जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने दोषयुक्त वाहन बेचने व कई बार मरम्मत के बाद भी कार सही नहीं होने को गंभीर सेवा दोष मानते हुए कार विक्रेता आकड कार्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5.11 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने विक्रेता को निर्देश दिए हैं कि वह ग्राहक से खराब कार वापस लेकर उससे वसूली गई कीमत 33.05 लाख रुपए परिवाद दायर करने की तारीख से नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाए. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश निखिल अग्रवाल के परिवाद पर दिए.
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 6 जुलाई 2022 को आकड कार्स से 33.05 लाख रुपए में एक जीप कम्पास खरीदी थी. कार की डिलीवरी लेने के बाद मंदिर जाते समय कार कई बार बंद हुई और उसके गियर अटक रहे थे. एसी बंद हो रहा था और पीछे का लॉक भी बार-बार बंद हो रहा था. उसने मंदिर से आने के बाद विपक्षी के शोरूम जाकर उसकी कमियां बताई. जिस पर विपक्षी के प्रतिनिधि ने कहा कि कार का सिस्टम अपडेट नहीं है और उसे वर्कशॉप पर बुलाया.
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वर्कशॉप जाने पर वाहन का सिस्टम अपडेट करने की बात कही, लेकिन इस दौरान वाहन के पीछे के डोर का लॉक फ्री हो गया. वहीं, राइट साइड के गेट का ग्लास खोलते ही उसमें मोटर की तेज आवाज आना शुरू हो गई. उसने वापस विपक्षी को कार दिखाई तो कमियां दूर करने का आश्वासन दिया, लेकिन फिर भी कार में कोई न कोई कमी आती रही. कार का माइलेज 4 से 5 किमी रहा, जबकि बेचते समय 15 से 20 किमी माइलेज देना बताया था. इसे परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए दोषयुक्त कार को बदलकर नई कार देने या कार की कीमत हर्जा-खर्चा सहित वापस दिलाया जाए.