के जयपुर को लेकर दिए गए विजन पर कहा कि हर व्यक्ति जयपुर के उसी स्वरूप में देखना चाहता है जैसा 300 साल पहले बसाया गया था. ये मॉड्यूल आज तक बरकरार है. इस धरोहर को संरक्षित रखा जाना चाहिए.
उधर, हेरिटेज नगर निगम की ओर से बीते एक महीने से चल रहा जयपुर समारोह का सोमवार को जयपुर लोकरंग उत्सव कार्यक्रम के साथ समापन हुआ. यहां राजस्थानी लोकगीतों और लोक नृत्य का ग्रांड फिनाले देखने को मिला और 150 से ज्यादा राजस्थानी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें गुलाबो सपेरा, थानू खां जैसे दिग्गज कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया. वहीं, जैसलमेर से आए कलाकारों ने भी प्रस्तुतियां दी. कोरियोग्राफर श्वेता पारीक की निर्देशन में घूमर नृत्य ने समां बांधा और आखिर में जमकर आतिशबाजी हुई. इस दौरान हेरिटेज और ग्रेटर दोनों नगर निगम की महापौर एक साथ नजर आईं और जयपुर एक होने का मैसेज दिया.