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जयपुर बम ब्लास्ट केस, जिंदा बम प्रकरण में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत पर बहस पूरी

जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट में जिंदा बम प्रकरण में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस पूरी हो गई है.

Jaipur bomb blast case,  anticipatory bail of two accused
जिंदा बम प्रकरण में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत पर बहस पूरी.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 9:18 PM IST

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट में मंगलवार को जिंदा बम प्रकरण में तिहाड़ जेल में बंद दो आरोपियों आरिज खान और असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी की अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस पूरी हो गई है. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अर्जी पर 6 फरवरी को फैसला देना तय किया है. जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान एक बम जिंदा मिला था.

जमानत अर्जी में अधिवक्ता मिनाजउल हक ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी घटना के कई सालों बाद उनके खिलाफ अपराध प्रमाणित मानकर गलत तरीके से अनुसंधान कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं, जबकि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. जांच अधिकारी को यह जानकारी थी कि वे 2013 से ही तिहाड़ जेल में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इसके बावजूद भी पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज केस में कोई अनुसंधान नहीं किया और न ही उन्हें गिरफ्तार किया. वहीं कोर्ट ने भी 21 अक्टूबर 2022 के आदेश में माना है कि प्रार्थी आरोपियों के खिलाफ अनुसंधान अधिकारी ने चालान पेश नहीं किया है और अनुसंधान पेंडिंग रखा है.

पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने जिंदा बम के आरोपी सरवर की जमानत रखी बरकरार, सरकार की एसएलपी खारिज

वे जमानत की सभी शर्तों को पूरा करने के लिए तैयार हैं, इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार ने कहा कि आरोपी आरिज उर्फ जुनैद ने अन्य आरोपी मिर्जा शादाब बेग, आतीफ अमीन व सैफुर्रहमान के मोबाइल नंबर पर बात की थी. ये आरोपी जयपुर बम ब्लास्ट के आपराधिक षडयंत्र में शामिल रहे हैं. इसके अलावा आरोपी आरिज ने 11 मई 2008 को जयपुर आकर रेकी की थी और एक जगह पर बम रखकर ब्लास्ट किया था, जबकि आरोपी असदुल्ला ने एनआईए के एक अन्य केस में मियापुर में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों में माना है कि देशभर में किए गए कई बम ब्लास्ट के साथ ही 2008 में जयपुर में हुए बम ब्लास्ट में भी आरोपियों के साथ शामिल रहे थे. ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाए.

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट में मंगलवार को जिंदा बम प्रकरण में तिहाड़ जेल में बंद दो आरोपियों आरिज खान और असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी की अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस पूरी हो गई है. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अर्जी पर 6 फरवरी को फैसला देना तय किया है. जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान एक बम जिंदा मिला था.

जमानत अर्जी में अधिवक्ता मिनाजउल हक ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी घटना के कई सालों बाद उनके खिलाफ अपराध प्रमाणित मानकर गलत तरीके से अनुसंधान कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं, जबकि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. जांच अधिकारी को यह जानकारी थी कि वे 2013 से ही तिहाड़ जेल में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इसके बावजूद भी पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज केस में कोई अनुसंधान नहीं किया और न ही उन्हें गिरफ्तार किया. वहीं कोर्ट ने भी 21 अक्टूबर 2022 के आदेश में माना है कि प्रार्थी आरोपियों के खिलाफ अनुसंधान अधिकारी ने चालान पेश नहीं किया है और अनुसंधान पेंडिंग रखा है.

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वे जमानत की सभी शर्तों को पूरा करने के लिए तैयार हैं, इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार ने कहा कि आरोपी आरिज उर्फ जुनैद ने अन्य आरोपी मिर्जा शादाब बेग, आतीफ अमीन व सैफुर्रहमान के मोबाइल नंबर पर बात की थी. ये आरोपी जयपुर बम ब्लास्ट के आपराधिक षडयंत्र में शामिल रहे हैं. इसके अलावा आरोपी आरिज ने 11 मई 2008 को जयपुर आकर रेकी की थी और एक जगह पर बम रखकर ब्लास्ट किया था, जबकि आरोपी असदुल्ला ने एनआईए के एक अन्य केस में मियापुर में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों में माना है कि देशभर में किए गए कई बम ब्लास्ट के साथ ही 2008 में जयपुर में हुए बम ब्लास्ट में भी आरोपियों के साथ शामिल रहे थे. ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाए.

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